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14 साल बाद खत्‍म हुआ वनवास, गाजे-बाजे के साथ दोबारा नौकरी ज्वाइन करने पहुंचा कोलकर्मी

ईजे एरिया भौंरा छह नंबर निवासी नार्थ कोलियरी में माइनर लोडर के पद पर कार्यरत कालीदास मल्लाह का वनवास 14 साल बाद खत्म हुआ। सोमवार को कालीदास ने ज्वाइनिंग पत्र प्रबंधन को सौंपा।

By Deepak PandeyEdited By: Published: Tue, 21 May 2019 12:03 PM (IST)Updated: Tue, 21 May 2019 12:03 PM (IST)
14 साल बाद खत्‍म हुआ वनवास, गाजे-बाजे के साथ दोबारा नौकरी ज्वाइन करने पहुंचा कोलकर्मी
14 साल बाद खत्‍म हुआ वनवास, गाजे-बाजे के साथ दोबारा नौकरी ज्वाइन करने पहुंचा कोलकर्मी

जागरण संवाददाता, भौंरा: ईजे एरिया भौंरा छह नंबर निवासी नार्थ कोलियरी में माइनर लोडर के पद पर कार्यरत कालीदास मल्लाह का 14 वर्षों के बाद वनवास खत्म हुआ। सोमवार को कालीदास ढोल-बाजे व दर्जनों मजदूरों के साथ कोलियरी कार्यालय पहुंचकर अपना ज्वाइनिंग पत्र प्रबंधन को सौंपा।

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मालूम हो कि 10 नवंबर 2005 को प्रबंधन ने गलत तरीके सेे कालीदास को बर्खास्त कर दिया था। इसके बाद कालीदास हाई कोर्ट में नौकरी की वापसी को लेकर मजदूर नेता अख्तर खान के साथ मामला दर्ज कराया। कांड संख्या 4743/2011 के तहत 14 साल तक कोर्ट में मामला चलता रहा। हाई कोर्ट ने 25 अप्रैल 2019 को प्रबंधन के खिलाफ फैसला सुनाया। कालीदास को 14 वर्षो के वेतन सहित नौकरी वापस देने का आदेश दिया। इसको लेकर सोमवार को कोलियरी कार्यालय पहुंचकर कालीदास ने अपनी ज्वाइनिंग का पत्र प्रबंधन को सौंपा। कालीदास ने कहा कि नौकरी से बर्खास्त होने पर परिवार के समक्ष भुखमरी की स्थिति आ गई थी। हमें कानून पर पूरा भरोसा था। हमारी जीत हुई।

"कालीदास ने आवेदन पत्र दिया है। मामले को देख रहे हैं। प्रोसेस के तहत दोबारा नौकरी देने की कार्रवाई की जाएगी।"

-संजय कुमार, कार्मिक पदाधिकारी, भौंरा नार्थ कोलियरी।

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