Coal India: कोयले के क्षेत्र में भारत आत्मनिर्भर नहीं, हर साल दो साै टन का हो रहा आयात
कोयला मंत्रालय ने कोयले की जरूरत को पूरा करने के लिए मिशन 2025-26 के तहत एक हजार मिलियन टन कोयला उत्पादन करने की दिशा में काम कर रही है। इस लिहाज से हर साल 17 हजार करोड़़ कैपिटल बजट के रूप में राशि खर्च करने का प्रावधान रखा है।
जागरण संवाददाता, धनबाद। देश में कोयला की मांग घरेलू उत्पादन से पूरा नहीं हो पा रहा है। अब भी करीब दो सौ मिलियन टन कोयला आयात हो रहा है। इससे विदेशी मुद्रा में अधिक राशि खर्च हो रही है। कोयला की मांग को पूरा करने के लिए कोयला मंत्रालय कोयला उत्पादन व डिस्पैच पर जोर दे रही है। कोयला मंत्री प्रह्ललाद जोशी ने राज्यसभा में लिखित जवाब में इसका उल्लेख करते हुए कहा है कि कोयला की मांग को पूरा करने की दिशा में कई योजनाओं पर काम किया जा रहा है। 28 कोयला खानों की सफलतापूर्वक नीलामी हो गई है। 27 पर निहित आदेश पर हस्ताक्षर कर दिया गया है। देश में करीब हजार मिलियन टन कोयला की खपत है। इस खपत को पूरा करने के लिए घरेलू उत्पादन बढ़ाकर पूरा किया जा सकता है। कोल इंडिया को एक हजार मिलियन टन कोयला उत्पादन लक्ष्य पूरा करने की दिशा में काम किया जा रहा है।
2025-26 के मिशन पर काम करने का ऐलान
कोयला मंत्रालय ने देश में कोयला की जरूरत को पूरा करने के लिए मिशन 2025-26 के तहत एक हजार मिलियन टन कोयला उत्पादन करने की दिशा में काम कर रही है। इस लिहाज से हर साल 17 हजार करोड़़ कैपिटल बजट के रूप में राशि खर्च करने का प्रावधान रखा है। जिससे मशीन, डोजर, डंफर सहुित अन्य मशीन की खरीदारी की जा सके। कोयला मंत्रालय व कोल इंडिया की टीम को इस पर नजर बनाए रखने के लिए कहा गया है। लगातार मंत्रालय की टीम कंपनियों का दौरा कर स्थिति का आकलन भी कर रही है।
वर्ष उत्पादन प्रषेण कुल आयात खपत आयात व प्रेषण
- 2018-19 728.718 732.794 235.348 968.142
- 2019-20 730.874 707.176 248.537 955.713
- 2020-21 716.084 690.888 214.995 905.883