Move to Jagran APP

दिवाली की आतिशबाजी से कोयलांचल की आबोहवा में घुला जहर, यहां झारखंड में सबसे अधिक ध्वनि प्रदूषण Dhanbad News

दीपावली से पहले हुई बारिश के कारण वातावरण की नमी ने प्रदूषण के स्तर को थोड़ा नियंत्रित किया। मौसम नम न होता तो प्रदूषण का स्तर और भी बढ़ सकता था।

By MritunjayEdited By: Published: Tue, 29 Oct 2019 09:23 AM (IST)Updated: Tue, 29 Oct 2019 09:23 AM (IST)
दिवाली की आतिशबाजी से कोयलांचल की आबोहवा में घुला जहर, यहां झारखंड में सबसे अधिक ध्वनि प्रदूषण Dhanbad News
दिवाली की आतिशबाजी से कोयलांचल की आबोहवा में घुला जहर, यहां झारखंड में सबसे अधिक ध्वनि प्रदूषण Dhanbad News

धनबाद, जेएनएन। दिवाली पर रातभर जमकर चले पटाखों से इस साल भी धनबाद कोयलांचल समेत राज्य के सभी प्रमुख शहरों में वायु और ध्वनि प्रदूषण का स्तर बढ़कर दोगुना हो गया। प्रदूषण विभाग के आंकड़ों के अनुसार पिछले साल की तुलना में इस साल प्रदूषण का स्तर 10 प्रतिशत अधिक दर्ज किया गया, जबकि सामान्य स्तर से यह दोगुना है। वहीं दिवाली के दिन रात 10 बजे तक ही पटाखे जलाने का आदेश भी बेअसर साबित हुआ और देर रात लोग पटाखे चलाते रहे। दिवाली की सबसे ज्यादा धनबाद शहर में ध्वनि प्रदूषण का स्तर रिकार्ड किया गया है।

loksabha election banner

जानकारों के अनुसार दीपावली से पहले हुई बारिश के कारण वातावरण की नमी ने प्रदूषण के स्तर को थोड़ा नियंत्रित किया। मौसम नम न होता तो प्रदूषण का स्तर और भी बढ़ सकता था। ध्वनि प्रदूषण का सबसे ज्यादा स्तर धनबाद में रिकार्ड किया गया। यहां तीन अलग-अलग इलाकों में 107 डेसिबल प्रदूषण का स्तर रिकार्ड किया गया वहीं राजधानी रांची में प्रदूषण का अधिकतम स्तर 84 डेसिबल तक पहुंचा। वहीं जमशेदपुर के टेल्को इलाके में वायु  प्रदूषण का स्तर 140.15 माइक्रोग्राम प्रति घनमीटर दर्ज किया गया, जो शहर के अन्य इलाकों से ज्यादा था

राजधानी रांची में सबसे ज्यादा ध्वनि प्रदूषण रिहायशी क्षेत्र अशोक नगर में हुआ है। प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड ने जांच के लिए शहर को चार जोन में बांटा था। झारखंड हाई कोर्ट क्षेत्र (साइलेंस जोन) में सामान्य स्तर 50 से 45 डेसिबल, अलबर्ट एक्का चौक (कामर्शियल जोन) में 65 से 55, कचहरी चौक (कामर्शियल क्षेत्र) में 65 से 55 अशोक नगर (रिहायशी क्षेत्र) में 55 से 45 डेसिबल ध्वनि प्रदूषण होना चाहिए।

हवा में प्रदूषण का स्तर भी हुआ दोगुनाः ध्वनि प्रदूषण के साथ हवा में प्रदूषण का स्तर बढ़ा है। पीएम-10 और पीएम-2.5 (धूल के छोटे कण) भी सामान्य से दोगुने स्तर तक पहुंच गए हैं। हालांकि मौसम में नमी होने की वजह से प्रदूषण का स्तर काफी हद तक कंट्रोल में रहा। इसका असर पीएम-10 के स्तर पर भी पड़ा है। पीएम-10 का स्तर 275.96 (क्यूबिक प्रति मीटर) रिकॉर्ड किया गया है, जबकि सामान्य तौर पर यह 100 (क्यूबिक प्रति मीटर) होना चाहिए। गनीमत रही कि दीपावली के पहले तक हुई बारिश की वजह से वायुमंडल में धूल के कण ज्यादा नहीं फैल पाए। पीएम 2.5 का स्तर भी सामान्य स्तर (60) से बढ़कर 117 क्यूबिक प्रतिमीटर दर्ज किया गया।

धनबाद के हीरापुर और बैंक मोड़ में सबसे ज्यादा प्रदूषणः धनबाद में सबसे ज्यादा ध्वनि प्रदूषण रिकॉर्ड किया गया है। पटाखों के शोर ने यहां ध्वनि के स्तर को सबसे ज्यादा बढ़ाया। यहां प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड ने यहां के तीन जगहों पर दीपावली के दिन ध्वनि प्रदूषण की जांच की है। हीरापुर इलाके में सबसे ज्यादा 107.5 डेसिबल ध्वनि प्रदूषण का स्तर रहा। वहीं बैैंक मोड़ में 107.2 और बरटांड़ में 106.7 डेसिबल प्रदूषण दर्ज किया गया। रिहायशी क्षेत्र में सामान्य तौर पर 55 से 45 डेसिबल और कामर्शियल क्षेत्र का 65 से 55 डेसिबल ध्वनि प्रदूषण होना चाहिए।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.