ठंडी हो गई आइसक्रीम, बिजली बिल के भी नहीं जुट रहे पैसे
धनबाद कुल्फी आइस कैंडी कोन कप आइसक्रीम समेत तमाम तरह के आइसक्रीम इन दिनों धनबाद के बाजारों में नहीं दिख रही हैं। गर्मियां तो इनके बिना ही बीत गई।
धनबाद : कुल्फी, आइस कैंडी, कोन, कप आइसक्रीम समेत तमाम तरह के आइसक्रीम इन दिनों धनबाद के बाजारों में नहीं दिख रही हैं। गर्मियां तो इनके बिना ही बीत गई। न तो सड़कों पर आइसक्रीम का बाक्स लेकर घूमने वाले दिखे और ना ही बाजारों में इसके खरीदार मिले। नतीजतन धनबाद के एक दर्जन के करीब आइसक्रीम बनाने वाली छोटी इकाइयां ठप पड़ गई। जो चल रही हैं, उनका भी उत्पादन महज 20 फीसद पर पहुंच चुका है। कारण साफ है कोरोना संक्रमण काल में हुए लॉकडाउन में तीन माह तक हर प्रकार का कारोबार ठप रहा और जब अनलॉक हुआ तो कोरोना के भय ने लोगों को ठंडी चीजों से परहेज करने को मजबूर कर दिया। धनबाद में टॉप एन सिटी, क्रीम बेल जैसे स्थानीय स्तर पर बनने वाले आइसक्रीम हैं। इसके अलावा देश के बड़े ब्रांड के आइसक्रीम पार्लर भी हैं। एक अनुमान के मुताबिक आम दिनों में एक दुकानदार एक माह में 50 से 55 हजार का कारोबार करता है। जबकि छोटी फैक्ट्रियां और पार्लर 90 हजार से एक लाख रुपये तक की कमाई कर लेते हैं। लेकिन वर्तमान में क्रीम बेल के पास आर्डर नहीं हैं। उसके डीप फ्रीजर खाली पड़े हुए हैं। वहीं टॉप एन सिटी के प्रतिदिन दो आइसक्रीम बॉक्स ही बाजार में निकल पा रहे हैं। टॉप एन सिटी के कृष्णा ने बताया कि लॉकडाउन के पूर्व ठंड का मौसम था। मार्च माह में प्रतिदिन 12 गाड़ियां निकल रही थीं। अनलॉक के दौरान महज दो पर ही वे लोग निर्भर हैं। बिक्री नहीं होने से कर्मचारियों ने भी काम छोड़ दिया है। कुछ ऐसा ही हाल क्रीम बेल का भी है। यहां तो मात्र एक गाड़ी ही प्रतिदिन निकल रही है। बात कमाई की करें तो 600 से 800 रुपये प्रतिदिन आ रहा है। इससे बिजली का भी बिल चुकाना मुश्किल हो गया है। शादियों एवं पार्टियों के भी ऑर्डर नहीं आ रहे हैं। क्रीम बेल के आकाश ने बताया कि उनके पास आठ डीप फ्रीजर हैं और सभी खाली पड़े हुए हैं। कमाई का महीना खाली बीता : आइसक्रीम के कारोबार के लिए मार्च, अप्रैल, मई, जून, जुलाई, अगस्त और सितंबर का महीना काफी अच्छा माना जाता है। जून तक तो बाजार पूरी तरह से बंद रहा। इसके बाद अनलॉक की प्रक्रिया शुरू भी हुई तो लोग कोरोना के कारण ठंडी चीजें खाने से परहेज करने लगे। कारोबारी ऋषि ने बताया कि यदि आने वाले दिनों में बाजार में तेजी आती भी है, तो ठंड के मौसम के कारण आइसक्रीम की बिक्री नहीं होगी। यह साल पूरा यूं ही चला गया।