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Jhrkhand Politics: सीएम हेमंत सोरेन के विधायक ने फिर पकड़ी बगावत की राह, मुश्किल में 'सरकार'

बोरियो के झामुमो विधायक लोबिन हेम्ब्रम फिर बगावत की राह पर हैं। इसे सार्वजनिक करने के लिए भी उन्होंने हूल दिवस का दिन चुना। साहिबगंज के भोगनाडीह में सिदो-कान्हू की जन्मस्थली है। हूल दिवस पर गुरुवार को मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की वहां सभा हुई।

By Deepak Kumar PandeyEdited By: Published: Fri, 01 Jul 2022 10:38 PM (IST)Updated: Fri, 01 Jul 2022 10:38 PM (IST)
Jhrkhand Politics: सीएम हेमंत सोरेन के विधायक ने फिर पकड़ी बगावत की राह, मुश्किल में 'सरकार'
भोगनाडीह में गुरुवार को हूल दिवस पर आयोजित कार्यक्रम में शामिल बोरियो विधायक लोबिन हेम्ब्रम।

साहिबगंज [डाॅ. प्रणेश]: बोरियो के झामुमो विधायक लोबिन हेम्ब्रम फिर बगावत की राह पर हैं। इसे सार्वजनिक करने के लिए भी उन्होंने हूल दिवस का दिन चुना। साहिबगंज के भोगनाडीह में सिदो-कान्हू की जन्मस्थली है। हूल दिवस पर गुरुवार को मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की वहां सभा हुई। उन्होंने कई योजनाओं का शिलान्यास और उदघाटन भी किया। उसमें बोरियो विधायक लोबिन हेम्ब्रम शामिल नहीं हुए।

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लोबिन के निर्वाचन क्षेत्र बोरियो में ही मंडरो है, जहां फाॅसिल्स पार्क का मुख्यमंत्री ने उद्घाटन किया। उसमें भी लोबिन नहीं गए। हां, भोगनाडीह से मुख्यमंत्री चले गए तो वहीं कुछ दूरी पर लोबिन ने अलग सभा की। इसमें पूरे संताल परगना प्रमंडल से हजारों लोग आए। जैसी सभा हुई, उससे साफ संदेश गया कि इसकी तैयारी एक या दो दिन में नहीं हुई है। सभा में लोबिन हेम्ब्रम ने कहा कि 1932 के खतियान के आधार पर स्थानीयता नीति निर्धारित करने, सीएनटी एवं एसपीटी एक्ट को सख्ती से लागू करने, अधिसूचित क्षेत्र में पेसा कानून के तहत परंपरागत स्वशासन व्यवस्था को लागू करने के लिए वे सरकार को बहुत बार बोल चुके हैं। झारखंडी जनता की भावना से सरकार को अवगत कराया जा चुका है। सरकार ने कुछ नहीं किया। अब वे इस मसले पर फिर पूरे झारखंड के भ्रमण पर निकलेंगे। सभाएं करेंगे, लोगों को जगाएंगे।

साहिबगंज के बरहेट से मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन तो बोरियो से लोबिन हेम्ब्रम विधायक हैं। हूल दिवस पर मुख्यमंत्री साहिबगंज गए। महादेवगंज में डेयरी प्लांट एवं मंडरो में फाॅसिल्स पार्क का उन्होंने उद्घाटन किया। भोगनाडीह में सरकारी योजनाओं की झड़ी लगाई। भाजपा विधायक अनंत ओझा मुख्यमंत्री के कार्यक्रमों में दिखे। नहीं दिखे तो लोबिन। लोबिन को डेयरी प्लांट और फाॅसिल्स पार्क के उद्घाटन समारोह के लिए साहिबगंज प्रशासन ने आमंत्रण पत्र दिया था। भोगनाडीह में हूल दिवस के प्रशासनिक कार्यक्रम में भी उन्हें विधिवत बुलाया भी नहीं गया था, जैसा कि उन्होंने सभा में कहा भी था। उन्होंने कहा कि वह सरकार को अपनी मांगों से अवगत करा चुके हैं। अब चुप नहीं बैठ सकते।

सरकारी विज्ञापन में नहीं दिया विधायक का नाम

मंडरो के फाॅसिल्स पार्क और डेयरी प्लांट के उद्घाटन पर सरकारी विज्ञापन का प्रकाशन हुआ था। फाॅसिल्स पार्क के उद्घाटन की सूचना में सिर्फ मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन का नाम था। डेयरी प्लांट के विज्ञापन में मुख्यमंत्री के अलावा कैबिनेट मंत्री आलमगीर आलम एवं बादल पत्रलेख का नाम भी था। राजमहल सांसद विजय हांसदा और राजमहल विधायक अनंत ओझा का नाम भी उस विज्ञापन में नहीं था। यद्यपि, डेयरी प्लांट के उद्घाटन समारोह में सांसद और विधायक गए थे। वहीं फाॅसिल्स पार्क के शिलापट्ट में लोबिन हेम्ब्रम का नाम जरूर अंकित किया गया है।

संदेश था कि मान गए हैं बोरियो विधायक

स्थानीयता नीति समेत पांच मांगों पर बीते पांच अप्रैल 2020 को लोबिन हेम्ब्रम ने घर छोड़ने की घोषणा की थी। उन्होंने घूम-घूम कर जनजागरण शुरू किया था। कई जिलों में उन्होंने सभाएं और बैठकें की थी। इसी बीच वे रांची गए। वहां झामुमो अध्यक्ष शिबू सोरेन से उन्होंने मुलाकात की थी। इसके बाद उनके तेवर नरम हो गए थे। साहिबगंज में झामुमो समर्थकों तक संदेश गया था कि अब बोरियो विधायक मान गए हैं। कुछ महीने तक शांत रहने के बाद उन्होंने बागी मुद्रा अपना ली है। झामुमो के केंद्रीय सचिव पंकज मिश्रा को अतिरिक्त महत्व मिलने से भी वह नाखुश हैं।


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