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सावधान! बगैर परीक्षा लर्निग लाइसेंस पर शहर में दौड़ रहे वाहन

कोयलांचल में नियमों को दरकिनार कर बगैर परीक्षा लर्निग लाइसेंस वाले बेधड़क वाहन दौड़ा रहे हैं।

By JagranEdited By: Published: Mon, 23 Jul 2018 10:51 AM (IST)Updated: Mon, 23 Jul 2018 10:51 AM (IST)
सावधान! बगैर परीक्षा लर्निग लाइसेंस पर शहर में दौड़ रहे वाहन
सावधान! बगैर परीक्षा लर्निग लाइसेंस पर शहर में दौड़ रहे वाहन

जागरण संवाददाता, धनबाद: कोयलांचल में नियमों को दरकिनार कर बगैर परीक्षा लर्निग लाइसेंस वाले बेधड़क वाहन दौड़ा रहे हैं। ये प्रशिक्षु चालक हादसों को न्योता बांट रहे हैं। लाइसेंस पाने के लिए न परीक्षा न नियमों की समझ, बस आवेदन दीजिए और एक सप्ताह में प्रशिक्षु लाइसेंस बन कर तैयार।

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क्या है अधिनियम: केंद्रीय मोटर अधिनियम 1989 की धारा 11 (1) व (2) के तहत प्रशिक्षु चालकों को यातायात सकेंत, सिग्नल के साथ साथ सड़क नियमों की जानकारी अनिवार्य है। प्रशिक्षु लाइसेंस देने से पूर्व चालक को इनसे संबंधित कम से कम 60 प्रतिशत सही सवालों का जवाब देना अनिवार्य है। चूंकि यहां ट्रैक की व्यवस्था नहीं है इसलिए इन सवालों के जरिए प्रशिक्षु चालकों यह पता लगाया जा सकता है कि चालकों को ड्राइविंग के तौर-तरीकों की समझ है या नहीं।

अकेले नहीं कर सकते ड्राइव: लर्निग लाइसेंस धारक अकेले वाहन ड्राइव नहीं कर सकते हैं। नियमानुसार ऐसे लोगों के साथ एक पूर्ण प्रशिक्षित ड्राइवर मौजूद रहना चाहिए। प्रशिक्षु ड्राइवर को टै्रफिक नियमों के अलावा सड़क पर चलने का व्यवहारिक ज्ञान होना चाहिए। यदि कोई व्यक्ति बिना किसी पूर्ण प्रशिक्षित ड्राइवर की मौजूदगी के वाहन चला रहा है तो उसके खिलाफ कार्रवाई का नियम भी है। 500 रुपये जुर्माना और गलती सामने आने पर लाइसेंस रद करने तक का प्रावधान है।

रोजाना जारी होते हैं 80 लर्निग लाइसेंस: जिला परिवहन विभाग से प्रत्येक दिन करीब 80 प्रशिक्षु लाइसेंस जारी होते हैं। विभाग में प्रतिदिन 190-200 के बीच लर्निग लाइसेंस के आवेदन आते हैं। उन आवेदन के दस्तावेज की जांच के बाद एक सप्ताह के भीतर लर्निग लाइसेंस जारी कर दिया जाता है।

लर्निग मार्क लगाना जरूरी: लर्निग लाइसेंस लेने वालों के वाहन चलाने के लिए नियम कानून तय हैं। ड्राइवर को अपने वाहन पर प्रशिक्षु यानी लर्निग का मार्क एल अंग्रेजी के बड़े अक्षरों में बनवाना जरूरी होता है। लेकिन यहां इक्का दुक्का वाहनों में ही एल मार्क नजर आता है। वाहनों में आगे-पीछे एल मार्क देखकर आसपास से गुजरने वाले सजग हो जाते हैं। यह मान लिया जाता है कि ड्राइवर पूरी तरह वाहन चलाने में दक्ष नहीं है। इसलिए लोग खुद अपनी सुरक्षा का ध्यान रखते हुए ऐसे वाहन चालकों के आसपास से निकलते हैं।


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