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Jharkhand Governor ने बताई एम्स के नई दिल्ली से राज्यों में विस्तार की कहानी, वाजपेयी को दिया श्रेय; देवघर में एमबीबीएस डिग्री पर कह दी बड़ी बात

AIIMS Deoghar झारखंड के राज्यपाल रमेश बैस ने देवघर में एम्स के वार्षिकोत्सव समारोह में बोलते हुए कहा कि एमबीबीएस की पढ़ाई करने से काम नहीं चलेगा। सफल डाक्टर बनने के लिए पीजी व और आगे की पढ़ाई जरूरी है। उन्होंने एम्स के विस्तार की कहानी भी बताई।

By MritunjayEdited By: Published: Thu, 16 Sep 2021 08:54 AM (IST)Updated: Fri, 17 Sep 2021 09:32 AM (IST)
Jharkhand Governor ने बताई एम्स के नई दिल्ली से राज्यों में विस्तार की कहानी, वाजपेयी को दिया श्रेय; देवघर में एमबीबीएस डिग्री पर कह दी बड़ी बात
एम्स देवघर के डेमो का निरीक्षण करते राज्यपाल रमेश बैस ( फोटो जागरण)।

जागरण संवाददाता, देवघर। देवघर के डाबरग्राम स्थित पंचायत प्रशिक्षण संस्थान में संचालित एम्स के शिक्षण संस्थान में गुरुवार को आयोजित वार्षिकोत्सव समारोह में राज्यपाल रमेश बैस ने शिरकत की। यहां कहा कि डाक्टर को धरती के भगवान का दर्जा मिला है। उन पर लोगों की उम्मीदों का दबाव रहता है। इसलिए चिकित्सकों को काफी धैर्य से काम करने की जरूरत है। उनके अच्छे व्यवहार से मरीज आधा यूं ही ठीक हो जाता है। इस संस्थान के प्रति लोगों का काफी विश्वास है। हर किसी को लगता है कि उसने एम्स में इलाज कराया तो जरूर ठीक हो जाएगा। यहां के डाक्टर व कर्मी जिस सेवा भावना से काम करते हैं उसकी तुलना नहीं हो सकती।

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सिर्फ एमबीबीएस की पढ़ाई से नहीं चलेगा काम

उन्होंने कहा कि देवघर एम्स के बनने से यहां के लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं मिलेंगी। आज सिर्फ एमबीबीएस की पढ़ाई करने से काम नहीं चलेगा। सफल डाक्टर बनने के लिए पीजी व और आगे की पढ़ाई जरूरी है। प्राइवेट मेडिकल कालेजों में पीजी की पढ़ाई के लिए काफी पैसा लिया जाता है। इस पर नियंत्रण बड़ी चुनौती है। पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी को याद कर कहा कि उन्होंने देश को प्रगति की नई राह दिखाई। अटलजी की सरकार में वे राज्य मंत्री व सुषमा स्वराज केन्द्रीय मंत्री थीं। तब एक बार दोनों दिल्ली एम्स गए। वहां भीड़ देख उन्होंने सुषमा स्वराज से कहा था कि कितना अच्छा होता कि देश के अन्य क्षेत्रों में भी एम्स खुलते। सुषमा स्वराज ने उनकी बात को गंभीरता से लिया और चार नए एम्स को मंजूरी दी। बाद में दो और एम्स को मंजूरी मिली। अब ये संख्या बढ़ते-बढ़ते 22 हो चुकी है। देश ही नहीं विदेशों में भी भारत के डाक्टरों ने अगल पहचान बनाई है।

अस्मित अग्रवाल को मिला बेस्ट स्टूडेंट का पुरस्कार

कार्यक्रम में राज्यपाल को स्मृति चिन्ह भेंट किया गया। एम्स के छात्र अस्मित अग्रवाल को राज्यपाल ने बेस्ट स्टूडेंट आफ द इयर का पुरस्कार दिया। इस दौरान एम्स के न्यूज लेटर का विमोचन किया। विधायक नारायण दास, संताल परगना आयुक्त चंद्रमोहन कश्यप, डीआइजी सुदर्शन मंडल, एम्स के कार्यकारी निदेशक डा सौरभ वाष्र्णेय, उपायुक्त मंजूनाथ भजंत्री, एसपी धनंजय कुमार सिंह, एम्स के उपनिदेशक अमरेन्द्र कुमार, डीन डाक्टर वनिता लाल आदि थे। इसके बाद देवघर एयरपोर्ट पर राज्यपाल को गार्ड आफ आनर दिया गया। एयरपोर्ट से वे देवीपुर में बने एम्स परिसर पहुंचे। यहां राज्यपाल ने टाइप टू व टाइप थ्री आवासीय भवन का उद्घाटन किया। व्यवस्था का भी जायजा लिया।


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