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एक बुरे आदमी की बुराई से अधिक खतरनाक है अच्छे आदमी की चुप्पी: जस्टिस कुरियन

सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश कुरियन जोसेफ ने सिंफर के ऑडिटोरियम में आयोजित डालसा के दो दिवसीय राज्यस्तरीय कार्यशाला के उद्घाटन समारोह में हिस्‍सा लिया।

By Deepak PandeyEdited By: Published: Sun, 18 Nov 2018 07:40 PM (IST)Updated: Mon, 19 Nov 2018 02:28 PM (IST)
एक बुरे आदमी की बुराई से अधिक खतरनाक है अच्छे आदमी की चुप्पी: जस्टिस कुरियन
एक बुरे आदमी की बुराई से अधिक खतरनाक है अच्छे आदमी की चुप्पी: जस्टिस कुरियन

धनबाद, जागरण संवाददाता। एक बुरे आदमी की बुराई या हिंसा से कहीं अधिक खतरनाक है एक अच्छे आदमी की चुप्पी। रविवार को सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश कुरियन जोसेफ ने सिंफर के ऑडिटोरियम में आयोजित डालसा के दो दिवसीय राज्यस्तरीय कार्यशाला के उद्घाटन समारोह में यह बात कही।

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उन्होंने कहा कि पीएलवी वे लोग हैं, जो वहां पहुंचते हैं, जहां न्याय नही पहुंच पाता। वो आम लोग व जस्टिस डिलिवरी सिस्टम के बीच पुल का काम करते है। जस्टिस कुरियन ने कहा कि मैं स्वीकार करता हूं कि आज हम सभी लोगों तक न्याय नही पहुंचा पा रहे हैं। इसलिए लीगल सर्विस अथॉरिटी की आवश्कता पड़ी। जिसके द्वारा हम समाज के हर तबके तक पहुंचने का प्रयास कर रहे हैं।

उन्होने कहा कि हम भारतीय हैं, इसका हमें गर्व है। एक मात्र भारत ही ऐसा देश है, जिसके संविधान में भाईचारा के संबध में कहा गया है। गरीबों की सहायता के लिए खड़ा रहना और बुराई के खिलाफ आवाज उठाना हमारा संविधान सिखाता है। अगर हम प्रकाश फैलाएंगे तो अंधकार खुद दूर हो जाएगा। उन्होंने जस्टिस डिलिवरी सिस्टम में अधिवक्ताओं की भागीदारी के विषय में कहा कि अधिवक्ता जस्टिस मैन होते हैं, जो समाज की तमाम बुराइयों के खिलाफ लड़ते हैं।

अपराध के खिलाफ बीमा है मुआवजा: जस्टिस बोस

झारखंड न्यायालय झारखंड उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश अनिरुद्ध बोस ने कहा कि मुआवजा अपराध के खिलाफ एक तरह का बीमा है। यह हर अदालत की ड्यूटी है कि वह इसे सही से लागू करें। कोर्ट को यह तय करना है कि वह मुआवजा के विषय में जरूर सोचे, ताकि उस पीडि़त को कुछ सपोर्ट मिल सके।

लोगों को न्याय दिलाने का काम करते हैं पीएलवी: जस्टिस पटेल

झालसा के चेयरमैन एवं झारखंड उच्च न्यायालय के न्यायाधीश डीएन पटेल ने कहा कि धनबाद दोबारा आकर उन्हें काफी खुशी हुई। पहली बार नए कोर्ट भवन के लिए स्थल निरीक्षण करने आए थे। वह काम काफी आगे बढ़ चुका है। उन्होंने धनबाद में मुकदमों के त्वरित गति के निष्पादन के लिए धनबाद के न्यायिक पदाधिकारियों की सराहना की। बताया कि दिए गए टास्क से ज्यादा मुकदमों का निष्पादन धनबाद जजशिप ने किया है। उन्होंने कहा कि पारा लीगल वोलेंटियर हर शख्स तक पहुंचते हैं और उनकी समस्याएं हम तक पहुंचाते हैं।

समाज के हर तबके तक न्याय पहुंचाना हमारा कर्तव्य: जस्टिस मिश्रा

झारखंड उच्च न्यायालय के न्यायाधीश एससी मिश्रा ने कहा कि समाज के हर तबके तक न्याय पहुंचाने के लिए झालसा प्रतिबद्ध है। इसके लिए पूरे राज्य में 1290 परा लीगल वोलेंटियर काम कर रहे हैं। समाज को न्याय दिलाना हमारा उद्देश्य है। पारा लीगल वोलेंटियर के कार्य की गुणवत्ता में सुधार लाने के लिए एक दिवसीय शिविर लगाया गया है। उन्होंने कहा कि झारखंड में हिंसा पीडि़त लोगों के लिए मिलने वाली संपूर्ण राशि का उपयोग किया जा रहा है। 2016 में 39 लाख 10 हजार, 2017 में 7 करोड़ 18 लाख 85 हजार रुपये, 2018 में अबतक 7 करोड़ 63 लाख 40 हजार रुपये पीडि़तों में बांटे गए।

18 दुष्कर्म पीडि़तों को मिला 27 लाख 70 हजार का चेक: समारोह मे विभिन्न अपराधों के पीडि़त कुल 18 लोगों में 27 लाख 70 हजार रुपये का चेक न्यायाधीशों द्वारा वितरित किया गया। इनमें धनबाद के पांच, जामताड़ा के पांच, गिरीडीह के तीन व दुमका के पांच लोग शामिल थे।

हेलिकॉप्टर से पहुंचे न्यायाधीश: सुबह 10 बजे न्यायाधीश हेलिकॉप्टर से बरवड्डा हवाईपट्टी पर उतरे, जहां उन्हे गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया। इसके बाद बंशीधर समारोह स्थल, सिंफर ऑडिटोरियम में पारंपरिक तरीके से उनका स्वागत किया गया। जिला एवं सत्र न्यायाधीश ओपी पांडे ने बुके देकर जस्टिस कुरियन का स्वागत किया। मंच संचालन अवर न्यायाधीश राजश्री अपर्णा कुजूर ने व धन्यवाद ज्ञापन उपायुक्त ए दोड्डे ने किया। समारोह के समाप्त होने पर न्यायाधिश कुरियन ने बार एसोसिएशन के अध्यक्ष राधेश्याम गोस्वामी से वार्ता की। गोस्वामी ने अधिवक्ताओं की समस्याओं पर ध्यान आकृष्ट कराया।

ये थे मौजूद: झारखंड उच्च न्यायालय के रजिस्ट्रार जनरल अंबुज नाथ, झालसा के मेंबर सचिव अरुण कुमार राय, एसएसपी मनोज रतन चोथे, सिटी एसपी पीयूष पांडे, ग्रामीण एसपी आशुतोष शेखर, सिंफर डायरेक्टर प्रदीप कुमार सिंह के अलावा जिले के तमाम न्यायिक पदाधिकारी। 


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