ग्रामीण बिजली उपभोक्ताओं को लगेंगे करेंट, किसान भी भरेंगे ज्यादा बिल
बिजली का टैरिफ भी पहले से तीन गुणा तक बढ़ा है। ऐसे में सुदूर इलाके के ग्र्रामीण जो हर दिन मजदूरी कर परिवार चलाते हैं। ऐसे में अब उन्हें भी नई टैरिफ पर बिजली बिल चुकाना पड़ेगा।
धनबाद, नीरज दूबे। बिहार के जमाने से बकाया बिजली बिल, अब सीधे तौर पर धनबाद समेत राज्य भर के गरीब जनता के सिर पर पडऩे जा रहा है। बकाया राशि में प्रत्येक महीने 100 करोड़ देने का विभाग ने डीवीसी के साथ जो करार किया है, वह राशि ग्र्रामीण इलाके के गरीब जनता से बिजली विभाग वसूल करने की तैयारी में है। महत्वपूर्ण बात है कि 1200 करोड़ की बकाया राशि झारखंड गठन से पूर्व का है। उस वक्त धनबाद के सुदूर दर्जनों ग्र्रामीण इलाकों में बिजली तक नहीं पहुंची थी। बावजूद वर्तमान समय में उन इलाके के ग्र्रामीणों को भी बकाया राशि के लिए बिजली बिल का बोझ पडऩे जा रहा है। यही वजह है कि सुदूर ग्र्रामीण इलाकों में फिक्स बिल हटाकर बिजली मीटर लगाए जा रहे हैं। जबकि पूर्व में सरकार ने ग्र्रामीणों को फिक्स रेट में बिजली देकर काफी राहत दी थी, लेकिन अब फिक्स रेट पर बिजली का प्रावधान ही समाप्त कर दिया है।
इधर बिजली का टैरिफ भी पहले से तीन गुणा तक बढ़ा है। ऐसे में सुदूर इलाके के ग्र्रामीण जो हर दिन मजदूरी कर परिवार चलाते हैं। ऐसे में अब उन्हें भी नई टैरिफ पर बिजली बिल चुकाना पड़ेगा। इधर बिजली विभाग ग्र्रामीण इलाकों में मीटर लगाने का अंतिम लक्ष्य मार्च तक रखा है। मार्च के बाद शहरी इलाके की तरह ग्र्रामीणों को भी बिजली बिल देना पड़ेगा। किसानों को भी अब बिजली पूर्व से काफी महंगा पड़ेगा। अभी तक विभाग ने फिक्स बिल हटाने की जगह ग्रामीण के लिए कोई संशोधित नई बिजली दर तय नहीं की है पर मार्च से उनका बिजली मीटर पुराने टैरिफ से चालू हो जाएगा।