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माली में फंसे झारखंड के मजदूरों के स्वजनों के लिए खुशखबर ! हवाई जहाज से जल्द होगी वापसी

अफ्रिकी देश माली में फंसे झारखंड के 33 मजदूरों की वापसी का रास्ता साफ हो गया है। भारतीय दूतावास के हस्तक्षेप के बाद माली की कंपनी और मजदूरों के बीच समझौता हुआ है। इसके बाद मजदूरों की वतन वापसी की तैयारी चल रही है।

By MritunjayEdited By: Published: Wed, 19 Jan 2022 11:07 AM (IST)Updated: Wed, 19 Jan 2022 12:06 PM (IST)
माली में फंसे झारखंड के मजदूरों के स्वजनों के लिए खुशखबर ! हवाई जहाज से जल्द होगी वापसी
माली में फंसे झारखंड के मजदूर ( फोटो साैजन्य)।

जागरण संवाददाता, गिरिडीह। दक्षिण अफ्रीका के माली में फंसे गिरिडीह और हजारीबाग के सभी 33 मजदूरों की वतन वापसी का रास्ता साफ हो गया है। शीघ्र ही सभी को हवाई जहाज से रांची भेजा जाएगा। इसके पूर्व संबंधित कंपनी के एंड पी कंस्ट्रक्शन मजदूरों को बकाया वेतन का भुगतान करेगी। भारतीय दूतावास की पहल पर 18 जनवरी को वहां मजदूरों और कंपनी की बैठक हुई। बैठक में दोनों पक्षों के  बीच समझौता हुआ। इसकी जानकारी ट्वीट कर केंद्रीय मानव संसाधन विकास राज्य मंत्री अन्नपूर्णा यादव ने दी है। 

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वेतन भुगतान पर बनी सहमति

समझौता में कंपनी ने मजदूरों को बकाया  वेतन देने पर सहमति जताई, जिसमें 32 मजदूरों को अक्टूबर-नवंबर दो माह का बकाया वेतन कंपनी देगी। भोजन खर्च काटकर सामान्य कर्मचारियों को प्रतिमाह 400 यूएस डालर के हिसाब से दो माह का 650 यूएस डालर और पर्यवेक्षकों को 750 यूएस डालर वेतन दिया जाएगा, जबकि एक अन्य मजदूर इंद्रदेव ठाकुर को इसी दर से छह माह का बकाया वेतन दिया जाएगा। कंपनी पांच दिनों के अंदर सभी मजदूरों के भारतीय बैंक खाता में भारतीय मुद्रा में वेतन की राशि हस्तांहरित करेगी। 

वतन वापसी तक कंपनी मजदूरों का रखेगी ख्याल

नियोक्ता बमाको टीटीटी रेंच, तंडिया से एयर टिकट  प्रदान करेगा, जो वर्तमान में इकोनामी क्लास द्वारा उपलब्ध टिकट के साथ है। महामारी  के मद्देनजर, यहां भारत के लिए केवल एक साप्ताहिक फ्लाइट ट्रोम बमाको उपलब्ध है। माली से स्वदेश प्रस्थान करने तक इन कर्मचारियों की दैनिक जरूरतों जैसे भोजन, आश्रय और आपातकालीन सेवाओं का ध्यान कंपनी रखेगी। समझौता पत्र में  दुर्गा प्रसाद, सहायक प्रबंधक के एंड पी कंस्ट्रक्शन,  मजदूर पक्ष से रूपलाल महतो, आइएनडीएल  वी. विजय पांडे, एचओसी राकेश कुमार, दिवाकर एसीओ भारतीय दूतावास आदि के हस्ताक्षर हैं । 


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