JIADA: हेमंत सरकार में औद्योगिक विकास की किसी को चिंता नहीं, जियाडा की बैठक नहीं होने पर स्वतंत्र निदेशक ने उठाया सवाल
JIADA जियाडा की बैठक ना होने की वजह से कई उद्योगों की मंजूरी व आवंटन से संबंधित मामले अटके पड़े हैं। इस कारण झारखंड में औद्योगिक विकास को गति नहीं मिल पा रही है।
धनबाद, जेएनएन। हेमंत सोरेन सरकार के गठन को लगभग 10 महीने होने को आए बावजूद इसके अभी तक जियाडा (Jharkhand Industrial Area Development Authority) की एक भी बैठक आयोजित नहीं की गई है। जबकि पूर्व की रघुवर दास सरकार में प्रति माह बैठक होती थी। इसका परिणाम भी सामने दिख रहा था। राज्य भर में औद्योगिक परिक्षेत्रों के लिए भूमि अधिग्रहण व नई इकाइयों को मंजूरी का काम प्रगति पर था। धनबाद में भी रेगूनी, सिंदरी के कांड्रा इलाके में कई प्रतिष्ठानों को मंजूरी दी गई। मौजूदा सरकार के समय में यह सभी ठप है। सरकार को उद्योगों की चिंता ही नहीं है। कहना था झारखंड इंडस्ट्रियल एरिया डेवलपमेंट अथॉरिटी के स्वतंत्र निदेशक सत्येंद्र कुमार का।
कुमार के मुताबिक जियाडा की बैठक ना होने की वजह से कई उद्योगों की मंजूरी व आवंटन से संबंधित मामले अटके पड़े हैं। चूंकि बोर्ड में अधिकांश सदस्य पिछली सरकार के नियुक्त किए हुए हैं लिहाजा उन्हें हेमंत सरकार तवज्जो नहीं दे रही। कोई भी नीतिगत निर्णय लेने के लिए बोर्ड की बैठक जरूरी है। तमाम पुराने अधिकारियों को बदल दिया गया। ऐसे में औद्योगिकरण का काम पूरी तरह ठप है। इसका सीधा असर राज्य के बेरोजगार युवकों को पर पड़़ रहा है। जबकि कोरोना संकट के बाद औद्योगिक गतिविधियां को तेज करना सबसे अधिक जरूरी था।