'लोकसभा की तीन सीट से कम पर महागठबंधन में राजी नहीं होगा झाविमो'
झारखंड में लोकसभा की 14 सीटें हैं। महागठबंधन में शामिल होने के लिए तीन प्रमुख पार्टियों कांग्रेस, झामुमो और झाविमो के अलावा राजद व सीपीआइ भी व्याकुल है।
धनबाद, जेएनएन। लोकसभा चुनाव -2019 के दाैरान झारखंड में भाजपा को शिकस्त देने के लिए समूचा विपक्ष एकजुट होकर महागठबंधन बनाने की रट लगाए हुए है। महागठबंधन को सिरे चढ़ाने के लिए झारखंड प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अजय कुमार, झामुमो के कार्यकारी अध्यक्ष पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और झारखंड विकास मोर्चा (प्रो) के सुप्रीमो पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी से भी मिल चुके हैं। लेकिन, अब तक कोई बात नहीं बनी है। सीटों के बंटवारे के सवाल पर सब अपनी डफली-अपना राग अलाप रहे हैं।
झारखंड में लोकसभा की 14 सीटें हैं। महागठबंधन में शामिल होने के लिए तीन प्रमुख पार्टियों कांग्रेस, झामुमो और झाविमो के अलावा राजद व सीपीआइ भी व्याकुल है। महागठबंधन में सबसे बड़ी समस्या सीटों का बंटवारा है। काैन कितने सीटों पर लड़ेगा? झाविमो तीन सीट-कोडरमा, गोड्डा और चतरा से पीछे हटने को तैयार नहीं है। कोडरमा से खुद झाविमो सुप्रीमो बाबूलाल मरांडी तो उनके सबसे खास सिपह-सालार विधायक प्रदीप यादव गोड्डा से चुनाव लड़ेंगे। गोड्डा पर कांग्रेस तो चतरा पर राजद दावेदारी से पीछे हटने को तैयार नहीं है। इससे महागठबंधन को लेकर गतिरोध उत्पन्न हो गया है।
झाविमो के केंद्रीय महासचिव रमेश कुमार राही का कहना है कि सभी विपक्षी दल भाजपा को रोकने के लिए महागठबंधन बनाकर 2019 का चुनाव लड़ने पर सहमत हैं। उन्होंने कहा है कि झारखंड में कांग्रेस से ज्यादा झाविमो का जनाधार है। कांग्रेस को झाविमो के लिए लोकसभा की तीन सीटें छोड़ देनी चाहिए। तीन सीट से कम पर झाविमो महागठबंधन में शामिल नहीं होगा।