पिछले वर्ष सामने आया था डीजल घोटाला
धनबाद पिछले वर्ष नगर निगम में साफ सफाई के लिए इस्तेमाल होने वाले ट्रैक्टर में लगभग नौ लाख 45 हजार रुपया के डीजल घोटाले का खुलासा हुआ था।
धनबाद : पिछले वर्ष नगर निगम में साफ सफाई के लिए इस्तेमाल होने वाले ट्रैक्टर में लगभग नौ लाख 45 हजार रुपया के डीजल घोटाले का खुलासा हुआ था। पेट्रोल पंप कर्मी से मिलकर नगर निगम के वाहन चालकों ने फर्जी बिल देकर राशि का बंदरबाट किया गया। नगर आयुक्त चंद्रमोहन कश्यप की जाच में यह गड़बड़ी सामने आयी थी। इस मामले में चार ट्रैक्टर और टिपर चालकों को हटा दिया गया था। यह सिर्फ धनबाद अंचल का मामला था। इस प्रकरण के बाद झरिया, छाताटाड़ व कतरास अंचल में भी डीजल की खपत की जाच की गई। दरअसल सफाई मद में धनबाद अंचल में प्रतिमाह साढ़े नौ लाख रुपये का डीजल खर्च दिखाया जाता था। निगम के पदाधिकारी व ड्राइवर की मिलीभगत से यह खेल चलता रहा। इस बीच मो.अनिस को धनबाद अंचल का कार्यपालक पदाधिकारी बनाया गया। इनके नेतृत्व में डीजल में चल रही हेराफेरी की जाच शुरू की गई। जाच के क्रम में पाया गया कि गाड़ी में डीजल डालने के लिए विभाग से रसीद तो ली जाती थी, लेकिन गाड़ी में डीजल नहीं डाला जाता था।
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एक साथ दोनों पालियों की लेते थे रसीद
एक साथ सुबह व शाम दोनों शिफ्ट के लिए डीजल की रसीद ली जाती थी, लेकिन शाम में गाड़ी नहीं चलती थी। जाच में कुछ मामले ऐसे भी सामने आए थे कि जेसीबी चली नहीं और उसके लिए 75 लीटर से अधिक डीजल की रसीद ले ली गई। ट्रैक्टर व टिपर में भी यही खेल खेला गया। जब एक-एक गाड़ी की जांच की गई तो प्रतिमाह साढ़े नौ लाख का बजट घटकर पाच लाख पहुंच गया। नगर निगम के धनबाद अंचल में सफाई के लिए 17 ट्रैक्टर और 14 टिपर लगाए गए हैं। प्रति ट्रैक्टर सात लीटर जबकि प्रति टिपर पाच लीटर डीजल भराया जाता है।