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सही आर्थिक नीतियां से ही देश का विकास

धनबाद : भारत के विकास के लिए सही आर्थिक नीतियां जरूरी हैं। तभी हम विश्व प्रतियोगिता में

By JagranEdited By: Published: Sun, 09 Dec 2018 11:18 PM (IST)Updated: Sun, 09 Dec 2018 11:18 PM (IST)
सही आर्थिक नीतियां से ही देश का विकास
सही आर्थिक नीतियां से ही देश का विकास

धनबाद : भारत के विकास के लिए सही आर्थिक नीतियां जरूरी हैं। तभी हम विश्व प्रतियोगिता में टिके रह सकते हैं। अमेरिका अपनी नीतियों के कारण ही आज विश्व का अगुवा बना हुआ है। आज चीन भी अमेरिकी नीति को अपनाकर तेजी से आगे बढ़ रहा है। यह कहना है 'फेटपाइप नेटवर्क' यूएसए के अध्यक्ष व सीईओ डॉ. रगुला भास्कर का। वे रविवार को आइआइटी आइएसएम के 93 वें स्थापना दिवस समारोह को बतौर मुख्य अतिथि के रूप में संबोधित कर रहे थे।

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उन्होंने बताया कि किस प्रकार फ्रांस सरकार की आर्थिक नीतियों के कारण वहां की औद्योगिक इकाइयां सरकार के खिलाफ हो गईं और 60 हजार व्यवसायी देश छोड़ कर चले गए। अमेरिकी शिक्षा के बारे में बताया कि प्राइमरी एजुकेशन के समय ही छात्रों को उनकी च्वाइस के अनुरूप शिक्षा दी जाती है। भारत में अभी भी इसका अभाव है। 1981 बैच के छात्र रहे डॉ. रगुला भास्कर ने अपने आइएसएम के दिनों को याद करते हुए कहा कि आज भी आइएसएम द बेस्ट है। विश्व में आइएसएम के छात्रों को इज्जत से देखा जाता हैं।

मैंने इसलिए आइएसएम को चुना : थापर

वहीं इंदर मोहन थापर अवार्ड के ट्रस्टी वीके अरोड़ा ने कहा कि उनका चयन आइएसएम व आइआइटी खड़गपुर दोनों जगह हुआ था। बेहतर होने के बावजूद भी उन्होंने आइआइटी खड़गपुर छोड़कर आइएसएम में नामांकन लिया था। क्योंकि आइएसएम कई मामलों में बेहतर था। इस अवसर पर बीओजी के चेयरमैन प्रो. डीडी मिश्रा, उपनिदेशक प्रो. जेके पटनायक, प्रो. धीरज कुमार, प्रो.केके सिंह, डा. पी माथूर, सुभाशीष चटर्जी, प्रो. चिरंजीव कुमार सहित काफी संख्या में प्रोफेसर, कर्मचारी व छात्र उपस्थित थे।

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इन्हें किया गया सम्मानित

- 42 संकाय सदस्यों और कर्मियों को दीर्घ सेवा के लिए पुरस्कृत किया गया।

- वर्ष 2015-16 तथा 16-17 के लिए माइनिंग इंजीनिय¨रग के प्रो. डीसी पाणिग्रही को इस्मा बेस्ट रिसर्चर अवार्ड

- वर्ष 2014-16 के लिए सर्वाधिक पीएचडी पर्यवेक्षण के लिए पर्यावरण इंजीनिय¨रग विभाग के प्रो. गुरदीप सिंह व अप्लाइड केमेस्ट्री के प्रो. महेंद्र यादव को इस्मा अवार्ड

- उद्योग प्रायोजित परियोजना के माध्यम से अधिकतम फंडिंग के लिए प्रो. डीसी पाणिग्रही तथा प्रो. धीरज कुमार को एसबीआइ सर्वश्रेष्ठ शोधकर्ता पुरस्कार

- पेट्रोलियम, माइनिंग, पर्यावरण, मिनरल, मानविकी एवं सामाजिक विज्ञान इंजीनिय¨रग विभाग के छह शोध छात्रों को इंटर मोहन थापर अनुसंधान अवार्ड

- इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनिय¨रग विभाग के जूनियर रिसर्च को अनुसंधान प्रकाशन पुरस्कार माली और मजदूर को भी उनके बेहतर कार्य के लिए सम्मानित किया गया।

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बाहरी लोगों को भी एमओयू का लाभ

आइआइटी आइएसएम के स्थापना दिवस के मौके पर शोध व शैक्षणिक क्षेत्रों में सहयोग के लिए आइएसएम व आइबीएम के बीच एमओयू किया गया। इस दौरान आइबीएम के लीडर एकेडमिक पार्टनरशिप अनुका कुमार ने कहा कि एमओयू के तहत फिलहाल शैक्षणिक व शोध पर मिलकर काम किया जाएगा। उन्होंने कहा कि औद्योगिक इकाइयों को ध्यान में रखकर स्टडी मेटेरियल तैयार किया जाएगा। वहीं आइएसएम इस मैटरियल को अपने हिसाब से विकसित करेगा जिसका लाभ न केवल संस्थान को मिलेगा बल्कि औद्योगिक कंपनियां और बाहरी छात्र-छात्राओं को भी मिलेगा।

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हम भी बनेंगे वैज्ञानिक

आइआइटी आइएसएम के 93वें स्थापना दिवस के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में जिले के धनबाद पब्लिक स्कूल, दिल्ल्ी पब्लिक स्कूल, डीएवी कोयला नगर के सैकड़ों छात्र संस्थान के लाइब्रेरी और म्यूजियम के साथ विभिन्न विभागों के प्रयोगशाला देखने पहुंचे। इस दौरान संस्थान के प्रोफेसर व लैब असिस्टेंट ने छात्रों को रिसर्च से जुड़ी कई अहम जानकारियां दी और कई तकनीकी चीजों भी बताया। मौके पर पहुंचे स्कूली छात्रों ने संस्थान से प्रेरित होकर कहा कि वे भी भविष्य में वैज्ञानिक बनेंगे।

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इनसेट

आइएसएम छात्र बनेंगे ऑलराउंडर : निदेशक

आइआइटी आइएसएम के छात्र ऑलराउंडर बनेंगे। छात्रों को न केवल तकनीकि बल्कि दूसरे अन्य विषयों में भी पारंगत बनाया जाएगा। उक्त बातें आइएसएम के निदेशक प्रो. राजीव शेखर ने कही। उन्होंने कहा कि संस्थान के छात्र तकनीकी रूप से काफी मजबूत हैं लेकिन समय की मांग को देखते हुए संस्थान कुछ नए कोर्स को शुरू करेगा ताकि वे अपने जॉब के दौरान किसी भी चुनौतियों का समाधान कर सकें। उनहोंने कहा कि नए सत्र के शुरूआत से ही फाइनांस की भी पढ़ाई होगी ताकि उन्हें कंपनियों के बैंलेंसशीट की भी बेहतर जानकारी हो। इसके अलावा समर समेस्टर में अवकाश के दौरान करेंट अफेयर के अलावा लॉ, इतिहास तथा पॉल्टीकल साइंस की पढ़ाई कराई जाएगी।

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छात्रों निकलेंगे कमरे से बाहर, बनेगा ठेला पार्क

आइएसएम के निदेशक प्रो. शेखर ने कहा कि छात्रों को कमरे से बाहर निकाला जाएगा ताकि वे अधिक से अधिक एक्स्ट्रा एक्टिविटी में शामिल हो सकें। इसकी शुरूआत कर दी गई है। उन्होंने कहा कि एक्स्ट्रा एक्टिविटी के लिए करीब एक दर्जन से अधिक क्लब की शुरूआत कर दी गई है। जहां छात्र अपनी दिलचस्पी के अनुसार क्लब का चयन कर सकते हैं। वहीं कैंपस के अंदर ठेला पार्क बनाया जाएगा जहां छात्रों को उनकी मनपंसद खाने के अनुसार ठेला लगाया जाएगा। इसके अलावा सेंट्रल लाइब्रेरी के पास फूड प्लाजा भी खोला जाएगा।

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कैंसर पीड़ित छात्र के लिए जुटाया एक करोड़

निदेशक प्रो. राजीव शेखर ने कहा कि आइआइटी आइएसएम देश के अन्य तकनीकि संस्थानों में बेहतर माना जाता है। लेकिन कंपनियों के साथ बेहतर संबंध का होना आइएसएम का सबसे बड़ी ताकत है जो देश के किसी भी तकनीकि संस्थान के पास नहीं है। इस दौरान कोलकाता चैप्टर ने आइएसएम को एक करोड़ रूपये फंड देने की घोषणा की। वहीं प्रो. शेखर ने कहा कि ल्यूकोमेनिया (ब्लड कैंसर) से जूझ रहे आइआइटी आइएसएम के तृतीय वर्ष के छात्र आदित्य कुमार टाटा मेमोरियल अस्पताल मुंबई में इलाजरत है और उसके बेहतर उपचार के लिए 20 लाख रूपये की आवश्यकता थी। संस्थान ने 23 लाख रूपये जुटा लिए हैं। आदित्य बहुत जल्द स्वस्थ होकर वापस संस्थान में लौटेगा।


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