Indian Railways : ब्रिटिश जमाने की परंपरा बदलेगी रेलवे, यूनियन बता रही पद सरेंडर करने की तैयारी Dhanbad News
Indian Railways रेल चालक और गार्डों को हल्के ट्रॉली बैग का विकल्प दिया जाएगा। ब्रिटिश जमाने से चली आ रही परंपरा को खत्म कर पूर्व रेलवे समेत अन्य जोन ने इसे ट्राइल पर अपनाया भी है।
धनबाद, जेएनएन। Indian Railways रेल चालक और गार्डों को लोहे के भारी-भरकम बक्सों की जगह हल्के ट्रॉली बैग का विकल्प दिया जाएगा। ब्रिटिश जमाने से चली आ रही इस परंपरा को खत्म कर पूर्व रेलवे समेत कुछ अन्य ज़ोन ने इसे ट्राइल पर अपनाया भी है। उनके अनुभव के आधार पर देशभर में इसे लागू करने की योजना है। इसके लिए रेलवे बोर्ड ने संबंधित जोनों से इससे जुड़ी अनुभव रिपोर्ट के साथ यूनियनों की प्रतिक्रिया भी मांगी है। पत्र जारी होते ही पूर्व मध्य रेल की यूनियनों ने विरोध शुरू कर दिया है।
ईस्ट सेंट्रल रेलवे मजदूर यूनियन के मंडल मंत्री राकेश प्रसाद ने कहा कि चालक और गार्ड का बॉक्स चढ़ाने के लिए बॉक्स बॉय होते हैं। ट्रॉली बैग देकर उनका पोस्ट सरेंडर करने की तैयारी की जा रही है। मंडल मंत्री ने यह भी कहा कि दूसरे जोन के कर्मचारियों से जानकारी मिली है कि ट्रॉली बैग की खरीद के लिए नियमित पैसे का भुगतान नहीं किया जाता है। इसलिए यूनियन इसका विरोध करेगी।
क्यों दिए जाते हैं बॉक्स : रेलवे ड्राइवरों और गार्डों को मिलनेवाले यह बक्सा लाइन बॉक्स कहलाता है। इनमें एक-एक मेडिकल किट, दो-दो लाल और एक-एक हरी झंडियां, ट्रेन संचालन के मैन्युअल बुक्स, टॉर्च/हैंड सिग्नल लैंप, टिन के डब्बे में डेटॉनेटर्स, सीटी और बक्से की रखवाली के लिए उपयुक्त ताले के साथ एक चेन एवं कुछ अन्य सामान होते हैं।