साइबर क्राइम गैंग का शातिर मो. कैफ पकड़ा गया, पेटीएम का पैसा उड़ाने में माहिर Dhanbad News
कैफ अंसारी ने पूछताछ के दौरान पुलिस को बताया कि वह गिरोह में छह माह पूर्व ही शामिल हुआ था। उसका काम केवल पेेटीएम से रुपये निकाली कर गिरोह तक पहुंचाना है।
धनबाद, जेएनएन। साइबर क्राइम गैंग के शातिर मो. कैफ अंसारी को धनबाद पुलिस ने दबोच लिया है। धनबाद समेत कई जिलों की पुलिस कैफ को तलाश रही थी। वह देवघर जिले के मारगोमुंडा का रहने वाला है। उसकी गिरफ्तारी धनबाद शहर के सिटी सेंटर के पास मंगलवार की शाम हुई। उससे पुलिस पूछताछ कर रही है।
साइबर अपराधियों का गैंग मंगलवार की शाम बरटांड़ सिटी सेंटर के पास बैंक ऑफ इंडिया के एटीएम से रुपये निकालने पहुंचा था। गैंग को पुलिस ने पकडऩे की कोशिश की लेकिन सभी अपराधी भाग निकले। इस दौरान पुलिस ने एक बदमाश मो. कैफ को धर दबोचा। कैफ देवघर के मारगोमुंडा का रहनेवाला है। उसके पास से पेटीएम के 15 डेबिट कार्ड तथा एक मोबाइल भी पुलिस के हाथ लगा है। गिरफ्तार मो. कैफ अंसारी से पुलिस पूछताछ कर रही है। पूछताछ के दौरान उसने अपने साथियों का नाम पता भी पुलिस को बताया है।
अपराधी एक स्कार्पियो से सिटी सेंटर स्थित बैैंक ऑफ इंडिया के एटीएम से ठगी की रकम निकालने पहुंचे थे। तभी पेट्रोलिंग टीम वहां आकर रुकी। पुलिस को देखते ही गैैंग के सभी शातिर भागने लगे। पुलिस ने जब उनलोगों रुकने के लिए कहा तो पांच शातिर स्कार्पियो पर सवार होकर भाग निकले। जबकि मो. कैफ अंसारी जो एटीएम में घुसा हुआ था पुलिस के हत्थे चढ़ गया। पुलिस ने जब उसकी तलाशी ली तो उसके पास से 15 पेेटीएम के डेविट कार्ड तथा मोबाइल फोन बरामद हुए। पूछताछ के दौरान कैफ अंसारी ने फरार साथियों का नाम पठान ( मारगो मूंडा देवघर) चुन्नु उर्फ बाबू (मारगो मूंडा) शाहिल (नारायणपुर जामताड़ा)शमशेर (पीपरा खरजोड़ी जामताड़ा) तथा असगर सुगापहाड़ी गिरिडीह का रहनेवाला बताया है।
पुलिस कैफ अंसारी के निशानदेही पर फरार साइबर अपराधियों की गिरफ्तारी के लिए हाथ पांव मार रही है। पुलिस की एक टीम देवघर गिरिडीह जाने की तैयारी में भी जुटी है। फिलहाल गिरफ्तार कैफ अंसारी को धनबाद थाने की पुलिस ने साइबर थाने को सौंपा दिया है।
40 हजार की निकासी मिलता था 1500
कैफ अंसारी ने पूछताछ के दौरान पुलिस को बताया कि वह गिरोह में छह माह पूर्व ही शामिल हुआ था। उसका काम केवल पेेटीएम से रुपये निकाली कर गिरोह तक पहुंचाना था इस काम के लिए उसे एक हजार से 1500 तक मिलता था। 40 हजार रुपये की निकासी करने पर उसे 1500 रुपये मिलता था। अब तक वह आधा दर्जन से अधिक बार विभिन्न बैैंक के पेटीएम डेविट कार्ड से रुपये निकालकर गिरोह को पहुंचा चुका है। पहली बार में वह 40 हजार रुपये पहुंचाया था उसके बाद 32 हजार, फिर 30 हजार, मंगलवार को वह अपने साथियों के साथ आया था और 25 हजार निकाला था तभी पुलिस के हत्थे चढ़ गया। कैफ अंसारी ने पुलिस को यह भी बताया कि धनबाद वे लोग दो दिन पूर्व ही आए थे और यहां एक होटल में ठहरा हुआ था।
पेटीएम डेबिट कार्ड की क्लोनिंग कर उड़ाता है रकम
साइबर अपराधी मो. कैफ अंसारी ने पुलिस को बताया है कि उसके गिरोह में गिरिडीह, जामताड़ा, मधुपुर, देवघर धनबाद के भी अपराधी शामिल हैैं। गैैंग में कई लोग मिलकर काम कर रहे हैैं। गिरोह के कुछ सदस्यों का काम हैैं पेटीएम का क्लोनिंग कर रुपये ट्रांसफर करने का और कुछ लोगों खाते से रकम की निकासी करने का जिम्मा मिला। वह सिर्फ गिरोह के लिए रुपये निकासी का काम करता था। पेटीएम व एटीएम डेबिट कार्ड का क्लोनिंग करनेवाले गिरोह में दूसरे साथी शामिल हैैं। वहीं लोग एटीएम मशीन में स्केनर लगाते हैैं और फिर लोगों का डाटा चुराकर क्लोनिंग करते हैैं।