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Attention: मोबाइल का नेटवर्क गायब हो तो संभल जाएं, यह तरकीब अपना महाराजगंज सांसद की विकास निधि से उड़ाई गई 89 लाख रुपये

साहिबगंज से अतुल शक्ति नामक युवक को हाल में आर्थिक अपराध अनुसंधान विभाग की टीम ने सांसद निधि खाते से रकम निकालने में गिरफ्तार किया। जांच-पड़ताल में पता लगा कि सांसद निधि खाते की चेक का क्लोन तैयार कर रकम की निकासी की गई।

By MritunjayEdited By: Published: Mon, 26 Jul 2021 05:28 PM (IST)Updated: Mon, 26 Jul 2021 05:28 PM (IST)
Attention: मोबाइल का नेटवर्क गायब हो तो संभल जाएं, यह तरकीब अपना महाराजगंज सांसद की विकास निधि से उड़ाई गई 89 लाख रुपये
क्लोन बना सांसद निधि खाते से निकासी ( सांकेतिक फोटो)।

डा. प्रणेश, साहिबगंज। अगर आपके मोबाइल का नेटवर्क गायब हो गया हो तो हल्के में न लें। जिस कंपनी के सिम प्रयोग कर रहे हैं तत्काल उसी कंपनी के किसी दूसरे उपभोक्ता से नेटवर्क के बारे में जानकारी लें। अगर उनके मोबाइल में नेटवर्क है तो तुरंत सजग हों क्योंकि आपके दस्तावेज का दुरुपयोग कर साइबर अपराधी आपके नाम का सिम निकाल चुके होंगे, वे आपकी रकम उड़ा देंगे। हाल में ऐसे मामले सामने आए हैं। बिहार के महाराजगंज के सांसद जनार्दन सिंह सिग्रीवाल के सांसद निधि खाते से 89 लाख रुपये निकालने में ऐसा ही हुआ।

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चेक का क्लोन तैयार कर निकाली गई राशि

दरअसल, साहिबगंज से अतुल शक्ति नामक युवक को हाल में आर्थिक अपराध अनुसंधान विभाग की टीम ने सांसद निधि खाते से रकम निकालने में गिरफ्तार किया। जांच-पड़ताल में पता लगा कि सांसद निधि खाते की चेक का क्लोन तैयार कर रकम की निकासी की गई। जिस चेक का क्लोन बना, उसकी वास्तविक कापी छपरा के योजना पदाधिकारी विधानचंद्र राय के पास थी। अपराधियों ने विधानचंद्र राय के नाम का दूसरा सिम निर्गत कराया। वह सिम सांसद निधि खाते से जुड़ा था। बैंक के अधिकारी ने चेक क्लियर करने से पूर्व पुष्टि के लिए फोन किया तो साइबर अपराधियों ने ही पुष्टि कर दी। सिम निकालने के लिए जरूरी सनहा में साइबर अपराधियों ने थानेदार के फर्जी हस्ताक्षर व मुहर का उपयोग कर निकाल लिया। घटना से तीन दिन पहले जिला योजना पदाधिकारी के मोबाइल का नेटवर्क गायब हो गया था। इसे उन्होंने गंभीरता से नहीं लिया। जब दूसरा सिम निर्गत कराया, तब तक ठग घटना को अंजाम दे चुके थे।

दस्तावेज का करते जुगाड़, फिर वारदात

साइबर आरोपित अपने टार्गेट का आधार कार्ड, वोटर आइडी, फोटो व अन्य दस्तावेज का दुरुपयोग कर उसके नाम पर दूसरा सिम निकालते हैं। झारखंड में भी ऐसे मामले सामने आए हैं। अभी रिजर्व बैंक ने यह नियम बनाया है कि चेक के माध्यम से एक लाख रुपये से अधिक की निकासी पर बैंककर्मी खाताधारक से निबंधित मोबाइल नंबर पर बात करेगा। इसलिए साइबर अपराधी बड़ी घटना को अंजाम देने के पूर्व ऐसी तैयारी करते हैं। संबंधित खाताधारक को किस नंबर की चेक आवंटित हुई हैं, उसका नंबर हासिल करते हैं, क्लोन बनाने के बाद सिम का प्रबंध कर रकम निकाल लेते हैं। सांसद निधि निकालने के मामले में पांच लोगों को पकड़ा जा चुका है। यह रकम महाराष्ट्र के एक खाताधारक के अकाउंट में भेजी गई थी।

दस्तावेज का दुरुपयोग कर साइबर अपराधी दूसरे के नाम पर सिम निकालते हैं। ऐसी स्थिति में सही मोबाइलधारक के फोन का नेटवर्क गायब हो जाता है। अगर आपके साथ ऐसा होता है तो दूसरा सिम जारी न हो, इसके लिए उपाय करें। बैंक को सूचित कर दें। अपने मोबाइल पर आनेवाले मैसेज को ठीक से पढ़ें। अननोन लिंक न छुएं। अपनी तस्वीर, आधार व अन्य जरूरी दस्तावेज इंटरनेट मीडिया पर सार्वजनिक न करें।

-यशोधरा, डीएसपी, साइबर सेल, रांची


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