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गर धनबाद की बेटी का सपना हुआ साकार तो किसान नहीं रोबोट करेंगे खेती

अंजली की सफलता से उसकी मां शोभा और पिता रंजीत अग्रवाल बेहद खुश हैं। झरिया के व्यवसायी रंजीत कहते हैं कि आज हमारी बेटी ने वह कर दिखाया है जिससे पूरे परिवार को मान मिल रहा है।

By Edited By: Published: Thu, 11 Oct 2018 03:52 PM (IST)Updated: Thu, 11 Oct 2018 06:07 PM (IST)
गर धनबाद की बेटी का सपना हुआ साकार तो किसान नहीं रोबोट करेंगे खेती
गर धनबाद की बेटी का सपना हुआ साकार तो किसान नहीं रोबोट करेंगे खेती
धनबाद, राजीव शुक्ला। खेती में भी विज्ञान के सिद्धांतों का समावेश लगातार हो रहा है। वैज्ञानिक विधियों से खेती तो हो ही रही है। अब रोबोट का भी इसमें प्रयोग होगा। जो खेतों की सिंचाई के साथ बीज बोएगा और सब्जियां भी तोड़ेगा। यांत्रिक अभियंत्रण (मेकेनिकल इंजीनियरिंग) और कंप्यूटर तकनीक के दम पर ऐसा संभव कर दिखाया है धनबाद के झरिया की रहने वाली अंजली अग्रवाल और उनके साथियों ने।
नागपुर के जेडी कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग में बीई अंतिम वर्ष की छात्रा अंजली के प्रोजेक्ट को आइआइटी मुंबई की ओर से आयोजित प्रदर्शनी में टॉप-18 में जगह मिली है। इस बेटी ने अपनी सोच को जब प्रोजेक्ट के रूप में साकार किया तो विज्ञान विशेषज्ञ भी उसका लोहा मान गए। अंजली की सफलता से उसकी मां शोभा और पिता रंजीत अग्रवाल बेहद खुश हैं। झरिया के व्यवसायी रंजीत कहते हैं कि आज हमारी बेटी ने वह कर दिखाया है जिससे पूरे परिवार को मान मिल रहा है। बेटियां तो बेटों से किसी भी मायने में कम नहीं हैं। बस उनका उत्साह बढ़ा दें तो वे हर मुकाम पा सकतीं हैं।

यांत्रिक और कंप्यूटर तकनीक से काम करता रोबोट: अंजली ने बताया कि इस प्रोजेक्ट को बनाने में वह व उसके तीन साथियों नीलेश पटले, सचिन ठाकरे और अमन उमरेडकर ने काफी मेहनत की। यांत्रिक तकनीक और कंप्यूटर तकनीक का रोबोट में समावेश किया गया है। इस रोबोट को बनाने में तीस हजार की राशि खर्च हुई। रोबोट को विशेष प्रकार से तैयार कंप्यूटर प्रोग्राम दिया जाता है। उसी अनुरूप वह काम करता है। यांत्रिक तकनीक से वह चलता और खुदाई, सब्जी तोड़ने का काम करता है।
बेटियों को बेटों से कमतर आंकने की न करें भूल : अंजली कहती है कि बेटियां किसी भी मायने में बेटों से कम नहीं हैं। बस उन्हें प्रोत्साहित करने की जरूरत है। माता-पिता उसे आगे बढ़ने को प्रेरित करें। लड़किया राह स्वयं बना लेती हैं। घर का साथ मिलते ही उनकी प्रतिभा चमक उठती है। कार्मल से दसवीं व बारहवीं करने के बाद जब बाहर जाकर पढ़ने की बात हुई तो मेरे माता-पिता ने सहर्ष भेज दिया। उनकी तमन्ना थी कि बेटी कुछ अलग हटकर करे। वह किया। झांसी की रानी लक्ष्मी बाई ने जब जरूरत पड़ी तो युद्ध क्षेत्र में कौशल दिखाया। सुनीता विलियम्स ने अंतरिक्ष में डंका बजा दिया। जमीन से आसमान तक हर क्षेत्र में आज आधी आबादी अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन कर सफलता प्राप्त कर रही है।

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