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एक होगी केंदुआ-गोपालीचक खदानें, 12 लाख टन बढ़ेगा उत्पादन

बीसीसीएल केंदुआ व गोपालीचक कोयला खदानों का एकीकरण करेगी। उत्पादन बढ़ाने के लिए जमीन की किल्लत से जूझ रही कंपनी को इससे तकरीबन 150 हेक्टेयर जमीन प्राप्त होने की संभावना है। एकीकरण हो गया तो इससे सालाना 12 लाख टन कोयला का उत्पादन बढ़ सकता है।

By JagranEdited By: Published: Sun, 24 Jan 2021 11:55 PM (IST)Updated: Sun, 24 Jan 2021 11:55 PM (IST)
एक होगी केंदुआ-गोपालीचक खदानें, 12 लाख टन बढ़ेगा उत्पादन
एक होगी केंदुआ-गोपालीचक खदानें, 12 लाख टन बढ़ेगा उत्पादन

जागरण संवाददाता, धनबाद : बीसीसीएल केंदुआ व गोपालीचक कोयला खदानों का एकीकरण करेगी। उत्पादन बढ़ाने के लिए जमीन की किल्लत से जूझ रही कंपनी को इससे तकरीबन 150 हेक्टेयर जमीन प्राप्त होने की संभावना है। एकीकरण हो गया तो इससे सालाना 12 लाख टन कोयला का उत्पादन बढ़ सकता है।

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रविवार को इस एकीकरण प्रक्रिया पर सीएमडी गोपाल सिंह ने पुटकी बलिहारी क्षेत्र के पदाधिकारियों के साथ बैठक की। उन्होंने अधिकारियों से इसका प्रोजेक्ट रिपोर्ट बनाने को कहा है। साथ ही सुभाष सेंटर के लिए भी जमीन चिह्नित करने का निर्देश दिया। इस दौरान प्रोजेक्ट एंड प्लानिग के भी अधिकारी मौजूद थे। यह है योजना :

गोपालीचक परियोजना के बाद अब खनन को जगह नहीं बची है। आउटसोर्सिंग कंपनी के जरिए एक बार इसके विकास की कोशिश हुई थी लेकिन नेहरू उद्यान की जमीन अधिग्रहित करने पर स्थानीय लोगों के आक्रोश की वजह से उसे छोड़ दिया गया। नई योजना के तहत गोपालीचक से केंदुआ-कुस्तौर सड़क तक खदान का विकास करना है।

पहले भी बनी थी योजना :

इस तरह की योजना पहले भी बनाई गई थी। इसका प्रोजेक्ट रिपोर्ट तैयार कर कंपनी को सौंपा गया था। उसमें नेशनल हाईवे और नेहरू उद्यान को भी परियोजना में शामिल करना था। विरोध की वजह से अब इन दोनों को छोड़ अस्पताल तक के इलाके को शामिल किया गया है। इससे तकरीबन 150 हेक्टेयर जमीन प्राप्त होगी।

यह है परेशानी :

इस परियोजना की राह में अभी भी कई रोड़े हैं। इनमें बरारी वर्कशॉप व गांधी ग्राम के पास से अतिक्रमणकारियों को हटाना भी शामिल है। इसकी जानकारी रविवार की बैठक में दी गई। सीएमडी ने एक-दो दिन में फिर बैठक बुलाने की बात कही है। उन्होंने जल्द प्रोजेक्ट रिपोर्ट बनाने को कहा। अब आगे क्या :

बीसीसीएल पुटकी बलिहारी क्षेत्र की ओर से परियोजना से जुड़े हर पहलू का अध्ययन किया जाएगा। उसके लाभ की संभावनाओं की जानकारी ली जाएगी व आंकड़ों के साथ रिपोर्ट सौंपी जाएगी। इसमें एक माह का समय लग सकता है। इसके बाद सीएमपीडीआइएल की ओर से प्रोजेक्ट का अध्ययन किया जाएगा। सीएमपीडीआइएल की रिपोर्ट के बाद ही परियोजना शुरू करने की प्रक्रिया शुरू हो सकेगी। माइनिग टूरिज्म विकसित करने पर हुई बात :

सीएमडी ने कहा कि पुटकी बलिहारी क्षेत्र में माइनिग टूरिज्म विकसित करने पर चर्चा हुई है। नेताजी सुभाषचंद्र बोस जैसी हस्ती की यादें यहां से जुड़ी हुई है। उन्होंने गोमो में ट्रेन पकड़ने से पहले पुटकी बलिहारी में ही अपना अंतिम समय बिताया था। लिहाजा हम वहां सुभाष सेंटर विकसित करेंगे। ऐसे क्षेत्र जहां खनन हो चुका हो और जहां खनन नहीं हो सकता, मसलन रेलवे लाइन के किनारे का इलाका वहां सुभाष सेंटर, मेडिटेशन सेंटर व पार्क विकसित कर खनन पर्यटन को बढ़ावा दिया जाएगा। सुभाष बाबू के साथ जुड़ाव हमारे लिए गर्व का विषय है। परियोजना विस्तार और उत्पादन बढ़ाने पर भी चर्चा हुई।


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