Jharkhand Politics: कृषि मंत्री बादल पत्रलेख ने किया यह दावा, सच हुआ तो 15 साल तक अपने पैरों पर खड़ा नहीं होगी कांग्रेस
झारखंड के कृषि मंत्री बादल पत्रलेख ने कहा है कि अगले 15 साल तक हेमंत सोरेन मुख्यमंत्री रहेंगे। उनका कहना सही हुआ तो झारखंड में कांग्रेस आने वाले दिनों में गठबंधन के सहारे की राजनीति करती रहेगी। उसे अपने पैरों पर खड़ा होने का माैका नहीं मिलेगा।
देवघर/ सारवां, जेएनएन। झारखंड के कृषि मंत्री बादल पत्रलेख ने राज्य में सत्ता की राजनीति को लेकर एक बड़ा दावा किया है। कृषि मंत्री के दावे से मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन समेत उनकी पार्टी-झामुमो के नेता-कार्यकर्ता गदगद होंगे। लेकिन कृषि मंत्री की अपनी ही पार्टी-कांग्रेस के नेता-कार्यकर्ता शायद ही सहमत हों। कृषि मंत्री का दावा ही ऐसा है। अगर पूरा हो गया तो अगले 15 साल तक झारखंड की राजनीति में कांग्रेस अपने पैरा पर खड़ा नहीं हो पाएगी। मंत्री के बयान की झारखंड की राजनीति में खूब चर्चा हो रही है।
दरअसल, कृषि मंत्री बादल पत्रलेख रविवार को झारखंड के देवघर जिले में थे। उन्होंने प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र कुंडा का गोपालपुर गांव में फीता काटकर शुभारंभ किया। इस माैके पर उन्होंने कहा कि अगले 15 सालों तक हेमंत सोरेन ही झारखंड के मुख्मंत्री रहेंगे। मंत्री के इस बयान के बाद झारखंड के कांग्रेसी अचंभित हैं। झारखंड में झामुमो और कांग्रेस गठबंधन की सरकार चल रही है। इसमें कांग्रेस सहयोगी दल है। बादल पत्रलेखा दुमका जिले के जरमुंडी विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस के विधायक हैं। हेमंत सोरेन ने कांग्रेस कोटे से बादल को मंत्री बनाया है। अब अगर मंत्री का दावा सच हुआ तो झारखंड में कांग्रेस अपने पैरों का खड़ा नहीं हो पाएगी। वह झामुमो गठबंधन के सहारे ही राजनीति करती रहेगी। साल 2000 में झारखंड का निर्माण हुआ था। 20 साल तक झारखंड में कांग्रेस का कोई भी बंदा मुख्यमंत्री नहीं बन सका है। मंत्री के दावे के बाद अगले 15 साल के बाबत कांग्रेसी खुद की अंदाजा लगा सकते हैं।
मंत्री ने कहा कि-मेरे पास भी 4 साल है। धैर्य रखें। विकास की गंगा बहेगी। कोरोना काल की चर्चा करते कहा कि चिकित्सक व स्वास्थ्य कर्मियों ने अपनी जान की परवाह नहीं करते हुए लोगों की सेवा की, जो सराहनीय है। लंबे समय से ग्रामीणों की मांग पर अस्पताल का निर्माण करवाया गया। 4 पंचायत के हजारों ग्रामीणों को स्वास्थ्य सुविधा मिलेगी। अब यहां के ग्रामीणों को सारवां और देवघर नहीं जाना पड़ेगा।
मंत्री ने स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी से कहा कभी इसकी शिकायत नहीं मिले कि केंद्र बंद मिला। चिकित्सक व स्वास्थ्य कर्मी नहीं मिले। सोमवार से ही ओपीडी शुरु करें। यह भी कहा कि चिकित्सक की उपलब्धता होते ही देवघर और सारवां को चिकित्सक भी मिल जाएंगे। ग्रामीणों ने रखी अपनी बात ग्रामीणों ने मंत्री के समक्ष अपनी समस्याएं रखी। अस्पताल तक आने के लिए सड़क निर्माण की बात कही, कहा अस्पताल तो बन गया लेकिन अस्पताल के लिए रास्ता नहीं है। आगे गोचर और जमाबंदी जमीन पड़ता है, इसके लिए सड़क का भी निर्माण किया जाना चाहिए। ताकि ग्रामीण चार पहिया वाहन से अस्पताल पहुंच सकें। वहीं बेलटिकरी के ग्रामीणों ने कहा यहां आने के लिए 7 किलोमीटर दूर तय करके आना पड़ेगा।