COVID-19 ने फुलाई आयकर विभाग की सांसें, केंद्र से 30 अप्रैल तक समय सीमा बढ़ाने की मांग Dhanbad News
वित्तीय वर्ष समाप्त होने में महज छ दिन शेष हैं लेकिन आयकर विभाग का काम पूरी तरह से ठप है। टैक्स कलेक्शन से लेकर विभिन्न प्रकार के वादों-विवादों का निपटारा नहीं हो पा रहा है।
धनबाद, जेएनएन। कोरोना वायरस का कहर इस कदर हावी है कि लोगों की सुरक्षा को लेकर पूरे झारखंड को लॉकडाउन कर दिया गया है। निषेधाज्ञा लगा दी गई है। ऐसी स्थिति में दुकान, मॉल और फैक्ट्री तक बंद हैं। सब जगह काम ठप है। सरकार कार्यालयों तक में अवकाश दे दिया गया है। ऐसे में सबसे बड़ी परेशानी आयकर विभाग के सामने उठ खड़ी हुई है।
वित्तीय वर्ष समाप्त होने में महज छ: दिन शेष हैं, लेकिन आयकर विभाग का काम पूरी तरह से ठप है। टैक्स कलेक्शन से लेकर विभिन्न प्रकार के वादों-विवादों का निपटारा नहीं हो पा रहा है। कई मामले अनुमोदन के लिए लंबित पड़े हुए हैं। फंड की देनदारी, बिल भुगतान, टीए-डीए क्लियरेंस सभी बंद है। स्थिति यह है कि पूरा काम ठप है। ऐसे में वित्तीय वर्ष समाप्त होने वाला है।
इस स्थिति को देखते हुए इनकम टैक्स इम्पलाईज फेडरेशन और इनकम टैक्स गजटेड आफिसर एसोसिएशन ने केंद्रीय वित्त मंत्री को पत्र देकर 30 अप्रैल तक का समय बढ़ाने की मांग की है। ऐसोसिएशन ने सेंट्रल बोर्ड ऑफ डायरेक्ट टैक्स से भी आग्रह किया है कि वित्तीय वर्ष की समाप्ति की तिथि 31 मार्च की बजाय 30 अप्रैल निर्धारित किया जाए। कोरोना संक्रमण काल में कर्मचारियों एवं अधिकारियों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए सभी कार्यालयों को बंद किया जा चुका है।
पत्र में यह भी आग्रह किया गया है कि आयकर विभाग के अधिकारियों एवं कर्मचारियों का कार्य जनता से जुड़ा हुआ है। इन्हें कई जगहों पर आना जाना पड़ता है। इन स्थितियों को देखते हुए समय बढ़ाने की मांग की गई है।