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Lockdown: 76 दिन बाद सीमा के आर-पार चलेंगी अब झारखंड की बसें

76 दिनो बाद अंतरराज्यीय बसों का परिचालन शनिवार से शुरू हो गया। जिसके बाद बिहार के भागलपुर नवादा गया औरंगाबाद सहरसा पूर्णिया सहित बंगाल आने जाने वाले यात्रियों को बड़ी राहत मिली है। सरकार के इस फैसले के बाद बस संचालकों में खुशी देखी जा रही है।

By Atul SinghEdited By: Published: Sat, 31 Jul 2021 05:04 PM (IST)Updated: Sat, 31 Jul 2021 05:04 PM (IST)
Lockdown:  76 दिन बाद सीमा के आर-पार चलेंगी अब झारखंड की बसें
76 दिनो बाद अंतरराज्यीय बसों का परिचालन शनिवार से शुरू हो गया। (जागरण)

जागरण संवाददाता, धनबाद : 76 दिनो बाद अंतरराज्यीय बसों का परिचालन शनिवार से शुरू हो गया। जिसके बाद बिहार के भागलपुर, नवादा, गया, औरंगाबाद सहरसा, पूर्णिया सहित बंगाल आने जाने वाले यात्रियों को बड़ी राहत मिली है। सरकार के इस फैसले के बाद बस संचालकों में खुशी देखी जा रही है। सुबह बंगाल के लिए पहली बस 8:55 में खुली।

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हालांकि जानकारी के अभाव में यात्री बस पड़ाव तक नहीं पहुंच पाए जिसके कारण कई रूटों पर बस का परिचालन नहीं हो पाया। दोपहर बाद औरंगाबाद और पूर्णिया के यात्री बस स्टैंड पहुंचे। इन यात्रियों को लेकर 3:00 बजे के बस रवाना हुई। बस संचालक यात्रियों के आने की उम्मीद कर रहे हैं। संचालकों का कहना है कि अभी यात्रियों को इसकी जानकारी नहीं मिली है।

जानकारी मिलते हैं यात्रियों की संख्या बढ़ जाएगी। धनबाद बस स्टैंड से 176 बसें रांची, जमशेदपुर, बोकारो गिरिडीह, देवघर, दुमका हजारीबाग, रामगढ़ के अलावा बिहार तथा बंगाल के विभिन्न रूटों पर चलती है। बताते चलें कि इसके पूर्व केवल राज्य के अंदर ही बसों के परिचालन की अनुमति दी गई थी पर अब राज्य के बाहर भी बसों का परिचालन शुरू हो जाने से बस संचालक काफी राहत महसूस कर रहे हैं। एसोसिएशन के संजय सिंह ने कहा की सरकार के इस निर्णय से बस संचालकों को काफी राहत मिली है।

पिछले ढाई माह से परिवहन व्यवस्था पर लॉकडाउन लगा हुआ था। कोरोना महामारी के कारण अंतर राज्यीय बस सेवा तथा राज्य के अंदर चलने वाले सार्वजनिक परिवहन पर रोक लगी हुई थी। सिर्फ ऑटो को जिले में और टैक्सी को जिले से बाहर परिचालन की अनुमति है। तीन माह से राज्य में लॉक डाउन है। वही 16 मई से जिले भर की बसे बस स्टैंड मैं खड़ी है। भले ही बसें सड़कों पर नहीं चल रही है, लेकिन बिना चले ही इन बसों का रोड टैक्स चुकाना पड़ रहा था। इस बार सरकार रोड टैक्स को लेकर किसी प्रकार की रियायत देने की बात भी नहीं कर रही है। पिछले वर्ष लॉकडाउन में छह माह के लिए रियायत दी गई थी। संजय सिंह ने बताया कि अधिकांश बसें लोन पर होती है। बैंक की तरफ से भी लोन को लेकर काफी दबाव है। लेकिन अप सरकार ने बसों के परिचालन की अनुमति दी है जिसके बाद संचालक रोड टैक्स इंश्योरेंस तथा बैंक लोन सहित अन्य जरूरतों को पूरा कर सकेंगे। उन्होंने कहा कि हर तिमाही 9 हजार का रोड टैक्स जमा करना पड़ता है। अगर एक तिमाही फेल हुई तो दूसरी तिमाही में 200 प्रतिशत की फाइन के साथ टैक्स जमा करना पड़ता है। इसके अलावा इंश्योरेंस के लिए अलग से प्रति बस कम से कम 24 से 25 हजार रुपए तिमाही जमा करना पड़ता है।


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