Indian Railways: धनबाद-कोडरमा-गया रेल मार्ग पर एक साल से नहीं चल रहीं पैसेंजर ट्रेन
हावड़ा-नई दिल्ली को जोड़ने वाले धनबाद-कोडरमा-गया रेल मार्ग पर पिछले एक साल से एक भी पैसेंजर ट्रेन नहीं चल रही है। देशभर की ज्यादातर ट्रेनों के चलने के बाद भी झारखंड-बिहार को जोड़ने वाली पैसेंजर ट्रेनों के नहीं चलने से हजारों यात्री प्रभावित हैं।
धनबाद, जेएनएन : हावड़ा-नई दिल्ली को जोड़ने वाले धनबाद-कोडरमा-गया रेल मार्ग पर पिछले एक साल से एक भी पैसेंजर ट्रेन नहीं चल रही है। देशभर की ज्यादातर ट्रेनों के चलने के बाद भी झारखंड-बिहार को जोड़ने वाली पैसेंजर ट्रेनों के नहीं चलने से हजारों यात्री प्रभावित हैं।
इससे लोगों में काफी नाराजगी है और उनके अंदर गुस्सा बढ़ता रहा है। जनप्रतिनिधियों के स्तर पर पहल न होने से भी लोगों में नाराजगी है। पिछले साल 22 मार्च को कोरोना काल में हुई रेलबंदी के बाद से अब तक पैसेंजर ट्रेनें बंद हैं। जो एक्सप्रेस ट्रेनें चल रही हैं, उनके आरक्षण कराकर ही सफर की अनुमति दी गई है। 17 फरवरी को पूर्व मध्य रेल महाप्रबंधक ललित चंद्र त्रिवेदी धनबाद के वार्षिक दौरे पर आ रहे हैं। उनके आने से कुछ पैसेंजर ट्रेनों को चलाने का एलान होने की उम्मीद है।
नौकरीपेशा, कारोबारी से लेकर छात्र छात्राएं तक हैरान-परेशान
धनबाद से कोडरमा और गया के बीच कई पैसेंजर ट्रेनें चलती थीं। इनमें आसनसोल-गया ईएमयू, आसनसोल-वाराणसी मेमू जैसी ट्रेनें शामिल थीं। दोनों ही ट्रेनें झारखंड-बिहार के यात्रियों के लिए लाइफ लाइन थीं। इससे रोजाना सरकारी और निजी दफ्तरों में काम करने वाले कर्मचारी, स्कूल-कॉलेज और कोचिंग जानेवाले छात्र-छात्राएं और कारोबारी भी सफर करते थे। अब तकरीबन एक साल से ट्रेन नहीं चलने से उन्हें दूसरा विकल्प तलाशना पड़ रहा है। समर्थ लोगों ने दोपहिया या चारपहिया खरीद लिया है। जिनके पास आर्थिक कमजोरी है, उन्हें अब भी पैसेंजर ट्रेन चलने का इंतजार है।
पहले राज्य सरकार पर फोड़ रहे थे ठिकरा, अब कम यात्रियों का बहाना
ट्रेन चलाने को लेकर महीनों तक राज्य सरकार के पाले में गेंद डालते रहे। पूर्व मध्य रेल मुख्यालय में बैठे अफसरों का कहना था कि झारखंड सरकार की अनुमति मिलने के बाद ही ट्रेनें चलाई जा सकेंगी। अब जब गेंद राज्य सरकार के पाले से निकल गया तो यात्री कम मिलने की बात कहकर क्रमवार ट्रेनें चलाने की बातें हो रही हैं।