बिजनेस में बिजी हूं... जामताड़ा के कुख्यात ठग के जवाब से साइबर पुलिस हैरान
Jamtara Cyber Crime News साइबर अपराध की दुनिया में कुख्यात आनंद रक्षित का बेल खारिज करने और उसकी संपत्ति को अटैच करने के लिए जामताड़ा साइबर थाने की पुलिस न्यायालय एवं ईडी को प्रस्ताव भेजने की तैयारी में जुटी है। रक्षित जांच में सहयोग नहीं कर रहा है।
जागरण संवाददाता, जामताड़ा। देशभर में झारखंड का जामताड़ा साइबर ठगी का एक बड़ा और बहुचर्चित केंद्र है। ठगों को पकड़ने के लिए देशभर की पुलिस यहां चक्कर काटती रहती है। यहां के ठगों की निडरता और पुलिस से सामना करने की शैली हैरान करती है। इसका एक नमूना भर है साइबर ठग आनंद रक्षित है। जामताड़ा साइबर थाने से लगातार नोटिस भेजने के बाद भी करोड़पति साइबर अपराधी आनंद रक्षित थाने में उपस्थित नहीं हुआ। उसने डाक के जरिए थाने को पत्र भेजकर जो कारण बताया वह चौंकाने वाला है। नोटिस के जवाब में उसने कहा-इतने शार्ट नोटिस में उपस्थित हो पाना मुश्किल है, क्योंकि मैं अपने बिजनेस में व्यस्त हूं। जानते हैं उसका बिजनेस क्या है ? बताने की जरुरत नहीं।
आनंद की संपत्ति जब्त करने की कार्रवाई
दरअसल, साइबर अपराध की दुनिया में कुख्यात आनंद रक्षित का बेल खारिज करने और उसकी संपत्ति को अटैच करने के लिए जामताड़ा साइबर थाने की पुलिस न्यायालय एवं ईडी को प्रस्ताव भेजने की तैयारी में जुटी है। पुलिस बता रही है कि उसने जांच में सहयोग नहीं किया। आनंद रक्षित के विरुद्ध जामताड़ा साइबर थाना में दर्ज कांड संख्या 54/21 में अनुसंधान में सहयोग के लिए पुलिस ने उसे नोटिस भेजा था। थाने की ओर से 20 दिसंबर, 24 दिसंबर 2021 और 11 जनवरी 2022 को नोटिस भेजा गया था। नोटिस उसकी पत्नी ने रिसीव किया, लेकिन 12 जनवरी को ही उसने एक पत्र निबंधित डाक से साइबर थाना में भेजा। इसमें उसने इस बात का उल्लेख किया है कि वह थाना पहुंचकर अपना बयान दर्ज करवा चुका है। बार-बार नोटिस भेजने पर वह मौजूद नहीं हो सकता, क्योंकि इससे उसका बिजनेस प्रभावित होता है। हालांकि यह भी लिखा है कि जरूरत पडऩे पर वह लिखित बयान दर्ज करवाने साइबर थाना पहुंच सकता है, लेकिन इसके लिए उसे समय देना होगा। पुलिस के अनुसार आनंद रक्षित को तीन नोटिस भेजा गया फिर भी वह उपस्थित नहीं हुआ, जबकि कोर्ट से जमानत उसे सशर्त दी गई थी और उल्लेख किया गया था कि अनुसंधानकर्ता को जब भी जरूरत पड़ेगी वह थाना में उपस्थित होकर जांच में सहयोग करेगा।
घर से 21 लाख नकद हुआ था बरामद, 20 लाख के बांड पर मिली थी जमानत
गिरफ्तारी के समय पुलिस ने उसके घर से 21 लाख 8084 रुपये बरामद किए थे। इसके अलावा उसके पास से स्विफ्ट डिजायर कार, एक बाइक, एक स्कूटी, तीन एलइडी, आठ मोबाइल फोन, नौ सिम कार्ड, 12 पासबुक, छह लाख 84 हजार रुपये के फिक्स डिपाजिट के कागजात और 23 लाख 65 हजार रुपये की जमीन के कागजात बरामद हुआ था। रक्षित ने सारी संपत्ति साइबर अपराध के जरिए ही जमा की थी। बरामदगी में चल-अचल संपत्ति की कीमत लगभग 50 लाख से ज्यादा की निकली थी। अब पुलिस संपत्ति की सूची तैयार कर ईडी को जब्त करने के लिए प्रस्ताव भेजेगी। चौंकाने वाली बात यह रही थी कि 21 लाख 8084 रुपये जिस अपराधी के घर से बरामद हुए उसने गिरफ्तारी के बाद 20 लाख भरकर कोर्ट से कुछ ही दिनों में सशर्त जमानत भी ले ली।
रद्दी बेचकर पिता चलाता था परिवार
27 अगस्त 2021 को पुलिस की छापेमारी के बाद आनंद के बारे में कई चौंकाने वाली बातें सामने आई। उसके पिता वीरने रक्षित पुरानी साइकिल लेकर रद्दी खरीदने और बेचने का काम करते थे। परिवार का नाम बीपीएल लाभुकों की सूची में दर्ज था। लेकिन कुछ ही साल के दौरान साइबर ठगी के जरिए वह करोड़ों का मालिक बन बैठा था। उसके खिलाफ बंगाल में छह साल पहले एक मामला दर्ज हुआ था। लाल बाजार न्यायालय कोलकाता से जमानत पर रिहा होने के बाद वह फिर से साइबर अपराध में लिप्त हो गया। ठगी में करोड़ों कमाने वाले आनंद पर सिर्फ दो केस ही दर्ज हैं। एक कोलकाता के लाल बाजार थाना व दूसरा जामताड़ा के साइबर थाना में।
जामताड़ा सीओ से आनंद रक्षित की चल-अचल संपत्ति का ब्योरा मांगा गया है। जल्द ही इसका मूल्यांकन कर ईडी को पूरी जानकारी भेजी जाएगी. ताकि आरोपित की संपत्ति जब्त की जा सके।
-सुरेश प्रसाद, प्रभारी, जामताड़ा साइबर थाना।