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Chandra Grahan 2021: आज साल का आखिरी चंद्रग्रहण, जानें भारत में कहां-कहां दिखेगा और इसका सूतक

Chandra Grahan 2021 इस साल 19 नवंबर को कार्तिक पूर्णिमा है। संयोग से इस तिथि को साल का आखिरी चंद्र ग्रहण लगने जा रहा है। यह चंद्र ग्रहण कई नजरिए से खास रहने वाला है। साल का यह आखिरी चंद्र ग्रहण वृषभ और कृतिका नक्षत्र में लगेगा।

By MritunjayEdited By: Published: Thu, 18 Nov 2021 06:18 AM (IST)Updated: Fri, 19 Nov 2021 08:16 AM (IST)
Chandra Grahan 2021: आज साल का आखिरी चंद्रग्रहण, जानें भारत में कहां-कहां दिखेगा और इसका सूतक
साल का आखिरी चंद्रग्रहण ( प्रतीकात्मक फोटो)।

जागरण संवाददाता, धनबाद। Chandra Grahan (Lunar Eclipse) 2021 साल 2021 बीत रहा है। इसी के साथ साल का आखिरी चंद्रग्रहण भी नजदीक का आ गया। इस बार कार्तिक पूर्णिमा तिथि पर साल का आखिरी चंद्र ग्रहण लगने जा रहा है। यह चंद्र ग्रहण कई नजरिए से खास रहने वाला है। 19 नवंबर को यह चंद्रग्रहण वृषभ राशि और कृ्त्तिका नक्षत्र में लगेगा। खास बात यह है कि यह चंद्र ग्रहण काफी देर तक रहेगा। इस चंद्रग्रहण के बाद ही अगले महीने यानी 4 दिसंबर को सूर्य ग्रहण भी लगेगा। एक तरफ जहां इस महीने सबसे बड़े और सबसे ज्यादा शुभ फल देने वाले ग्रह बृहस्पति अपनी राशि बदलेंगे, तो दूसरी तरफ साल का आखिर चंद्रग्रहण भी लगेगा। वैज्ञानिक नजरिए से ग्रहण एक खगोलीय घटना मानी गई, जबकि धार्मिक नजरिए से ग्रहण का लगना अशुभ माना गया है। ग्रहण के दौरान और सूतक काल लगने पर कई कार्यों को करना वर्जित हो जाता है। 19 नवंबर को साल का आखिरी चंद्रग्रहण लगने जा रहा है। यह चंद्रग्रहण काफी देर तक लगेगा। आइए जानते हैं इस ग्रहण का 12 राशियों पर क्या असर पड़ने वाला है। 

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चंद्र ग्रहण का राशियों पर प्रभाव

साल का यह आखिरी चंद्र ग्रहण वृषभ और कृतिका नक्षत्र में लगेगा। चंद्र ग्रहण का कुछ राशियों पर अच्छा तो कुछ के ऊपर इसका नकारात्मक प्रभाव देखने को मिल सकता है। ज्योतिष गणना के अनुसार तुला, कुंभ और मीन राशि वालों के लिए यह चंद्र ग्रहण सामान्य परिणाम लेकर आने वाला होगा। करियर में अच्छे मौके मिलेंगे। सफलता मिलने की संभावना अब से ज्यादा बढ़ जाएगी। नौकरी और बिजनेस में अच्छे परिणाम मिलेंगे। बाधाएं कम आएंगे। धन लाभ के संकेत हैं। चंद्र ग्रहण जब लगता है तो माना जाता है कि ये देश-दुनिया के साथ सभी राशियों को भी प्रभावित करता है। चंद्र ग्रहण लगने में अब कुछ ही दिन शेष रह गए हैं। चंद्र ग्रहण के दौरान विशेष सावधानी बरतनी चाहिए। 

वृषभ राशि में लग रहा चंद्रग्रहण, विशेष सावधानी की जरूरत

इस बार का चद्र ग्रहण वृषभ राशि में लगने जा रहा है। इसलिए सबसे अधिक प्रभाव वृषभ राशि वालों पर देखने को मिलेगा। चंद्र ग्रहण कृत्तिका नक्षत्र में लग रहा है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार कृत्तिका नक्षत्र सूर्य का नक्षत्र माना जाता है। इसलिए जिन लोगों का जन्म कृत्तिका नक्षत्र में हुआ है, उन्हें सावधानी बरतने की जरूरत है। मेष राशि पर चंद्र ग्रहण का प्रभाव देखने को मिलेगा। धन और सेहत के मामले में सावधानी बरतें. जल्दबाजी में महत्वपूर्ण कार्यों को करने से बचें। वृषभ राशि में ही चंद्र ग्रहण लग रहा है। इसलिए विशेष सावधानी बरतने की जरूरत है। तनाव और विवादों से दूर रहें। वाहन प्रयोग में सावधानी बरतें. क्रोध, अहंकार और भ्रम की स्थिति से दूर रहने का प्रयास करें। सिंह राशि भी प्रभावित हो होगा। चंद्र ग्रहण कृत्तिका नक्षत्र में लग रहा है। कृत्तिका नक्षत्र के स्वामी सूर्य हैं। सूर्य सिंह राशि के स्वामी है। इसलिए स्वभाव में विनम्रता और वाणी में मधुरता बनाए रखें। अधिकारों का गलत प्रयोग न करें। कार्यस्थल पर चुनौती और तनाव की स्थिति बन सकती है। धैर्य बनाए रखें। अहंकार न करें।

चंद्र ग्रहण का समय और कहां-कहां दिखाई देगा

साल का यह आखिरी चंद्रग्रहण 19 नवंबर को लगेगा। यह एक खंडग्रास चंद्र ग्रहण होगा। हिंदू पंचांग के अनुसार चंद्र ग्रहण हमेशा पूर्णिमा तिथि पर ही लगता है। ऐसे में इस बार यह कार्तिक शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि यानी 19 नवंबर को लगेगा। भारतीय समय के अनुसार ग्रहण की शुरुआत सुबह 11 बजकर 34 मिनट से होगी, जिसकी समापन शाम के 05 बजकर 33 मिनट पर होगा। ऐसे में यह ग्रहण काफी लंबे समय तक रहेगा। ग्रहणकाल की कुल अवधि लगभग 05 घंटे 59 मिनट तक होगी। साल का यह आखिरी चंद्रग्रहण यूरोप, अमेरिका, पश्चिमी अफ्रीका, इंडोनेशिया, रूस, चीन, ऑस्ट्रेलिया और ब्रिटेन में साफ दिखाई देगा। अगर भारत की बात की जाय तो यह ग्रहण शाम के समय अरुणाचल प्रदेश के कुछ हिस्सों में दिखाई देगा।

क्या सूतक लगेगा

भारत में यह ग्रहण एक उपच्छाया चंद्र ग्रहण होगा। जिस कारण से इसका सूतक काल मान्य नहीं होगा। इस ग्रहण को भारत में न देखे जाने के कारण इसका कोई भी असर जनमानस के ऊपर नहीं पड़ेगा। ज्योतिष और धार्मिक नजरिए से जब ग्रहण मात्र एक उपच्छाया ग्रहण होता है तब सूतक काल प्रभावी नहीं होता है। चंद्र ग्रहण में सूतक काल ग्रहण के पांच घंटे पहले से ही शुरू हो जाता है।


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