Jagarnath Mahto: झारखंड के शिक्षा मंत्री मैट्रिक पास, इंटर की पढ़ाई के लिए अपने ही कॉलेज में कराया एडमिशन
Jagarnath Mahto इंटर में एडमिशन लेने के बाद मंत्री ने कहा कि इससे शिक्षा के प्रति अच्छा संदेश जाएगा। बच्चों को पढ़ाने की सुदृढ़ व्यवस्था कराने के साथ ही वे स्वयं भी पढ़ाई करेंगे।
बेरमो, जेएनएन। Jagarnath Mahto झारखंड के शिक्षा मंत्री जगरनाथ महतो मैट्रिक (10वीं) पास हैं। शिक्षा मंत्री बनने के बाद महतो की शिक्षा को लेकर सोशल मीडिया में टिप्पणी होती रही है। ऐसे लोगों को जबाव देने के लिए महतो तैयार हैं। क्योंकि पढ़ाई की कोई उम्र नहीं होती। महतो ने मैट्रिक से आगे इंटर की पढ़ाई के लिए सोमवार को अपने विधानसभा क्षेत्र-डुमरी स्थित देवी महतो स्मारक इंटर महाविद्यालय नावाडीह में एडमिशन कराया। मैट्रिक पास होने के बावजूद महतो शिक्षा के प्रति समर्पित रहे हैं। बच्चों को शिक्षित करने के लिए अपने विधानसभा क्षेत्र-डुमरी में स्कूल-कॉलेजों का निर्माण कराया है। जिस इंटर महाविद्यालय ने शिक्षा मंत्री एडमिशन लिया उसकी स्थापना भी खुद ही की है।
पढ़ो और लड़ो के नारे से प्रेरित होकर शुरू की पढ़ाई
इंटर में एडमिशन लेने के बाद मंत्री ने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि इससे शिक्षा के प्रति जनता में अच्छा संदेश जाएगा। उन्होंने कहा-झारखंड राज्य के बच्चों को पढ़ाने की सुदृढ़ व्यवस्था कराने के साथ ही वे स्वयं भी पढ़ाई करेंगे। महतो झारखंड आंदोलन के प्रणेता सह झामुमो के संस्थापक बिनोद बिहारी महतो के 'पढ़ो और लड़ो' के नारे से प्रेरित होकर महतो ने वर्ष-1995 में मैट्रिक की परीक्षा देकर द्वितीय श्रेणी से पास हुए, लेकिन राजनीतिक व्यस्तताओं के कारण आगे की पढ़ाई जारी नहीं रख पाए थे, जो उन्हें बेहद सालता था। यह पूछे जाने पर कि कहीं यह विरोधियों द्वारा दसवीं पास शिक्षा मंत्री केे होने पर कटाक्ष का जवाब तो नहीं है, तो उन्होंने कहा कि विरोधियों का काम ही है विरोध जताना व मीन-मेख निकालना। जब वे उत्कृष्ट अंकों से इंटरमीडिएट की परीक्षा उत्तीर्ण कर आगे की पढ़ाई भी करने लगेंगे, तब विरोधियों को खुद-ब-खुद जवाब मिल जाएगा।
मुख्यमंत्री के जन्म दिन पर लिया नामांकन
राजनीतिक गतिविधियों एवं मंत्रालय के कार्य की व्यस्तता के बीच अपनी पढ़ाई के लिए कैसे समय निकाल पाएंगे सवाल के जवाब में मंत्री ने कहा, देख लीजिएगा कि क्षेत्र की जनता की सेवा वे पूर्व की भांति ही करते हुए मंत्रालय का कार्य भी करेंगे। साथ ही महाविद्यालय में संचालित कक्षाओं में भी भाग लेते हुए अपनी पढ़ाई जारी रखेंगे। उन्होंने कहा कि वे राज्य के बच्चों को पढ़ाएंगे भी और खुद पढ़ेंगे भी, इस संकल्प के साथ झारखंड में शिक्षा के स्तर में सुधार करने में जुटे हुए हैं। कहा कि आज ही उन्होंने राज्य के विभिन्न स्थानों में 4416 लीडर स्कूल खोलने की योजना के प्रारूप पर हस्ताक्षर किया है। खुद के इंटर में नामांकन कराने एवं लीडर स्कूल खोलने की योजना के प्रारूप पर हस्ताक्षर करने के लिए उन्होंने आज का दिन इसलिए चुना, क्योंकि आज ही यानी 10 जुलाई को झारखंड के वर्तमान मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन का जन्मदिन भी है।