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कोयला मंत्री को बीसीसीएल ने दिखाई बनावटी आग, जानिए फिर क्या हुआ अंजाम

बीसीसीएल के अधिकारी जब कोयला मंत्री को आउटसोर्सिंग परियोजनाओं की जानकारी दे रहे थे तो उन्होंने कई सवाल पूछे। अधिकारी मंत्री को अपने जवाबों से संतुष्ट नहीं कर पाए।

By mritunjayEdited By: Published: Wed, 17 Oct 2018 09:06 PM (IST)Updated: Fri, 19 Oct 2018 12:56 PM (IST)
कोयला मंत्री को बीसीसीएल ने दिखाई बनावटी आग, जानिए फिर क्या हुआ अंजाम
कोयला मंत्री को बीसीसीएल ने दिखाई बनावटी आग, जानिए फिर क्या हुआ अंजाम

 धनबाद, जेएनएन। कोयला मंत्रालय भारत सरकार के निर्देश पर कोल इंडिया ने भारत कोकिंग कोल लिमिटेड (बीसीसीएल) के सीएमडी अजय कुमार सिंह को डिमोट कर ईसीएल में महाप्रबंधक पद पर योगदान देने का पत्र जारी कर दिया है। पत्र में सिंह को पदमुक्त करने और डिमोट करने का कोई खास कारण नहीं बताया गया है। पदमुक्त करने को लेकर जिन बातों की चर्चा कोल इंडिया और बीसीसीएल के गलियारे में हो रही है वह नई नहीं हैं। जिन घपले-घोटालों की वजह गिनाई जा रही हैं वह पुरानी हैं। फिर क्या वजह कि केंद्रीय कोयला मंत्री पीयूष गोयल के धनबाद दौरे के तीन दिन बाद ही सीएमडी नप गए? आइए जानते हैं वो पांच प्रमुख कारण जिसकी वजह से सिंह अर्श से फर्श पर लुढ़क गए। 

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बीसीसीएल ने कोयला मंत्री को दिखाई बनावटी आग : केंद्रीय कोयला और रेल मंत्री पीयूष गोयल 13 अक्टूबर को डेढ़ घंटे के दौरे पर धनबाद आए थे। वह हेलीकॉप्टर से बलियापुर हवाईपïट्टी पर उतरे। यहां से बीसीसीएल के अधिकारी उन्हें लेकर लोदना क्षेत्र के नार्थ तिसरा और साउथ तिसरा प्रोजेक्ट लेकर गए। परियोजना को विस्तार देने के लिए बीसीसीएल चाहती है कि क्षेत्र के रिहाइशी इलाकों को जल्द से जल्द खाली कराया जाय। यहां बसे लोगों को हटाया जाय। हटाने के लिए भूमिगत आग और भू-धंसान से स्थानीय लोगों की जान-माल को खतरा बताया गया। चर्चा है कि मंत्री को दिखाने के लिए ज्वलनशील पदार्थ गिराकर आग भड़काई गई। मंत्री आग को देखकर आश्चर्यचकित हुए। बाद में भाजपा के कुछ नेताओं ने हकीकत बताई तो मंत्री का पारा सातवें आसमान पर पहुंच गया। 

कोयले के अवैज्ञानिक खनन से बढ़ी नाराजगी : बीसीसीएल के अधिकारी जब कोयला मंत्री को आउटसोर्सिंग परियोजनाओं की जानकारी दे रहे थे तो उन्होंने कई सवाल पूछे। अधिकारी मंत्री को अपने जवाबों से संतुष्ट नहीं कर पाए। ओवरबर्डेन (ओबी) को देख मंत्री ने सवाल पूछे कि यह क्या है? जवाब दिया गया है कि यह मिïट्टी और पत्थर है। मंत्री का अगला सवाल था कि ओबी के नीचे कोयला है या नहीं? कोयला है तो कैसे निकाला जाएगा? अधिकारियों ने गुमराह करते हुए कहा कि नीचे कोयला नहीं है। निकाला जा चुका है। मंत्री को गुमराह कर अधिकारियों ने भूल की। उन्होंने अवैज्ञानिक तरीके से कोयले खनन को गंभीरता से लेते हुए तत्काल अधिकारियों को फटकार भी लगाई। 

सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट प्लांट के लिए जमीन का मामला भी बना कारण : दो साल पहले साल 2016 में कोयला मंत्री पीयूष गोयल केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार के दो साल पूरे होने पर धनबाद में विकास पर्व मनाने आए थे। धनबाद नगर निगम के मेयर चंद्रशेखर अग्रवाल ने सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट प्लांट के लिए मंत्री के सामने बीसीसीएल से जमीन की मांग की थी। मंत्री ने नगर निगम को जमीन मुहैया कराने के लिए बीसीसीएल को निर्देश दिया था। दो साल बाद भी उनके निर्देश का पालन नहीं हुआ। धनबाद दौरे के दौरान यह जानकारी मंत्री को दी गई तो वह नाराज हुए। हालांकि जब आदेश दिया गया था तब अजय कुमार सिंह सीएमडी नहीं थे। 

चर्चित ठेकेदार से अधिकारियों की नजदीकियां : बीसीसीएल के कतिपय अधिकारी एक चर्चित और बदनाम ठेकेदार के इशारे पर काम करते हैं। इसकी लगातार शिकायतें कई मजदूर संगठनों के प्रतिनिधि पत्र के माध्यम से मंत्री से करते आ रहे हैं। शिकायतों के बाद भी बीसीसीएल के अधिकारी बाज नहीं आ रहे थे। ठेकेदार को आउटसोर्सिंग का ठेका देने और दिलाने के लिए कुछ अधिकारी नियम-कानून से परे जाकर काम करते हैं। इस मामले की सीवीसी जांच भी चल रही है। धनबाद से जाते ही सीएमडी पर कार्रवाई कर कोयला मंत्री ने संदेश देने का काम किया है कि वह घपले-घोटाले को बर्दाश्त करने वाले नहीं हैं। 

ईसीएल के घपले-घोटाले कर रहे थे पीछा : अजय कुमार सिंह कोल इंडिया की अनुषंगी इकाई ईसीएल से आए थे। वहां सलानपुर एरिया में जीएम रहते हुए अजय समेत पांच दर्जन अधिकारियों पर आउटसोर्सिंग कंपनी का काम पूरा हुए बिना उसे फोर क्लोजर करने (अधूरा काम छोडऩे के बावजूद पूरा बताना) के मामले में घिरे हुए हैं। यह मामला पिछले दिनों कोल स्टैंडिंग कमेटी में उठा था। इस कमेटी ने भी सीबीआइ जांच की सिपारिश की है। 


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