इंटक नेताओं की पुरी बैठक में फिर एकता का राग
संगठन के बिखराव को एक सूत्र में बांधने की जरूरत है। बैठक में वरीय नेताओं ने कई सुझाव दिए। राजेंद्र प्रसाद सिंह ने उन पर सकारात्मक आश्वासन दिया।
धनबाद, जेएनएन : इंटक के दो दिग्गज नेताओं इंटक महासचिव राजेंद्र प्रसाद सिंह व पूर्व सांसद चंद्रशेखर दुबे उर्फ ददई दुबे ने गिले शिकवे मिटा दिए हैं। दोनों के बीच की खाई दूर होने के बाद पुरी में शुक्रवार को अहम बैठक हुई। इसमें राजेंद्र प्रसाद सिंह भी मौजूद थे। इंटक की मजबूती के लिए नई कमेटियों के गठन की बात कही गई। उपस्थित नेताओं ने श्रमिक हित में इस एकजुटता को अच्छा कदम बताया। कहा कि सरकार की मजदूर विरोधी नीतियों के खिलाफ एकता के साथ लड़ना है। तभी ताकत मिलेगी।
संगठन के बिखराव को एक सूत्र में बांधने की जरूरत है। बैठक में वरीय नेताओं ने कई सुझाव दिए। राजेंद्र प्रसाद सिंह ने उन पर सकारात्मक आश्वासन दिया। विवाद को समाप्त कर इंटक व राष्ट्रीय कोलियरी मजदूर संघ को मजबूत करने की बात कही गई। सरकार व कोल इंडिया की मजदूर विरोधी नीतियों के खिलाफ एक मंच पर आकर संघर्ष की आवाज उठी। कहा गया कि दोनों नेताओं के विवाद के कारण संगठन को काफी नुकसान हो चुका है। कोल इंडिया की सभी कमेटियों से इंटक के अलग रहने का मजदूरों को खामियाजा भुगतना पड़ा है। दरअसल दोनों नेता कोल सेक्टर के दमदार नेताओं में शुमार हैं। इसलिए इनके विवाद से नुकसान भी कोयला उद्योग को हुआ है। इंटक अध्यक्ष जी संजीवा रेड्डी के साथ राजेंद्र सिंह, ददई दुबे गुट व अन्य वरीय नेताओं की बैठक के बाद इंटक, फेडरेशन और आरसीएमएस की नई कमेटी की घोषणा होगी। बैठक में बीके दास, एके झा, वीरेंद्र प्रसाद अंबष्ठ, मिथलेश सिंह, संतोष महतो, एसएस जामा, हेमंत प्रधान समेत अनेक नेता थे।