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आप सोच भी नहीं सकते, यहां से भी आपकी उंगली के निशान चुराए जा सकते हैं...

हैकर इंटरनेट के माध्यम से सर्वर तक पहुंचते हैं। वहां से आपके डाटा की कॉपी कर लेते हैं।

By Babita KashyapEdited By: Published: Tue, 19 Dec 2017 02:35 PM (IST)Updated: Tue, 19 Dec 2017 03:57 PM (IST)
आप सोच भी नहीं सकते, यहां से भी आपकी उंगली के निशान चुराए जा सकते हैं...
आप सोच भी नहीं सकते, यहां से भी आपकी उंगली के निशान चुराए जा सकते हैं...

धनबाद, मृत्युंजय पाठक। हिंदी की एक चर्चित कहावत है- चोर के आगे ताला और बेईमान के आगे केवाला क्या? इसलिए किसी के लिए भी यह दावा करना आसान नहीं है कि बायोमीट्रिक अटेंडेंस मशीन से आपकी अंगुलियों के निशानों की चोरी नहीं होगी? इसे देखते हुए डाटा को सुरक्षित करने के लिए सरकार बड़े कदम उठा रही है। झारखंड में आधार आधारित बायोमीट्रिक उपस्थिति प्रणाली (एइबीएएस) में लोगों की अंगुलियों के निशान होते हैं। इन्हें सुरक्षित करने के लिए आरडी सर्विसेज से प्रणाली को अपग्रेड कराया जा रहा है। सिस्टम अपग्रेड होते ही बायोमीट्रिक अटेंडेंस के स्कैनर में स्कैन होने वाले सभी डाटा 24 घंटे में स्वत: डिलीट हो जाएंगे। डाटा डिलीट हो जाएंगे तो हैकर आपकी अंगुलियों के निशान ढूंढते रह जाएंगे। 

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धौनी का आधार डाटा भी हो चुका लीक सरकारी वेबसाइट्स से भी आधार डाटा लीक हो जाता है। इसी वर्ष मार्च माह में भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान और मशहूर क्रिकेट खिलाड़ी रांची निवासी महेंद्र सिंह धौनी के आधार डाटा की चोरी की खबर सुर्खियों में रही थी। धौनी के आधार संबंधी जानकारी लीक करनेवाले आधार केंद्र को 10 साल के लिए काली सूची में डाल दिया गया है। 

ऐसे होती है डाटा की चोरी 

डाटा पर डाका डालनेवाले संबंधित वेबसाइट्स केसर्वर को निशाना बनाते हैं। झारखंड में एइबीएएस के माध्यम से ही तमाम सरकारी कर्मचारी-अधिकारी और अनुबंध पर कार्यरत कर्मचारी-अधिकारियों की हाजिरी बनती है। दूसरी ओर आधार आधारित ई-राशन व्यवस्था लागू होने के कारण 56 लाख परिवार बायोमीट्रिक डिवाइस में अंगूठा लगाकर राशन प्राप्त करते हैं। आधार आधारित बायोमीट्रिक डिवाइस पर अंगुली रखे जाने के बाद उसमें लगा स्कैनर डाटा स्कैन कर झारखंड सरकार व डिवाइस उपलब्ध कराने वाली कंपनी मंत्रा और आधार के सर्वर में भेजता है। स्कैन होने के बाद सर्वर में पहुंचने वाले डाटा को ही हैकर निशाना बनाते हैं। हैकर इंटरनेट के माध्यम से सर्वर तक पहुंचते हैं। वहां से आपके डाटा की कॉपी कर लेते हैं। 

कैसे रुकेगी डाटा की चोरी 

ऐसे डाटा की चोरी रोकने के लिए बायोमीट्रिक डिवाइस को आरडी सर्विसेज के माध्यम से अपग्रेड किया जा रहा है। आरडी सर्विसेज ने झारखंड सरकार को आश्वस्त किया है कि डिवाइस अपग्रेड होने के बाद डाटा की चोरी नहीं होगी। सिस्टम अपग्रेड हो जाने के बाद स्कैन डाटा 24 घंटे के अंदर ही डिवाइस से स्वत: डिलीट हो जाएंगे। तब हैकर डाटा चुरा ही नहीं सकेंगे। सुरक्षा के एवज में आरडी सर्विसेज प्रति डिवाइस 100 रुपये सरकार से वसूल करेगी। इनफॉरमेशन टेक्नोलॉजी एंड ई-गवर्नेंस विभाग झारखंड सरकार के निदेशक यूपी सिंह के निर्देश पर धनबाद समेत झारखंड के सभी जिलों में बायोमीट्रिक डिवाइस को अपग्रेड किया जा रहा है। 

इनफॉरमेशन टेक्नोलॉजी एंड ई-गवर्नेंस विभाग झारखंड सरकार के निर्देश पर एइबीएस को अपग्रेड किया जा रहा है। इससे आधार डाटा की चोरी नहीं हो सकेगी। डाटा का दुरुपयोग नहीं होगा। सरकार आम लोगों के डाटा सुरक्षित करने को पूरी शिद्दत से हर उपाय कर रही है। 

अमित कुमार, परियोजना पदाधिकारी, यूनीक आइडेंटीफिकेशन अथॉरिटी ऑफ इंडिया, धनबाद   

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