कल रांची से भगवा पहनकर लौटेंगे झाविमो कार्यकर्ता, जिला भाजपा को भी मिला खास निर्देश Dhanbad News
धनबाद भाजपा को 5000 की संख्या के साथ पहुंचने का निर्देश मिला है। इधर विधायक ढुलू यज्ञ पर बैठे हैं। ऐसे में सारा दारोमदार निरसा और सिंदरी के नवनिर्वाचित विधायकों पर है।
धनबाद, जेएनएन। झारखंड विकास मोर्चा का विलय सोमवार को भारतीय जनता पार्टी में हो जाएगा। मुख्य समारोह रांची के प्रभात तारा मैदान में होना है। बावजूद तैयारी धनबाद में भी जोरों पर है। भाजपा व झारखंड विकास मोर्चा दोनों के ही कार्यकर्ता तैयारी में लगे हुए हैैं। झाविमो के प्रदेश महासचिव रमेश कुमार राही के मुताबिक सभी कार्यकर्ता झाविमो के झंडा के साथ रांची कूच करेंगे। सदस्यता के बाद भाजपा का ध्वज लिए धनबाद लौटेंगे।
चिटाहीधाम का नहीं मिला आशीर्वाद : दो दिन पहले समारोह की तैयारी को रांची में बैठक हुई थी। धनबाद जिला के पदाधिकारियों को 5000 की संख्या के साथ पहुंचने का निर्देश दिया गया था। संख्या जुटाने के लिए भाजपा के तमाम नेता रविवार को चिटाहीधाम पहुंचे थे। हालांकि, वहां बहुत सकारात्मक वार्ता नहीं हुई। विधायक ढुलू यज्ञ पर बैठे हैं। अब सारा दारोमदार निरसा और सिंदरी के नवनिर्वाचित विधायकों पर है। निरसा विधायक ने दो बस की व्यवस्था की है। इंद्रजीत महतो ने सिंदरी विस क्षेत्र के तमाम मंडल अध्यक्षों को एक-एक वाहन उपलब्ध कराया है। जिला संगठन द्वारा भी सभी मंडल अध्यक्षों के लिए एक-एक वाहन की व्यवस्था की गई है। पार्टी पदाधिकारी दो हजार लोगों के रांची पहुंचने की बात कह रहे हैं।
रात भर होता रहा संख्या का जुगाड़ : विलय के बाद पार्टी में तरजीह मिले इसलिए ताकत दिखाना जरूरी है। लिहाजा झाविमो नेता रविवार रात भर संख्या के जुगाड़ में लगे रहे। केंद्रीय महासचिव रमेश कुमार राही के मुताबिक पांच हजार कार्यकर्ता रांची जाएंगे। उनके वाहनों की व्यवस्था हो चुकी है। जिलाध्यक्ष वीरेंद्र हांसदा व्यवस्था की कमान संभाले हुए हैैं।
ज्ञानरंजन भी होंगे भाजपा में शामिल : ज्ञानरंजन सिन्हा झाविमो के जिलाध्यक्ष थे। विधानसभा चुनाव में टिकट नहीं मिला तो निर्दलीय लड़ गए। सात हजार से अधिक वोट लाया। अपनी पार्टी बनाई। माटी की पार्टी। डॉ. सबा अहमद ने भाजपा में जाने से इन्कार कर दिया तो सिन्हा ने इसका फायदा उठाया। माटी की पार्टी का झाविमो में विलय कर दिया। वे बताते हैैं कि बाबूलाल ने स्वयं उनसे अनुरोध किया था। वे बाबूलाल के समर्थक हैैं। लिहाजा 1000 समर्थकों के साथ रांची जाएंगे। वहां भाजपा की सदस्यता लेंगे।
जिला भाजपा पर भी पड़ेगा असर : इस विलय का धनबाद भाजपा पर भी असर पड़ेगा। एकजुटता के तमाम दावों के बावजूद यहां कुछ नेताओं को रघुवर के करीब समझा जाता था। शेष को अर्जुन मुंडा समर्थक माना जाता था। अब इनके बीच एक बाबूलाल समर्थक भी होंगे। यूं झाविमो गठन से पूर्व संताल, उत्तरी छोटानागपुर के बाबूलाल सर्वमान्य नेता हुआ करते थे। अब जबकि वे लौट रहे हैैं पार्टी में कहीं कोई चहल पहल नहीं है। ऊपर से धूम धड़ाके का निर्देश देने के बावजूद सभी खामोशी की चादर ओढ़े हुए है। यह बता रहा है कि संगठनात्मक चुनाव रोचक होने वाला है।