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Jharkhand Power Crisis: पावर प्लाटों तक कोयला पहुंचाने को लेकर मालगाड़ी के चालक और गार्ड की छुट्टियों पर लगी रोक

देश में एक ओर छाए बिजली संकट के बीच पावर प्लांटों तक कोयला पहुंचाने को मालगाड़ियां सरपट भाग रही हैं। वहीं रेलवे के अधिकारी जोन और मंडल मुख्यालयों में बैठकर मालगाड़ियों की माॅनीटरिंग कर रहे हैं। शिफ्टवार अधिकारियों की कंट्रोल में ड्यूटी लगाई गई है।

By Deepak Kumar PandeyEdited By: Published: Thu, 05 May 2022 06:48 AM (IST)Updated: Thu, 05 May 2022 06:48 AM (IST)
Jharkhand Power Crisis: पावर प्लाटों तक कोयला पहुंचाने को लेकर मालगाड़ी के चालक और गार्ड की छुट्टियों पर लगी रोक
3313 कोयला लदी मालगाड़ी की अब तक लोडिंग हो चुकी है।

जागरण संवाददाता, धनबाद: देश में एक ओर छाए बिजली संकट के बीच पावर प्लांटों तक कोयला पहुंचाने को मालगाड़ियां सरपट भाग रही हैं। वहीं रेलवे के अधिकारी जोन और मंडल मुख्यालयों में बैठकर मालगाड़ियों की माॅनीटरिंग कर रहे हैं। शिफ्टवार अधिकारियों की कंट्रोल में ड्यूटी लगाई गई है, जो मालगाड़ियों के परिचालन की निगरानी कर रहे हैं। अप्रैल और मई के 34 दिनों में धनबाद रेल मंडल अब तक लगभग 13 मिलियन टन कोयला देश के अलग-अलग पावर प्लांट तक भेज चुका है। 3313 कोयला लदी मालगाड़ी की अब तक लोडिंग हो चुकी है।

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कोयला लोडिंग का आंकड़ा पिछले साल अप्रैल की तुलना में इस बार पांच फीसद अधिक है। कोयला लदी मालगाड़ियों को समय पर पावर प्लांट तक पहुंचाने के लिए रेलवे ने चालक, सहायक चालक और गार्ड के लिए मुख्यालय नहीं छोड़ने का आदेश भी जारी कर दिया है। उनकी छुट्टियों पर अस्थायी तौर पर रोक लग गई है। आपात परिस्थितियों में छुट्टी के लिए सीनियर डीओएम से इजाजत लेनी होगी।

रेल अधिकारी बता रहे हैं कि मालगाड़ियों का परिचालन वर्तमान में पहली प्राथमिकता है। पहले खाली रैक आने पर लोडिंग प्वाइंट पर खड़े रहते थे। खाली रैक लौटते ही डिमांड के अनुसार तुरंत कोयला लोडिंग कर गंतव्य के लिए रवाना किया जा रहा है। कोयला लदी मालगाड़ियों के रास्‍ते में रुकावट ना आए, इसके लिए रेल मंडल के सभी स्टेशनों को अलर्ट कर दिया गया है। धनबाद रेल मंडल की सीमा पार करने के बाद दूसरे मंडल और जोन के साथ भी नियमित समन्वय बनाकर मालगाड़ियों को प्राथमिकता के तौर पर चलाया जा रहा है।

रेल इंजन का तापमान सामान्य से ज्यादा: धनबाद के तापमान में इधर कुछ दिनों से गिरावट आई है, पर दूसरे शहरों का तापमान अभी भी 40 के पार है। उस पर रेल इंजन के केबिन का तापमान बाहर के तापमान से ज्यादा रहता है। जानकार बताते हैं कि इंजन का तापमान आठ से 10 डिग्री तक ज्यादा रहता है। इसके बाद भी रेल चालक और सहायक चालक बिना थके मालगाड़ी दौड़ा रहे हैं।

यात्री ट्रेनों को प्रभावित किए बगैर चल रहीं मालगाडि़यां: मालगाड़ियों को प्राथमिकता देने के बाद भी यात्री ट्रेनें प्रभावित नहीं हो रही हैं। धनबाद रेल मंडल ने कोयला लदी मालगाड़ी चलाने को लेकर अब तक किसी यात्री ट्रेन को रद नहीं किया है। वहीं यात्री ट्रेनों के समय पालन में भी सुधार आया है।


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