Jharkhand Politics: खत्म हुआ हनीमून पीरियड! अब विरोध को तैयार रहे सरकार
सरकार का हनीमून पीरियड अब समाप्त हो गया। पहली वर्षगांठ मनाई जा चुकी है। इतने दिनों हमने सरकार को छूट दे रखी थी कि वह बेहतर कामकाज कर चुनाव के दौरान किए गए अपने वादों पर अमल करे। लेकिन सरकार ने ऐसा कुछ नहीं किया।
धनबाद, जेएनएन: सरकार का हनीमून पीरियड अब समाप्त हो गया। पहली वर्षगांठ मनाई जा चुकी है। इतने दिनों हमने सरकार को छूट दे रखी थी कि वह बेहतर कामकाज कर चुनाव के दौरान किए गए अपने वादों पर अमल करे।
लेकिन सरकार ने ऐसा कुछ नहीं किया। बल्कि राज्य में अराजकता का माहौल कायम कर दिया। परिणाम यह निकला कि राज्य में लूट मच गई। सभी थाना और बीडीओ, सीओ ऑफिस लूट के अड्डे बन गए। कर्मचारी सरकार का काम करने के बजाए लूट का हिसाब करने लगे। थाना अधिकारी मुकदमा दर्ज करने और अपराध पर लगाम लगाने के बजाय मामला रफा-दफा करने में जुट गए।
पुलिस को हिदायत दे दी गई कि वह मुकदमा दर्ज ना करे।
जघन्य तम की घटनाओं में भी भारतीय जनता पार्टी को आंदोलन करना पड़ा। तब जाकर मुकदमे दर्ज हुए। उसमें भी अपराधियों को पकड़ने के बजाय सरकार ने भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ताओं को चिन्हित कर उन पर मुकदमे दर्ज कराए। उनकी धरपकड़ शुरू की। उन पर कार्रवाई करवाया। धनबाद में भी कई कार्यकर्ताओं पर झूठे मुकदमे लादे गए हैं।
डीजीपी ने सीधे तौर पर धमकी दी कि आंदोलनकारियों के हाथ पैर तोड़ दिए जाएंगे। पानी अब सिर से ऊपर जा रहा है। इसीलिए अब हम भी पूरी तरह आंदोलनकारी की भूमिका में आ गए हैं। इतने दिन छोरे रखा था कि वह हम पर यह आक्षेप ना करे कि सत्ता से हटने के बाद नयी सरकार को परेशान कर रहे हैं। लेकिन अब हम पर यह आरोप नहीं लगाया जा सकता। भारतीय जनता पार्टी एकता के साथ सरकार की नाकामियों को अब जनता के बीच ले जाएगी। गोलबंद हो कर उग्र आंदोलन करेगी। हमारे कार्यकर्ताओं के साथ जगह-जगह जो ज्यादाती की जा रही हैं उन्हें अब बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। सरकार को हम मजबूर करेंगे। या तो वह काम करें या वह बाहर जाए। कहना था भारतीय जनता पार्टी के विधायक दल के नेता बाबूलाल मरांडी का। मराडी सांसद के आवास पर पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे। इस दौरान संगठन के पुनर्गठन की प्रक्रिया में विलंब पर कहा कि प्रक्रिया चल रही है। कल ही दो मोर्चे की कमेटियां बनी है और जल्द ही बाकी का काम भी कर लिया जाएगा। थोड़ा समय लगता है। इस बीच हम दूसरे कार्यक्रमों में रहे और पार्टी का कोई भी कार्यक्रम रुका नहीं रहा। पद भले ना बटे हो लेकिन कार्यकर्ताओं को पता था कि उन्हें क्या करना है और जो कार्यक्रम आते रहे वह सभी संपन्न हुए।
डीवीसी द्वारा राशि कटौती पर उनका कहना था कि इस पर राज्य सरकार को डीवीसी और केंद्रीय ऊर्जा मंत्रालय से वार्ता कर डीवीसी का किस्त बांध देना चाहिए था। लेकिन सरकार ने भुगतान नहीं किया। यह जो कुछ भी हुआ वह पूर्व के समझौते के अनुसार ही हुआ। दरअसल राज्य की सरकार न स्वयं काम करना चाहती है ना किसी विभाग को कोई काम करने देना चाहती है। इसका उदाहरण है डीएमएफटी पर रोक लगाना। इसके मद में भरपूर पैसा है। खनिज उत्पादन वाले जिलों में उससे विकास कार्य किया जा सकता है। राज्य सरकार कमिशन के चक्कर में कोई काम होने नहीं देना चाहती। पत्रकार वार्ता के दौरान सांसद पीएन सिंह, विधायक राज सिन्हा, जिला प्रभारी अभय सिंह, महानगर अध्यक्ष चंद्रशेखर सिंह, रागिनी सिंह इत्यादि मौजूद थे। बाबूलाल मरांडी रागिनी सिंह के आवास पर चाय पीने के बाद धनबाद ग्रामीण जिला में आयोजित अनुसूचित जाति सम्मेलन के लिए निरसा रवाना हो गए।