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    IIT (ISM) के शताब्दी उत्सव के ड्रोन शो में चमका विकसित भारत का सपना, पंडित भट्ट की सुर लहरियों ने बांधा समा

    By Shashi Bhushan Roy Edited By: Mritunjay Pathak
    Updated: Tue, 09 Dec 2025 08:06 AM (IST)

    Indian Institute of Technolog: आइआइटी (आइएसएम) धनबाद के शताब्दी उत्सव में ड्रोन शो के माध्यम से विकसित भारत के सपने को दर्शाया गया। पंडित भट्ट की सुर ...और पढ़ें

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    आइआइटी (आइएसएम) धनबाद में ड्रोन शो का आन‍ंद उठाते स्टूडेंट्स और अभिभावक। (फोटो-अमित सिन्हा )

    जागरण संवाददाता, धनबाद। आइआइटी आइएसएम में चल रहे शताब्दी स्थापना सप्ताह के छठे दिन शाम होते-होते सांस्कृतिक माहौल अपने चरम पर पहुंच गया। पेनमैन हाल में पद्म भूषण और ग्रैमी अवार्ड विजेता पं. विश्व मोहन भट्ट ने मोहन वीणा पर मनमोहक प्रस्तुति दी।

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    पंडित भट्ट द्वारा खासतौर से तैयार की गई धुन समन्वय द ट्यून फार मेंटल वेल-बीइंग उनके सुरों ने सभागार में ऐसी मधुरता घोली कि सभी मंत्रमुग्ध हो उठे। उन्होंने समन्वय के अलावा राग अहिर भैरव, झिंझोटी, खमाज और भोपाली जैसी प्रस्तुति देकर संगीत की जादुई प्रभाव क्षमता का अनुभव कराया। कार्यक्रम का आयोजन स्पीकमैके के सहयोग से आयोजित किया गया था।

    पहले ड्रोन शो ने बांधा समां
    जिमखाना मैदान में धनबाद का पहला ड्रोन शो आयोजित देर रात शुरू हुआ। ड्रोन शो में सैकड़ों प्रकाश-पुंज ड्रोन ने आकाश में संस्थान की 100 वर्षीया यात्रा, उपलब्धियों और भविष्य की आकांक्षाओं को रोशन आकृतियों के रूप में उकेरा।

    धनबाद के इतिहास में ड्रोन शो पहली बार देखने को मिला। ड्रोन शो को देखने के लिए पूरे संस्थान में मौजूद छात्र, शिक्षक और कर्मियों में उत्सुकता बनी थी। लंबे इंतजार के बाद रात साढे़ नौ बजे वेलकम टू आइआइटी आइएसएम के साथ शुरू हुआ।

    उसके बाद लेजर लाइट में 100 साल दिखा और फिर आइएसएम के स्थापना काल से लेकर अब तक हुए उपलब्धियों को एक-एक कर प्रस्तुत किया गया। वहां मौजूद दर्शकों ने इस ऐतिहासिक दृश्य का भरपूर आनंद लिया।

    छात्रों के 36 घंटे का नवाचार मैराथन शुरू
    आइआइटी आइएसएम में स्मार्ट इंडिया हैकाथान की शुरुआत सोमवार को हुई। देश के विभिन्न राज्यों से आए लगभग 160 प्रतिभागियों ने 36 घंटे के नवाचार मैराथन की चुनौती स्वीकार की। प्रतिभागी वास्तविक समस्याओं के समाधान तैयार कर रहे हैं।

    प्रतिभागियों को पांच अलग-अलग चुनौतियों पर समाधान करना है। जिनका मूल्यांकन विशेषज्ञ मंडल द्वारा किया जाएगा। विजेता टीम को एक लाख 25 हजार रुपये का पुरस्कार मिलेग। शिक्षा मंत्रालय और अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद द्वारा संचालित यह मंच देश में विद्यार्थियों के नवाचार को नई दिशा देता है।