‘कूल गर्ल’ के जीवन में कुछ चल रहा था ‘हॉट’
अचानक ज्योति और उसके पति अमित के बीच ऐसा क्या हो गया कि उसने आत्मघाती कदम उठा लिया और पत्नी के दुपट्टे से ही लटककर जान देने की कोशिश की।
धनबाद, जेएनएन। ‘आइ एम ए कूल गर्ल विद सिंपल लिविंग, हाई थिंकिंग’। ये स्टेटस आइआइटी की रिसर्च स्कॉलर ज्योति कुमारी ने अपने फेसबुक पेज पर लिख रखा है। इस स्टटेस से उसके शांत स्वभाव का पता चलता है लेकिन ज्योति और उसके पति अमित के बीच कुछ न कुछ तो ‘हॉट’ मामला आ ही गया था जिससे बात इतनी ज्यादा बिगड़ गई। परिजन बताते हैं कि शनिवार तक अमित और ज्योति के बीच सब कुछ ठीक ठाक था। पांच जुलाई को ही आइआइटी की रिसर्च स्कॉलर ज्योति अपने पति अमित कुमार के साथ लॉग ड्राइव पर पटना गई थी। ज्योति ने उस दिन अपने फेसबुक को अपडेट कर लांग ड्राइव के दौरान ली गई अपनी और पति की बेहतरीन तस्वीर भी शेयर की थी। लेकिन अचानक ज्योति और उसके पति अमित के बीच ऐसा क्या हो गया कि उसने आत्मघाती कदम उठा लिया और पत्नी के दुपट्टे से ही लटककर जान देने की कोशिश की।
अमित नोयडा से ज्योति से मिलने धनबाद पहुंचे थे। वे आइएसएम के ईडीसी गेस्ट हाउस में पिछले सोमवार से ही ठहरे हुए थे। रविवार दोपहर को दोनों के बीच किसी बात को लेकर विवाद हुआ और फिर अमित ने आत्महत्या का प्रयास किया। हालांकि दोनों के बीच क्या विवाद था, यह कोई बताने वाला नहीं। अमित बताने की स्थिति में नहीं है और ज्योति गहरे सदमे में है। परिजनों को भी अभी घटना के कारण को लेकर कुछ पता नहीं।
शादी के पहले ही आइआइटी पहुंच गई थी ज्योति
बीएचयू से साइकलोजी में एमए करने के बाद ज्योति कुमारी ने वर्ष 2015 में आइआइटी आइएसएम के ह्यूमिनिटी एंड सोशल साइंस में पीएचडी रिसर्च स्कॉलर में नामांकन लिया था। फिलहाल ज्योति अंतिम वर्ष में है। शिक्षक हैं अमित के पिता एमटेक करने के बाद अमित नोएडा में साफ्टवेयर कंपनी एचसीएल में कार्यरत हैं। अमित का पूरा परिवार भी नोएडा में रहता है। उसके पिता एके राय नोएडा में ही केंद्रीय विद्यालय में शिक्षक हैं। अमित के आत्महत्या के प्रयास को लेकर आइएसएम प्रबंधन की ओर से पिता एके राय से संपर्क किया गया। उन्होंने अपने पुत्र का हालचाल लिया और कहा कि सियालदह राजधानी से सोमवार की सुबह धनबाद पहुंचेंगे।
14 मिनट में तय की चार किलोमीटर की दूरी
अमित द्वारा किए गए आत्महत्या के प्रयास के बाद तनिक भी देर हो जाती तो मामला बिगड़ सकता था। ईडीसी के इंचार्ज ने वरीय सुरक्षा अधिकारी राम मनोहर के मोबाइल पर 12 बजकर 36 मिनट पर फोन किया। राम मनोहर बिना देरी ईडीसी पहुंचे और अमित को स्कॉर्पियो में लेकर 12 बजकर 50 मिनट में पीएमसीएच में दाखिल हो गए।
पहले पत्नी ने ही किया अमित को बचाने का प्रयास
जब अमित ने फांसी लगाई तब उसकी पत्नी ज्योति भी वहीं थी। उसने पति को बचाने की भरपूर कोशिश। पहले तो उसने पंखे से लटके पति के पैरों को हाथ से उठाकर बचाने का प्रयास किया परंतु जब वह कामयाब नहीं हो पाई तो वह तुरंत उसे छोड़कर गेस्ट हाउस के बाहर चिल्लाते हुए निकली और कर्मचारियों से मदद मांगी। आननफानन में कर्मचारी कमरे में गए और इंजीनियर को फंदे से उतारा और प्रबंधन को घटना की जानकारी दी।
इंस्पेक्टर हैं ज्योति के पिता
अमित झारखंड के देवघर जिले के जसीडीह में स्थित बसंतपुर गांव का रहने वाला है जबकि उसकी पत्नी बिहार के नवादा जिले की है। ज्योति के पिता सच्चिदा प्रसाद सिंह झारखंड के रामगढ़ जिले के राजरप्पा थाने में इंस्पेक्टर हैं वहीं अमित का बहनोई भी पालाजोरी थाने में थाना प्रभारी है।