उज्जवल है कोयला खदानों का भविष्य, तीन सालों में 2 लाख टन उत्पादन का लक्ष्य Dhanbad News
कोयला मंत्रालय के संयुक्त सचिव ने कहा कि आनेवाले दिनों में कोल क्षेत्र का भविष्य उज्जवल है। दो से तीन वषों में मुनीडीह की खदान से लगभग दो लाख टन कोयला का उत्पादन होने लगेगा।
धनबाद, जेएनएन। कोयला मंत्रालय के संयुक्त सचिव भवानी प्रसाद पाती ने शुक्रवार को पश्चिमी झरिया मुनीडीह क्षेत्र के मुनीडीह परियोजना खदान का निरीक्षण किया। संयुक्त सचिव ने भूमिगत खदान के 16 नंबर सीम स्थित लौंगवाल पद्धति की जानकारी ली। खदान में करीब एक घंटे से अधिक देरी तक रहकर संयुक्त सचिव ने शेयरर मशीन से उत्पादन प्रक्रिया को भी देखा।
खदान से लौटने के बाद उन्होंने कहा कि आनेवाले दिनों में कोल क्षेत्र का भविष्य उज्जवल है। दो से तीन वषों में मुनीडीह की खदान से लगभग दो लाख टन कोयला का उत्पादन होने लगेगा। वहीं वर्ष 2024 तक देश की कोयला खदानों से एक मिलियन टन कोयला उत्पादन का लक्ष्य कोल मंत्री ने निर्धारित किया है।
सेफ्टी पर विशेष ध्यान देने का निर्देश
संयुक्त सचिव ने अधिकारियों को उत्पादन बढ़ाने तथा सेफ्टी पर विशेष ध्यान देने की बात कही। भारत सरकार कोयला मंत्रलय के संयुक्त सचिव भगवान प्रसाद पाती ने कहा कि जो एरिया उत्पादन लक्ष्य से पीछे हैं, वह समय रहते लक्ष्य प्राप्त करें।
सिजुआ एरिया को 35 लाख टन कोयला उत्पादन का लक्ष्य
शुक्रवार को उन्होंने सिजुआ व चांच विक्टोरिया एरिया के अधिकारियों की टीम के साथ बैठक की। इसमें सीएमडी पीएम प्रसाद, डीटी राकेश कुमार, डीटी चंचल गोस्वामी, डीपी आरएस महापात्र, डीएफ सीमरण दत्ता सहित अन्य अधिकारी मौजूद थे। चांच विक्टोरिया व सिजुआ स्थिति को लेकर उन्होंने कहा कि जो भी दिक्कतें है उसे सुलझाएं। चांच विक्टोरिया एरिया को 21 लाख व सिजुआ एरिया को 35 लाख टन कोयला उत्पादन का लक्ष्य को पूरा करें।
मुख्य बातें :
- सीएमडी ने निदेशक के साथ मुनीडीह का किया दौरा
- अधिकारियों को उत्पादन बढ़ाने व सेफ्टी पर ध्यान देने को कहा
- 16 नंबर सीम स्थित लौंगवाल पद्धति की जानकारी ली
- 3 वषों में मुनीडीह की खदान से दो लाख टन होगा उत्पादन
- 35 लाख टन कोयला उत्पादन करने के लक्ष्य को पूरा करें