International Yoga Day 2020: कैंसर को मात देकर रेणु बन गईं योग गुरु, अब दूसरों में भर रहीं प्राणवायु
International Yoga Day 2020 कैंसर रोगियों के लिए प्राणायाम बहुत लाभकारी है। ये शरीर के अंदर ऑक्सीजन के स्तर को बढ़ाता है। इससे आप अपनी वास्तविक ताकत हासिल कर लेते हैं।
गोड्डा [ विधु विनोद ]। गोड्डा का गंगटी मुहल्ला। यहीं रहती हैं स्व. विभाष चंद ठाकुर की पत्नी रेणु ठाकुर। बात वर्ष 2014 की है। मुंबई के टीएमसी हॉस्पिटल में बायोप्सी जांच के बाद गॉल ब्लैडर में कैंसर की पुष्टि हुई। एक बारगी वे कांप गईं। पर, फिर मन को संयत किया। 2009 से ही रेणु पंतजलि योगपीठ से जुड़ीं थीं। कैंसर की जानकारी बाबा रामदेव को दी। उन्होंने सुझाव दिया कि योग के माध्यम से इस रोग को हरा सकती हो। बस आत्मबल होना चाहिए। आयुर्वेदिक दवाएं भी दी गईं। बस इन दवाओं के साथ योग को जीवन में पूरी तरह उतार लिया। आत्मबल रंग लाया और कैंसर थमने लगा।
रेणु ने योग की महत्ता समझी और लोगों को इसका अभ्यास भी नियमित कराने लगीं। लॉकडाउन से पूर्व उनकी रिपोर्ट आई, उसमें उन्होंने कैंसर को परास्त कर दिया। रेणु ने बताया कि पति पंचायत सेवक थे। उनका निधन हो गया। इसी बीच पता लगा कि उनको कैंसर है। उन दिनों बेहद परेशान हो गई। बाबा रामदेव के परामर्श के बाद रोज एक घंटे कपालभाति, आधे घंटे अनुलोम-विलोम के साथ सूर्य नमस्कार, मेडिटेशन और प्राणायाम किया। इसका असर सामने है।
कैंसर रोगियों के लिए प्राणायाम बहुत लाभकारी है। ये शरीर के अंदर ऑक्सीजन (प्राणवायु) के स्तर को बढ़ाता है। इससे आप अपनी वास्तविक ताकत हासिल कर लेते हैं। मेडिटेशन दिमाग को शांत रख सोच को सकारात्मक बनाता है। एक बात जान लें कि खुश व शांतचित्त रहेंगे तो सेहत अपने आप दुरुस्त होगी। हमारे साथ यही हुआ, नतीजा सार्थक आया। करीब छह साल से शहर की महिलाओं को योग के लिए जागरूक करने के साथ योगाभ्यास कराते हैं। पंतजलि योगपीठ और भारत स्वाभिमान मंच की महिला प्रभारी के रूप में सक्रिय हूं। योग की महिमा से सभी को अवगत कराते हैं। रेणु का दावा है कि योग के बल पर रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ा सकते हैं। इससे आत्मविश्वास बढ़ता व डिप्रेशन खत्म होता है। हर इंसान नियमित योग करे तो निरोगी रहेगा। कैंसर को मात देकर सामान्य जीवन जी रही हूं। कैंसर से स्वस्थ होने के बाद रेणु ठाकुर दूसरों को भी नियमित योग करने की सलाह देती हैं।
योग एक विधा है। इसमें रोग प्रतिरोधक क्षमता विकसित करने की ताकत है। हालांकि रेणु के के मामले पर उनके केस का अध्ययन करने पर ही कुछ कहा जा सकता है। कैंसर को योग के बल पर मात देने का मसला अभी शोध का विषय है। बावजूद ये सही है कि कोरोना काल में योग को लेकर सरकार भी गंभीर है।
-डॉ. एसपी मिश्र, सिविल सर्जन, गोड्डा।