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Jharkhnad Panchayat Chunav 2022: फेल हो गया धनबाद नगर न‍िगम... चुनाव कार्य में लगे लोगों के लिए उपलब्ध कराना था पानी

जब भी चुनाव होते हैं मतदान कर्मियों और अधिकारियों को सामग्री डिस्पैच सेंटर से मतदान केंद्र और मतदान केंद्र से मतगणना स्थल तक सभी सामग्रियों से सुरक्षित पहुंचाने के लिए जिस चीज की सबसे ज्यादा जरूरत होती है वह वाहन है।

By Atul SinghEdited By: Published: Mon, 16 May 2022 04:24 PM (IST)Updated: Mon, 16 May 2022 04:24 PM (IST)
Jharkhnad Panchayat Chunav 2022: फेल हो गया धनबाद नगर न‍िगम... चुनाव कार्य में लगे लोगों के लिए उपलब्ध कराना था पानी
सामग्रियों से सुरक्षित पहुंचाने के लिए जिस चीज की सबसे ज्यादा जरूरत होती है, वह वाहन है। (जागरण)

जागरण संवाददाता, धनबाद: जब भी चुनाव होते हैं, मतदान कर्मियों और अधिकारियों को सामग्री डिस्पैच सेंटर से मतदान केंद्र और मतदान केंद्र से मतगणना स्थल तक सभी सामग्रियों से सुरक्षित पहुंचाने के लिए जिस चीज की सबसे ज्यादा जरूरत होती है, वह वाहन है। इसके अलावा इन्हीं वाहनों के माध्यम से सुरक्षा बलों को एक जगह से दूसरे जगह भी ले जाया जाता है।

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वाहनों की इन जररूत को पूरी करने के लिए हर जिले में चुनावों के दौरान वाहनों की धरपकड़ होती है। साथ ही उनके चालकों को भी भत्ते देकर चुनाव होने तक रोक कर रखा जाता है। जहां इन चालकों और सह चालकों को ठहराने की व्यवस्था होती हे वहां के लोकल इकाई पर ही इनके लिए पीने के पानी के अलावा शौचालय की भी व्यवस्था करने की जिम्मेवारी होती है।

धनबाद जिला में इस बार हो रहे त्रिस्तरीय पंचायत चुनावाें को लेकर बड़े संख्या में धर पकड़ की गई है। जिनको वाहन कोषांग द्वारा गोल्फ ग्राउंड में लगाया गया है। वहीं इन वाहनों के चालकों और सह चालकों को भी ठहराने की व्यवस्था वाहन कोषांग के नोडल पदाधिकारी सह जिला परिवहन पदाधिकारी ओम प्रकाश यादव द्वारा की गई है। साथ ही नोडल पदाधिकारी द्वारा इनके लिए पानी और शौचालय की व्यवस्था करने का निर्देश देते हुए धनबाद नगर निगम को 13 मई को पत्र भेजा गया था। लेकिन इसके बावजूद निगम के पदाधिकारी वहां किसी भी तरह की व्यवस्था सुनिश्चित कराने में नाकामयाब रहे हैं। जिसके कारण चालकों और सह चालकों में रोष हैं।

चालक अफरोज आलम तथा अशोक कुमार ने आरोप लगाया कि जिला प्रशासन द्वारा किसी भी तरह का व्यवस्था नहीं की गई है। मजबूरन उनको पानी खरीद कर पीना पड़ रहा है। तो प्राक़ृतिक कार्य के लिए उन्हें पास के ही एक सार्वजनिक शौचालय में जाना पड़ रहा है। जिसके लिए उनसे प्रति उपयोग 10 से 15 रूपया वसूला जा रहा है। दोनों ने बताया कि मैदान में करीब 365 वाहन लगाए गए हैं। वे लोग 13 को ही यहां गए थे। उसी दिन एक टैंकर पानी दिया गया। लेकिन उसे भी अब तीन दिन बीत गए। आज तक कोई अधिकारी उनकी सुध लेने नहीं आया है।

इसे नगर निगम की लापरवाही बताते हुए नोडल पदाधिकारी ओम प्रकाश यादव ने कहा कि वहां की व्यवस्था को दूरूस्त करने के लिए निगम आयुक्त को 15 मई को रिमाइंडर भी दिया गया है। इसके अलावा फोन पर भी उनसे बात कर उचित व्यवस्था करने को कहा गया है। लेकिन अभी तक कोई जवाब नहीं आया है। उनके इस लापरवाही की रिपोर्ट जिला निर्वाचन पदाधिकारी के माघ्यम से राज्य निर्वाचन आयोग को भेजने की तैयारी की जा रही है।

वहीं इन आरोपों की बात निगम आयुक्त को फोन करने पर उन्होंने उसे पिक करना भी उचित नहीं समझा।


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