कैलूडीह के लोगों को समस्याओं से जूझने की आदत हो गई है
कतरास अंचल के वार्ड संख्या दो अंतर्गत कैलूडीह तथा आस पड़ोस के इलाकों के लोग विभिन्न समस्याओं से जूझ रहे हैं। न सिर्फ पानी बल्कि सड़क सफाई प्रदूषण की समस्या तो यहां घर कर गई है। पेयजल की व्यवस्था दूर दराज से करना पड़ता है ।
कतरास, जेएनएन: कतरास अंचल के वार्ड संख्या दो अंतर्गत कैलूडीह तथा आस पड़ोस के इलाकों के लोग विभिन्न समस्याओं से जूझ रहे हैं। न सिर्फ पानी बल्कि सड़क, सफाई, प्रदूषण की समस्या तो यहां घर कर गई है। पेयजल की व्यवस्था दूर दराज से करना पड़ता है या फिर खरीदकर उपयोग करना पड़ता है।
वहीं नहाने धोने के लिए पिट वाटर की आपूर्ति हदहदिया से होती है। हदहदिया का पाइप लाइन खराब होने पर लोगों को काफी मशक्कत का सामना करना पड़ता है। कुछ दूर पर आकाशकिनारी बीस पट्टिया के समीप तालाब या फिर हदहदिया के समीप तालाब को उपयोग में लाते हैं। गर्मी आते ही इन तालाबों की पानी सूख जाया करती या फिर थोड़ी बहुत रहने नहाने योग्य नहीं रहता है। दोनों तालाब मवेशियो को नहलाया जाता है जिससे यह पानी घरेलू कार्य के उपयोग में लाने योग्य नहीं रह जाता है। कुछ लोग बिना किसी या संकोच के इस पानी को मजबूरन उपयोग में लाते हैं। जबकि कोरोना संक्रमण काल चल रहा है। इसके बावजूद लोग इस गंदे पानी को उपयोग करते हैं। कतरास-नावागढ मुख्य मार्ग से लेकर हदहदिया तक की सड़क जर्जर हो चुकी है। सड़क के बीच बीच में नाली निकाला गया है कहीं कहीं तो नाली की गंदी पानी बहती है जिससे लोगों को आने जाने में काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। उत्खनन परियोजना से यह इलाका घीरे रहने के कारण लोगों को प्रदूषण का सामना करना पड़ता है। स्वस्थ लोग भी बीमार पड़ जाते हैं। नगर निगम की ओर से सफाई की व्यवस्था की गई है इसके बावजूद कर्मी वहां तक नहीं पहुंच पाते हैं। घनी आवादी के बावजूद जनप्रतिनिधियों का समस्या के निदान की दिशा में पहल निराजनक है। आखिर इन लोगों की समस्या से को जूझेगा। स्थानीय लोगों का माने तो वहां के लोगों को समस्याओं से जूझना नियति बन गई है।