Jharkhand: लॉकडाउन में घर लाैटे 5 लाख प्रवासी, रोजगार देने को वित्त मंत्री ने केंद्र से मांगा 50 हजार करोड़
मंत्री ने कहा कि राज्य सरकार उन उद्योगों को प्राथमिकता देगी जो कि झारखंड के लोगों को अधिक से अधिक रोजगार देंगे। ऐसी कंपनियों की आवश्यकता है झारखंड को।
बोकारो, जेएनएन। वित्त एवं खाद्य आपूर्ति मंत्री रामेश्वर उरांव शुक्रवार को बेरमो आए और राजेंद्र सिंह को श्रद्धासुमन अर्पित किया। फिर बोकारो में रुके। यहां कहा कि झारखंड में रोजगार देने वाले उद्योगों का स्वागत है। हम ऐसे उद्योगों को प्रोत्साहित नहीं करेंगे जिनमें मजदूर का काम मशीनें करें।चीन में स्थापित कंपनियों को झारखंड में आमंत्रित करने के मसले पर कहा- ऐसा नहीं है कि चीन में चल रहीं सभी कंपनियां अचानक बंद हो जाएंगी अथवा दूसरी जगहों पर चली जाएंगी। इंतजार कीजिये।
बोकारो परिसदन में पत्रकारों से उरांव ने कहा
यह सोचना जल्दबाजी होगी कि कोरोना को लेकर चीन के प्रति सब कुछ नकारात्मक हो चुका है। ऐसी देसी एवं विदेशी कंपनियों को झारखंड में आमंत्रित किया जा रहा है जिससे लोगों को काम मिले। उन्हीं कंपनियों को प्राथमिकता दी जाएगी जो मुनाफा के साथ नियोजन पर जोर दे।
झारखंड के पैसे भारत सरकार दे तो सुधर जाएगी हालत
मंत्री ने कहा कि कोरोना में हर स्तर पर लोगों को सहायता की जरूरत है। सेल, कोल इंडिया समेत कई केंद्रीय सरकारी उपक्रमों पर झारखंड सरकार का 50 हजार करोड़ रुपया बकाया है। भारत सरकार के सार्वजनिक उपक्रमों से जल संसाधन विभाग को नौ हजार करोड़ रुपये लेने है। झारखंड के 59 हजार करोड़ रुपये भारत सरकार दे तो यहां के लोगों की हालत सुधर जाएगी। उन्होंने कहा- 2014 से हम लोग यही सुन रहे हैं कि खनिज में पर्याप्त हिस्सेदारी मिलेगी। यहां के खनिज बाहर जा रहे हैं और भारत सरकार सही हिस्सा नहीं दे रही है।
बिजली सरचार्ज समेत और रियायतों पर जल्द निर्णय होगा
वित्त मंत्री ने कहा कि उद्योगों के बिजली सरचार्ज समेत और रियायतों पर जल्द निर्णय होगा। सरकार सभी लोगों के सुझावों पर गौर कर रही है। भारत सरकार के वन नेशन वन राशन कार्ड को लागू करने के लिए झारखंड तैयार है। उन्होंने बताया कि लॉकडाउन में छह लाख प्रवासी मजदूर आ चुके हैं, आठ लाख मजदूरों के आने का अनुमान है। अभी मनरेगा, प्रधानमंत्री ग्र्राम सड़क योजना समेत और योजनाओं के जरिए रोजगार दिया जा रहा है। और क्या हो सकता है, यह सरकार देख रही है।