बिहार के किसान के बेटे ज्ञानेंद्र ने गेट में लहराया परचम, ये है ख्वाहिश
माइनिंग इंजीनियरिंग के छात्र भैरों सिंह की ऑल इंडिया रैंकिंग दस है। झुनझुनु राजस्थान के रहने वाले भैरो के पिता हनुमान सिंह किसान हैं। वे अपनी सफलता का श्रेय पिता को देते हैं।
धनबाद, जेएनएन। गेट का परिणाम जारी कर दिया गया है। इसमें आइआइटी आइएसएम के छह छात्रों को सफलता मिली है। आइएसएम से 2018 में पासआउट माइनिंग इंजीनियरिंग के ज्ञानेंद्र राज को गेट रैंक दो मिला है। मदनपुर अररिया बिहार के रहने वाले ज्ञानेंद्र इस समय हिंदुस्तान जिंक लिमिटेड में जॉब कर रहे हैं।
ज्ञानेंद्र ने अपनी सफलता का श्रेय पिता, बड़ी दीदी और दोस्तों को दिया है। मां आशा मिश्रा का देहांत हो चुका है और पिता राजेंद्र नाथ मिश्रा किसान हैं। ज्ञानेंद्र ने बताया कि हमारा देश बड़ी मात्रा में मेटल का आयात करता है। योग्य माइनिंग इंजीनियर बनकर अपने देश के लिए इस कमी को पूरा करना चाहता हूं।
बेस्ट इंजीनियर बनने की तमन्नाः माइनिंग इंजीनियरिंग के छात्र भैरों सिंह की ऑल इंडिया रैंकिंग दस है। झुनझुनु राजस्थान के रहने वाले भैरो के पिता हनुमान सिंह किसान हैं। वे अपनी सफलता का श्रेय पिता और फैकल्टी को देते हैं। उनकी तमन्ना देश का बेस्ट इंजीनियर बनने की है।
किसान का बेटा बनना चाहता है अधिकारीः इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग के छात्र विकास की ऑल इंडिया रैंक 112 है। हांसी कस्बा हिसार, हरियाणा के रहने वाले किसान सुरेश कुमार के पुत्र विकास की ख्वाहिश इंडियन इंजीनियरिंग सर्विस में अधिकारी बनने की है।
-नाम : आदित्य गंगवार, इलेक्ट्रिकल इंजीनियर
-एआइआरः 169
-घर : शाहजहांपुर, उत्तर प्रदेश
-माता-पिता : रेखा गंगवार-मुनीष चंद्रा,
-पिता कपड़े की फैक्ट्री में कर्मचारी
-लक्ष्य : बिजनेस करना ताकि रोजगार सृजन कर सकूं और बेरोजगारों को रोजगार मिले
-नाम : ऋषभ कुमार, इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग
-एआइआर : 169
-घर : कटिहार, बिहार
-पिता : श्रवण कुमार जायसवाल,
-पिताः रेल मेल सर्विस में क्लर्क
-लक्ष्य : पीएसयू में जॉब करना