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ऐसे ही अधिकारी बिगाड़ रहे झारखंड पुलिस की छवि, VIDEO में सुनिए झरिया थानेदार की भाषा; मुख्यमंत्री ने लिया संज्ञान

झरिया थानेदार पीके सिंह ने झारखंड पुलिस की छवि को तार-तार कर दी है। उनका एक वीडियो वायरल हो रहा है जिसमें मृतक के भाई को भद्दी-भद्दी गालियां दे रहे हैं। इसे मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने गंभीरता से लिया है। जांच का आदेश दिया है।

By MritunjayEdited By: Published: Thu, 01 Apr 2021 08:47 AM (IST)Updated: Thu, 01 Apr 2021 10:32 AM (IST)
ऐसे ही अधिकारी बिगाड़ रहे झारखंड पुलिस की छवि, VIDEO में सुनिए झरिया थानेदार की भाषा; मुख्यमंत्री ने लिया संज्ञान
मृतक के भाई को डंडा दिखाते झरिया थानेदार पीके सिंह।

धनबाद/ धनसार, जेएनएन। धनबाद पुलिस का बर्बर चेहरा एक बार फिर सामने आ गया है। ऐसे समय में जब मानवीय संवेदना की जरूरत थी तो झरिया थानेदार पीके सिंह ने उछल-उछल कर फिल्मी अंदाज में अपनी ताकत दिखाई। हत्या के बाद न्याय की मांग कर रहे मोहित श्रीवास्तव के परिजनों पर पीके सिंह ने लाठियां चटकाई। मां-बहन को गंदी-गंदी गालियां दी। हद तो तब हो गई जब वह अपनी इस कार्रवाई को हल्का बल प्रयोग करते हुए बचाव किया। यह मामला मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन तक पहुंचा है। मुख्यमंत्री ने ट्वीट कर पुलिस के वरीय अधिकारियों को कार्रवाई का निर्देश दिया है। अब देखना है इस मामले में पुलिस की छवि को बनाने के लिए वरीय अधिकारी काैन की कार्रवाई करते हैं। 

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क्या है मामला

ईस्ट बसुरिया निवासी एना आरके ट्रांसपोर्ट आउटसोर्सिंग परियोजना के 26 वर्षीय हाजिरी बाबू मोहित कुमार का शव मंगलवार को गिरिडीह जिले के निमियाघाट में मिला था।  उसकी हत्या की गई थी। इसके बाद स्वजन न्याय मुआवजा की मांग को लेकर एना में पहुंचे थे। करीब 12 बजे उसका शव लेकर स्वजन व अन्य लोग परियोजना पहुंचकर मुआवजा व हत्या की जांच की मांग कर प्रदर्शन करने लगे। आउटसोर्सिंग प्रबंधन का कहना है कि ये लोग उग्र हो गए थे। कई के हाथ के पत्थर भी थे। इन्होंने कर्मियों व सुरक्षा कर्मियों के साथ धक्कामुक्की शुरू कर दी। कोयला उत्पादन ठप करा दिया। इस बीच आउटसोर्सिंग कंपनी के अधिकारी अभिषेक सिंह, बोर्रागढ़ ओपी प्रभारी सौरभ चौबे की कैंप में आंदोलनकारियों से वार्ता होने लगी। करीब साढ़े बारह बजे झरिया थाना प्रभारी पीके सिंह दलबल के साथ आए। उन्होंने आउटसोर्सिंग कंपनी के मुख्य द्वार पर खड़े लोगों को जगह खाली करने का अल्टीमेटम दिया। जब लोग नहीं हटे तो लाठीचार्ज कर दिया।

 

यह पुलिस की बर्बरता है
मोहित श्रीवास्तव के भाई संजय श्रीवास्तव का कहना है कि हमलोग मुआवजा व भाई की हत्या की जांच की मांग को लेकर शांतिपूर्वक आंदोलन कर रहे थे। इसी बीच झरिया थाना पुलिस मौके पर पहुंचकर बिना चेतावनी दिए लोगों पर लाठीचार्ज कर दिया। यह पुलिस की बर्बरता है। प्रदेश कांग्रेस के प्रतिनिधि शमशेर आलम ने कहा किलाठी चार्ज ङ्क्षनदनीय है। क्रूरतापूर्वक लाठीचार्ज किया गया। इस घटना की जानकारी कांग्रेस के वरीय अधिकारियों को देंगे।

ड्यूटी से ही गायब हुआ मोहित
शव के साथ प्रदर्शन कर रहे परिवार वालों का कहना है कि मोहित यहां घटना के दिन ड्यूटी आया था। ड्यूटी से ही गायब हुआ है। अगर मोहित काम से दो घंटे के लिए छुट्टी लेकर गया था तो बाद में उसे फोन क्यों नहीं किया गया। ना ही परिवार वालों को कोई सूचना दी गई। इससे प्रबंधन संदेह के घेरे में है। आउटसोर्सिंग प्रबंधक रवि अग्रवाल का कहना है कि कंपनी के इंचार्ज राकेश रंजन से मोहित ने छुट्टी ली थी। दो घंटे बाद भी ड्यूटी न आने पर राकेश ने कई बार मोहित को फोन किया पर उसने फोन रिसीव नहीं किया।

मोहित दो घंटे की छुट्टी लेकर निकला था। बाहर में उसकी हत्या हो गई। पुलिस छानबीन कर रही है। कंपनी के नियमानुसार आश्रित को मुआवजा देंगे।
- रवि अग्रवाल, प्रबंधक एना आउटसोर्सिंग।

आउटसोर्सिंग में परियोजना में लोग उग्र हो गए थे। सरकारी काम में बाधा डाल रहे थे। समझाने पर भी नहीं मान रहे थे। स्थिति विस्फोटक न हो जाए इसलिए हल्का बल का प्रयोग किया गया।
- पीके सिंह, थाना प्रभारी, झरिया


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