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झारखंड स्टेट स्टूडेंट यूनियन ने सांसद पीएन सिंह के आवास का किया घेराव, नई नियोजन नीति के खिलाफ मांगा समर्थन

राज्य के वर्तमान 60-40 नियोजन नीति से झारखंडी छात्रों में काफी नाराजगी है। छात्र पिछले पांच महीने से लगातार राज्य सरकार के खिलाफ आंदोलन कर रहे हैं। झारखंड स्टेट स्टूडेंट यूनियन की ओर से 11 जून तक 31 दिवसीय महाजन आंदोलन जारी है।

By Jagran NewsEdited By: Mohit TripathiPublished: Wed, 17 May 2023 05:12 PM (IST)Updated: Wed, 17 May 2023 05:12 PM (IST)
झारखंड स्टेट स्टूडेंट यूनियन ने सांसद पीएन सिंह के आवास का किया घेराव, नई नियोजन नीति के खिलाफ मांगा समर्थन
झारखंड स्टेट स्टूडेंट यूनियन ने सांसद को घेरा, मांगा समर्थन।

जागरण संवाददाता, धनबाद: राज्य के वर्तमान 60-40 नियोजन नीति से झारखंडी छात्रों में काफी नाराजगी है। छात्र पिछले पांच महीने से लगातार राज्य सरकार के खिलाफ आंदोलन कर रहे हैं। झारखंड स्टेट स्टूडेंट यूनियन की ओर से 11 जून तक 31 दिवसीय महाजन आंदोलन जारी है।

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महाआंदोलन के पहले चरण में 25 मई तक राज्य के सभी 81 विधायक और 14 सांसदों से लिखित तौर पर समर्थन मांग जाएगा। इसी दौरान बुधवार को बड़ी संख्या में छात्रों ने धनसार में धनबाद सांसद पीएन सिंह के आवास का घेराव किया।

सांसद ने सुनीं छात्रों की समस्याएं

इस दौरान छात्र करीब एक घंटे तक आवास के सामने धरने पर बैठे रहे। इसके बाद सांसद ने छात्रों से मुलाकात कर समस्या सुनी। सांसद पीएन सिंह ने छात्रों को हर संभव मदद करने का आश्वासन देते हुए उनके अभियान को समर्थन दिया।

छात्र संगठन जन प्रतिनिथियों से मांग रहे समर्थन पत्र

कार्यक्रम की अगुवाई कर रहे छात्रनेता अजीत कुमार महतो ने बताया कि अब तक 12 से अधिक विधायक और सांसदों से लिखित समर्थन पत्र प्राप्त कर लिया गया है। राज्य के सभी विधायक और सांसदों की पहचान करने की समय आ गया है। जो भी विधायक हमें लिखित तौर पर समर्थन देने में बहानेबाजी करेंगे, उन्हें चिह्नित किया जाएगा। मना करने वालों जन प्रतिनिधियों का सांस्कृतिक और सामाजिक कार्यों से बहिष्कार किया जाएगा।

समर्थन के लिए 25 मई तक चलेगा अभियान

महतो ने राज्य के सभी छात्र, अभिभावकों से कहा कि समर्थन के लिए अभियान 25 मई से चलेगा, सभी इसमें सहयोग करें। लिखित समर्थन दस्तावेज राज्यपाल के समक्ष प्रस्तुत करेंगे। लिखित समर्थन प्राप्ति के आधार पर विधानसभा अध्यक्ष के समक्ष खतियान आधारित संवैधानिक नियोजन नीति का बहुमत सिद्ध करेंगे। जरूरत पड़ने पर आगे समर्थन प्राप्त दस्तावेजों को राष्ट्रपति महोदय को भी प्रेषित किया जाएगा।


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