आइआइटी की रिसर्च स्कॉलर के पति ने फांसी लगाई, हालत नाजुक
ह्यूमैनिटी एंड सोशल साइंस इंजीनियरिंग विभाग की रिसर्च स्कॉलर ज्योति के पति अमित ने फांसी लगा ली। घटना झारखंड के धनबाद की है।
धनबाद, जेएनएन। आइआइटी इंडियन स्कूल ऑफ माइंस धनबाद के ह्यूमैनिटी एंड सोशल साइंस इंजीनियरिंग विभाग की महिला रिसर्च स्कॉलर ज्योति के पति अमित कुमार ने आइएसएम में फांसी लगा ली। मौके पर मौजूद पत्नी ने शोर मचाया। उसे फांसी लगाने से रोकने की पुरजोर कोशिश की। बावजूद वह फंदे से झूल गया। इस बीच, शोर सुनकर पहुंचे लोगों ने उसे उतारा। उसका अस्पताल में इलाज हो रहा है।
बताते हैं कि दोपहर 12.30 पर यह घटना हुई। संस्थान के वरीय सुरक्षा अधिकारी को सूचना मिली। तुरंत उन्होंने उसे पीएमसीएच भेजा। इस क्रम में 14 मिनट लगे। पीएमसीएच में उसका इलाज हो रहा है। हालांकि स्थिति अभी खतरे में बताई जा रही है। लड़की के पिता पुलिस अधिकारी हैं। लड़के के परिजन भी पुलिस अधिकारी हैं। फिलहाल घटना के कारणों का पता नहीं चल पाया है। माना जा रहा है कि दोनों के बीच किसी बात पर विवाद हो गया था।
संस्थान सूत्रों ने बताया कि अमित आइएसएम में पत्नी से मिलने पिछले सोमवार को ही आया था। यहां उसे ईडीसी हॉल में ठहराया गया था। दोनों देवघर के रहने वाले हैं। अभी अमित कुमार फिलहाल नोएडा में कार्यरत हैं। आइएसएम प्रबंधन उसका इलाज करा रहा है। रिसर्च स्कॉलर छात्रा ज्योति कुमारी ओपल हॉस्टल में रहती है। घटना के बाद से वह कुछ बोल नहीं पा रही है। वह सदमे में है।
वहीं, सोनारी थाना के ओल्ड सोनारी स्थित अंकुर अपार्टमेंट निवासी अनुभव अगन की 28 वर्षीय पत्नी कविता कुमारी ने दुपट्टा के सहारे फांसी लगा खुदकशी कर ली। घटना रविवार सुबह 8 बजे की है। मृतका की एक चार वर्ष की पुत्री है। जिसे वह खुदकशी के पहले अपार्टमेंट के नीचे छोड़ आयी थी। कविता की शादी 2012 में हुई थी। पुलिस मौके पर पहुंची। कविता के पति सुबह ही दिल्ली जाने को घर से निकले थे। घटना की जानकारी पर यात्रा स्थगित कर वापस घर लौटे। पुलिस को पति से पूछताछ में जानकारी मिली कि कविता समय पर खाना नही बनाती थी। हमेशा सोयी रहती थी। कई बार ड्यूटी से वापस लौटने पर उसे खाना बनाना पड़ता था जिसको लेकर पत्नी से विवाद हो जाता था, लेकिन वह मामले की अनदेखी कर देता था। रविवार सुबह वह दिल्ली जाने के लिये बिना नास्ते के घर से निकले। उसे हवाई मार्ग से जाना था। पास-पड़ोस के लोगों से घटना की जानकारी मिली। वह बीच रास्ते से लौट गया।
गोद में पत्नी के शव को लेकर रोता रहा अनुभव
घर पहुंचते ही अनुभव बिस्तर पर पड़ी कविता को गोद मे लेकर फुटफुट कर रोने लगा। लोगों ने मर्म दृश्य को देख अनुभव को कविता के शव से अलग किया। अनुभव ने बोकारो में रहने वाले अपने माता-पिता को इसकी जानकारी दी। कविता का मायका साकची के काशीडीह में है। उसके भाई का आरोप था कि बहन को ससुराल वाले परेशान करते थे जिसके कारण कविता ऐसा कदम उठाने को मजबूर हुई। सोनारी थाना के अधिकारी संजय मालाकार ने कहा कि मामले की जाच की जा रही है।