नवाचार को बढ़ावा देने के लिए IIT (ISM) ने बनाई कंपनी, बाजार को मिलेगा स्वदेशी शोध का लाभ
एसीआइसी को कंपनी का रूप दिया जा रहा है। इसके तहत अस्थाई तौर पर कई पदों पर बहाली निकाली गई है। इसमें सीईओ (चीफ एग्जीक्यूटिव ऑफिसर) एकाउंटेंट एग्जीक्यूटिव मैनेजर इनोवेशन मैनेजर प्लानिंग एंड ऑपरेशन के साथ तीन युवा प्रोफेशनल का पद शामिल किया गया है।
धनबाद, जेएनएन। छात्रों और शिक्षकों के बीच इनोवेशन, इंटरप्रेन्योरशिप को बढ़ावा देने के लिए आइआइटी आइएसएम ने एक कदम और आगे बढ़ा लिया है। अटल कम्यूनिटी इनोवेशन सेंटर (एसीआइसी) की स्थापना करते हुए एसीआइसी आइआइटी आइएसएम फाउंडेशन नाम से कंपनी सेक्शन आठ के तहत बनाई है। इस कंपनी को अगले पांच वर्षों के लिए नीति आयोग और आइआइटी आइएसएम फंड मुहैया कराएगा। एसीआइसी पूरी तरह इनोवेशन के साथ-साथ इंटरप्रेन्योरशिप पर फोकस करेगा। इसमें केवल छात्र ही नहीं बल्कि प्रोफेसर भी एक छात्र की तरह शोध के लिए अपना पसीना बहाएंगे। यहां से निकला हर शोध जनपयोगी होगी साथ ही एक व्यवसाय का रूप लेगा। स्वदेशी तकनीक का उपयोग करके इस शोध को बाजार में उतारा जाएगा।
एसीआइसी को कंपनी का रूप दिया जा रहा है। इसके तहत अस्थाई तौर पर कई पदों पर बहाली निकाली गई है। इसमें सीईओ (चीफ एग्जीक्यूटिव ऑफिसर), एकाउंटेंट एग्जीक्यूटिव, मैनेजर इनोवेशन, मैनेजर प्लानिंग एंड ऑपरेशन के साथ तीन युवा प्रोफेशनल का पद शामिल किया गया है। आइआइटी ने अस्थाई नियुक्ति संबंधी विज्ञापन जारी कर दिया है। सीईओ पद का कार्यकाल तीन वर्षों का होगा। उन्हें प्रत्येक महीने वेतन के रूप में 65 हजार रूपये दिए जाएंगे।
सीईओ को एसीआइसी के तहत इनक्यूवेटर के सभी कार्यों का नेतृत्व करना, रणनीति बनाना और उसे दिशा प्रदान करने समेत अन्य कार्य करने होंगे। यानि एसीआइसी में इनोवशन और इंटरप्रेन्योरशिप के साथ-साथ बुनियादी ढांचे को बेहतर की पूरी जवाबदेही सीईओ के कांधे पर होगी। कंपनी का संचालन बोर्ड ऑफ डायरेक्टर की ओर से किया जाएगा। दिन प्रतिदिन की गतिविधियों के संचालन के लिए इन पदों पर नियुक्ति की जा रही है।