हे राम! खून के रिश्ते बनाने को नहीं मिल रहे फरिश्ते
खून की व्यवस्था नहीं होने के कारण किसी का ऑपरेशन नहीं हो पा रहा है तो किसी बीमार की जान पर खतरा बढ़ गया है। पीएमसीएच ब्लड बैंक में रोजाना करीब 50 यूनिट खून की आवश्यकता पड़ती है।
धनबाद, जेएनएन। जलसंकट के लिए विख्यात कोयलांचल फिलहाल खून की अनमोल बूंदों के लिए भी तरस रहा है। पीएमसीएच में स्थित कोयलांचल का सरकारी ब्लड बैंक इस समय पूरी तरह सूखे की स्थिति में पहुंच चुका है। इस ब्लड बैंक में सामान्य ग्रुप के खून का भी स्टॉक नहीं है। ऐसे में मरीजों को जबरदस्त परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। मरीजों के परिजनों को खून के इंतजाम के लिए दर-दर भटकना पड़ रहा है। खून की व्यवस्था नहीं होने के कारण किसी का ऑपरेशन नहीं हो पा रहा है तो किसी बीमार की जान पर खतरा बढ़ गया है। पीएमसीएच ब्लड बैंक में रोजाना करीब 50 यूनिट खून की आवश्यकता पड़ती है लेकिन यहां स्टॉक में महज चार-पांच यूनिट ब्लड ही उपलब्ध है। ऐसे में रोजाना खून के इंतजाम के लिए यहां हाय तौबा मच रही है। कोयलांचल के स्वैच्छिक रक्तदाता जरूरतमंदों को बढ़ चढ़कर रक्त उपलब्ध करा रहे हैं लेकिन मांग काफी ज्यादा है। ऐसे में ज्यादा रक्तदान नहीं होने से सबकी जरूरत पूरी नहीं हो सकेगी।
स्वैच्छिक रक्तदाता दे रहे जरूरतमंदों को जिंदगीः धनबाद में मरीजों के लिए खून के इंतजाम में परेशान परिजनों के लिए स्वैच्छिक रक्तदाता उम्मीद की किरण बन रहे हैं। शनिवार को भी तीन जरूरतमंदों के लिए स्वैच्छिक रक्तदाताओं ने खून का इंतजाम किया। इनमें थैलेसीमिया पीडि़त बच्चे मोहित और केशव के लिए समाजसेविका शालिनी खन्ना के अनुरोध पर पुरूषोत्तम रिटोलिया और कमलेश सिंह ने रक्तदान किया। वहीं आठ वर्षीय थैलेसीमिया पीडि़त सुदीप के लिए उनके ही अनुरोध पर भूली की महिला मीरा ने रक्तदान किया। वह बोकारो अपने रिश्तेदार के घर पर थीं पर बच्चे की नाजुक स्थिति को देख बोकारो से धनबाद आकर रक्तदान किया।
वहीं शुक्रवार को रक्तदान महादान समूह के अंकित राजगढिय़ा की पहल पर आठ जरूरतमंदों को स्वैच्छिक रक्तदाताओं ने खून उपलब्ध कराया। इनमें गीता देवी को चतुर्भूज ने, मंजू देवी को सैंकी गुप्ता ने, थैलेसीमिया पीडि़त बच्चे के लिए विनोद अग्रवाल ने, सिंहेश्वर प्रसाद के लिए उमेश कुमार ने, देवकी मरांडी के लिए अमर कश्यप आदि ने रक्तदान किया।
10 घंटे तक नहीं मिला सरकारी एंबुलेंस, मरीज की हालत बिगड़ीः पीएमसीएच में भर्ती किडनी के मरीज दिलीप विश्वकर्मा को बेहतर इलाज के लिए रांची जाने के लिए शनिवार को 10 घंटे तक सरकारी एंबुलेंस की सुविधा नहीं मिली। मरीज को पीएमसीएच में डायलिसिस के लिए लाया गया था पर वहां जलसंकट के कारण डायलिसिस नहीं हो पाया। डॉक्टरों ने मरीज को रांची ले जाने की सलाह दी। गरीब परिजनों ने मरीज को रांची ले जाने के लिए 108 नंबर डायल कर निश्शुल्क एंबुलेंस की मांग की। दिन में 11 बजे से रात के 10 बजे तक परिजन 108 नंबर पर डायल कर निश्शुल्क एंबुलेंस की मांग करते रहे पर कोई मदद नहीं मिली। कभी गाड़ी खराब होने की बात कही गई तो कभी गाड़ी के रांची में होने की जानकारी दी गई। परिजन करीब 10 घंटे पीएमसीएच में ही निश्शुल्क एंबुलेंस पहुंचने का इंतजार करते रहे। इधर मरीज की गंभीर स्थिति को देखते हुए परिजनों ने उपायुक्त को मामले की जानकारी दी। इसके बाद उपायुक्त के हस्तक्षेप से मरीज को रांची भेजने की व्यवस्था रेडक्रास के एंबुलेंस के सहारे की गई।
पीएमसीएच में टैंकर के पानी के सहारे ऑपरेशन, डायलिसिस पर आफतः पीएमसीएच में जलसंकट के कारण ऑपरेशन और डायलिसिस पर संकट उत्पन्न हो गया है। शनिवार को टैंकर से पानी मंगाकर अस्पताल में कुछ मरीजों का ऑपरेशन किया गया वहीं पानी खत्म होने के कारण सभी मरीजों का डायलिसिस नहीं किया जा सका। अस्पताल अधीक्षक डॉ. एचके सिंह ने जरूरत के हिसाब से रविवार से और पानी मंगाने का प्रयास किया जाएगा। जलसंकट के कारण यहां हाहाकार मचा है।