IIT-ISM शताब्दी समारोह: परंपरा से तकनीक तक की यात्रा, सौ वर्ष के जश्न में चमक बढ़ाएंगे पीएम के प्रधान सचिव और गौतम अदाणी
Dhanbad News: आइआइटी-आइएसएम धनबाद अपने शताब्दी वर्ष का उत्सव मनाने जा रहा है। इस अवसर पर, संस्थान के पारंपरिक खनन विद्यालय से आधुनिक तकनीकी संस्थान बनने तक के सफर को दर्शाया जाएगा। शताब्दी वर्ष में संस्थान अपनी ऐतिहासिक विरासत और तकनीकी विकास को प्रदर्शित करेगा। संस्थान नवाचार और अनुसंधान को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध है।

आइआइटी-आइएसएम धनबाद का आकर्षक दृश्य।
जागरण संवाददाता, धनबाद। आइआइटी-आइएसएम (IIT-ISM Dhanbad) अपनी गौरवशाली यात्रा के 100वें वर्ष में प्रवेश कर रहा है। शताब्दी स्थापना सप्ताह (3 से 9 दिसंबर) का शुभारंभ बुधवार को होगा।
मुख्य अतिथि प्रधानमंत्री के प्रधान सचिव डा. पीके मिश्रा होंगे। डीआरडीओ, ऊर्जा एवं खनन कंपनियों, सार्वजनिक प्रशासन, वैश्विक तकनीकी संगठनों व विभिन्न औद्योगिक क्षेत्रों से कई विशिष्ट जनप्रतिनिधि भी शामिल होंगे।
उद्घाटन समारोह वैदिक मंत्रोच्चार से शुरू होगा। इसके बाद विकसित भारत 2047 विषय पर अमृतकाल विमर्श होगा। बौद्धिक चर्चाओं के लिए यह विमर्श भावी तकनीकी एवं सामाजिक दिशा तय करने का आधार बनेगा।
संस्थान के अनुसार, समारोह का प्रमुख आकर्षण ज्ञान-विज्ञान प्रांगण होगा। इसमें थ्रीडी मेटावर्स माइनिंग, अत्याधुनिक सिस्मोलाजी प्रणालियां, एआइ संचालित डिजिटल ट्विन डैशबोर्ड, रोबोटिक्स और स्वच्छ ऊर्जा तकनीकों का जीवंत प्रदर्शन किया जाएगा।
यह प्रांगण संस्थान की उस प्रगतिशील यात्रा का प्रतीक होगा जिसने इसे एक पारंपरिक खनन विद्यालय से आधुनिक तकनीकी संस्थान के रूप में रूपांतरित किया है।
पूरे सप्ताह के दौरान महत्वपूर्ण खनिज संसाधन, सतत ऊर्जा संक्रमण, भारतीय ज्ञान परंपरा, महिला-नेतृत्व वाले नवाचार, माइनिंग 4.0, कृत्रिम बुद्धिमत्ता, फ्रंटियर जियोसाइंसेस तथा पर्यावरण संरक्षण जैसे विषयों पर राष्ट्रीय स्तर के शैक्षणिक आयोजन होंगे।
इसके साथ ही विद्यालयों के छात्रों के लिए कार्यशालाएं, रोबोटिक्स गतिविधियां, नवाचार प्रतियोगिताएं और विज्ञान-प्रौद्योगिकी प्रदर्शनी आयोजित की जाएंगी। एसपीआइसी मैके, लोक कलाकारों, रंगमंच दलों और छात्र कलाकार सांस्कृतिक कार्यक्रम पेश करेंगे।
पूर्व छात्रों का होगा सम्मेलन
इस क्रम में पूर्व छात्रों का सम्मेलन होगा। इसमें पूर्व निदेशक, पूर्व अध्यक्ष तथा देश-विदेश के प्रतिष्ठित पूर्व छात्र संस्थान की सौ वर्षों की यात्रा और भविष्य की दिशा पर विचार-विमर्श करेंगे।
विरासत प्रदर्शनी एवं आर्काइव वाक से आगंतुकों को संस्थान के ऐतिहासिक विकास की महत्वपूर्ण झलकियां दिखाई जाएंगी। बता दें कि 1926 में रायल स्कूल आफ माइंस, लंदन के माडल पर स्थापित इस संस्थान ने इंडियन स्कूल आफ माइंस एंड एप्लाइड जियोलाजी के रूप में अपनी शुरुआत की थी।
समापन पर गौतम अदाणी होंगे मुख्य अतिथि
सप्ताह का समापन नौ दिसंबर को 100वें स्थापना दिवस समारोह के साथ होगा। इसमें अडानी समूह के अध्यक्ष गौतम अदाणी मुख्य अतिथि होंगे। समापन कार्यक्रम में शताब्दी विशेष घोषणाएं, पुरस्कार वितरण तथा एक भव्य ड्रोन शो भी शामिल होगा।

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