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JMM Foundation Day 2021: अबकी सांकेतिक होगा सालाना जलसा, सीएम बोले-परिस्थितियों से समझौता भी एक सीख

झारखंड मुक्ति मोर्चा की स्थापना 4 फरवरी 1973 को धनबाद में हुई थी। प्रत्येक साल स्थापना दिवस के माैके पर झामुमो का सालाना जलसा धनबाद और दुमका में होता है। इसमें झामुमो के अध्यक्ष शिबू सोरेन समेत तमाम नेता और कार्यकर्ता शिरकत करते हैं।

By MritunjayEdited By: Published: Mon, 25 Jan 2021 06:33 PM (IST)Updated: Mon, 25 Jan 2021 07:35 PM (IST)
JMM Foundation Day 2021: अबकी सांकेतिक होगा सालाना जलसा, सीएम बोले-परिस्थितियों से समझौता भी एक सीख
दुमका में झामुमो की बैठक को संबोधित करते मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन।

दुमका, जेएनएन। झारखंड के मुख्यमंत्री  ने कहा है कि कोविड-19 के मद्देनजर झारखंड मुक्ति मोर्चा ( JMM) का 42 वां स्थापना दिवस दो फरवरी को दुमका के गांधी मैदान में सांकेतिक रूप से मनाया जाएगा। इसके लिए एक एसपीओ शीघ्र ही पार्टी के प्रधान कार्यालय के माध्यम से जारी कर पार्टी नेताओं व कार्यकर्ताओं को अवगत करा दिया जाएगा। उन्होंने कहा- दो फरवरी को संताल परगना के सभी छह जिलों से हजारों की संख्या में पार्टी नेता और कार्यकर्ता गांधी मैदान पहुंचते हैं लेकिन अबकी बार सबको धीरज धरने की जरूरत है। सभी नेता व कार्यकर्ता अपने-अपने जिलों में ही दो फरवरी के परंपरा को याद कर इसका निर्वहन करें ताकि राज्य व यहां की जनता कोविड-19 से महफूज रह सकें।

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कोरोना  वायरस से प्राण गंवाने वालों को दी जाएगी श्रद्धांजलि

हेमंत सोरेन झारखंड मुक्ति मोर्चा के कार्यकारी अध्यक्ष भी हैं। उन्होंने सोमवार को दुमका क्लब में झारखंड मुक्ति मोर्चा के संताल परगना प्रमंडलस्तरीय  बैठक को संबोधित करते हुए कहा कि 2 फरवरी को स्थापना दिवस पर आयोजन के माध्यम से झामुमो राज्य के उन तमाम लोगों को एक श्रद्धांजलि देगा जो कोविड-19 की चपेट में आकर अपनी जान गंवा चुके हैं। मुख्यमंत्री ने भावुक मन से कहा कि कोविड-19 ने वर्षाें से चली आ रही परंपराओं को ध्वस्त किया है। झारखंड सरकार के मंत्री हाजी हुसैन अंसारी जान गंवा चुके हैं। यह पहला अवसर होगा जब पार्टी की प्रमंडलीय बैठक में उनकी कमी साफ तौर पर महसूस हो रही है। कहा कि इसकी वजह से मानव जनजीवन बुरी तरह से प्रभावित हुआ है। पर्व, त्योहार, शादी, श्राद्धकर्म समेत जीवन के हरेक क्षेत्र में कोविड-19 ने इस कदर दखलअंदाजी की है कि हर कोई बेबस व लाचार महसूस कर रहे हैं। बड़ी मुश्किल से जीवन को पटरी पर लाने की पहल हो रही है। देश-विदेश के चिकित्सक व विज्ञानी मिलकर कोविड-19 को हराने की कोशिश में जुटे हैं। कुछ हद तक सफलता जरूर मिली है लेकिन खतरा अभी टला नहीं है। ऐसे में थोड़ी-सी असावधानी खतरनाक हो सकता है।

झामुमो के लिए दो फरवरी महत्वपूर्ण

मुख्यमंत्री ने कहा कि दो फरवरी का झामुमो के लिए क्या महत्व है यह उनसे बेहतर कौन समझ सकता है। इस वर्ष वृहत रूप से दो फरवरी को आयोजन नहीं होने से उन्हें भी दुख और मलाल होगा लेकिन परिस्थितियों के हाथों कभी-कभी समझौता करना भी एक बड़ी सीख है। कहा कि यह जरूरी है कि राज्यहित में हम अपनी परंपराओं को सूझबूझ से बचाएं। इसलिए यह सुझाव सबसे अहम है कि दो फरवरी मनाया भी जाए और किसी का कोई नुकसान भी नहीं हो। इसके लिए विधिवत एसओपी बनाकर पार्टी अपने परंपरा को निभाएगी। बैठक को राजमहल सांसद विजय हांसदा, पूर्व मंत्री व विधायक नलिन सोरेन, लोबिन हेंब्रम, बसंत सोरेन, पूर्व विधायक शशांक शेखर भोक्ता, केंद्रीय महासचिव विजय कुमार सिंह समेत कई नेताओं ने भी संबोधित किया।


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