मॉडल गांव बनाएगा आइआइटी आइएसएम, राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने सौंपी जिम्मेवारी Dhanbad News
आइएसएम के निदेशक प्रो. राजीव शेखर ने कहा कि राष्ट्रपति ने संस्थानों को रैकिंग सुधारने पर विशेष ध्यान देने को कहा। इतना ही नहीं नागरिकों के लिए इज ऑफ लिविंग में सुधार लाना होगा।
धनबाद, जेएनएन। आइआइटी आइएसएम जिले के गांवों को मॉडल गांव बनाने की दिशा में काम करेगा। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने इसकी जिम्मेवारी आइएसएम को सौंपी है। मंगलवार को राष्ट्रपति भवन में आयोजित आइआइटी व एनआइटी के निदेशकों का वार्षिक सम्मेलन आयोजित किया गया था।
इस कार्यक्रम में आइआइटी आइएसएम समेत देशभर के 23 आईआईटी तथा 31 एनआईटी के निदेशकों ने हिस्सा लिया। आइआइटी आइएसएम के निदेशक प्रो. राजीव शेखर ने जानकारी देते हुए बताया कि राष्ट्रपति ने अपने संबोधन में कहा कि हाइड्रोकार्बन ऊर्जा ने दुनिया का चेहरा ही बदल दिया है जिससे हमारे अस्तित्व पर ही खतरा पैदा हो गया है। यह चुनौती है जिसके लिए हमें विकल्प तलाशना होगा।
'इज ऑफ लिविंग' में सुधार लाए संस्थान : उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति ने संस्थानों को रैकिंग सुधारने पर विशेष ध्यान देने को कहा। केवल इतना ही नहीं नागरिकों के लिए 'इज ऑफ लिविंग' में सुधार लाना है। प्रो. शेखर ने कहा कि राष्ट्रपति ने सभी तकनीकि संस्थानों से कहा कि वे अपनी विशेषज्ञता के माध्यम से वायु प्रदूषण की समस्या का समाधान ढूंढ लेंगे और साथ ही छात्रों तथा शोधकर्ताओं में संवेदनशीलता जगाएंगे।
तकनीकि संस्थानों को आगे बढ़कर कर लेना होगा जिम्मेवारी : लोगों के लिए जीवन सहज बनाने में आइआइटी और एनआइटी जैसे संस्थान महत्वपूर्ण योगदान दे। जैसे शहरी बुनियादी ढांचे में सुधार, जल आपूर्ति प्रणालियों को कुशल बनाना और स्वास्थ्य सेवा वितरण को अधिक प्रभावी बनाना आदि की जिम्मेवारी तकनीकि संस्थानों को आगे बढ़कर कर लेना होगा। इसके अलावा छोटे और कमजोर तकनीकि संस्थानों के मेंटरशीप की जिम्मेवारी भी बड़े तकनीकि संस्थानों को उठानी होगी।
आठ-नौ प्लान तैयार करने की दिशा में होगा काम : निदेशक प्रो. शेखर ने कहा कि आइएसएम ने आम आदमी व सामाजिक स्तर के सुधार की दिशा में आठ-नौ प्लान तैयार करने की दिशा में काम करेगा। इसकी शुरूआत नए वर्ष में की जाएगी।