वार्ता के आश्वासन पर खत्म हुआ रैयतों का आमरण अनशन
चासनाला : सेल चासनाला कोलियरी में जमीन के बदले एडहॉक पर मिले चार परसबनिया के रैयतों को
चासनाला : सेल चासनाला कोलियरी में जमीन के बदले एडहॉक पर मिले चार परसबनिया के रैयतों को नियोजन के बाद कार्य से बैठा देने के खिलाफ रैयतों का मासस के बैनर तले चासनाला जीएम गेट के समक्ष मंगलवार से चल रहा अनिश्चिकालीन आमरण अनशन चौथे दिन शुक्रवार को रैयतों के आत्मदाह को लेकर दिनभर हाई वोल्टेज ड्रामा हुआ। सेल प्रबंधन व प्रशासन हलकान रहा। देर शाम प्रशासन की पहल पर हुए एक समझौते के बाद आंदोलन समाप्त हो गया। सेल प्रबंधन ने एक अगस्त को झरिया अंचल कार्यालय में रैयतों के साथ त्रिपक्षीय वार्ता कर समस्या के समाधान का आश्वासन दिया। तब लोग शांत हुए। इसके बाद सेल के वरीय प्रबंधक काíमक व औद्योगिक समन्वय अजय कुमार व प्रबंधक काíमक प्रमोद कुमार ने अनशन पर बैठे संजय ¨सह, श्याम नारायण ¨सह व वीरेंद्र कुमार ¨सह को जूस पिलाकर अनशन तोड़वाया। आंदोलन समाप्त होने के बाद सभी ने राहत की सांस ली।
बताया जाता है कि रैयतों के सपरिवार आत्मदाह की घोषणा के बाद शुक्रवार को सुबह से ही मासस समर्थक महिलाएं व पुरुषों की भीड़ अनशन स्थल पर जुटने लगी थी। आंदोलनकारियों ने सेल चासनाला जीएम कार्यालय गेट को एक घंटा तक जाम कर प्रबंधन के खिलाफ नारेबाजी कर प्रदर्शन किया। आत्मदाह की सूचना पर धनबाद पुलिस लाइन से दस महिला व पुरुष बल को मंगाया गया था। जोरापोखर अंचल के पुलिस निरीक्षक गेंदरू भगत, गौशाला ओपी प्रभारी श्रीकांत ओझा, अलकडीहा ओपी प्रभारी एए मुर्मू, पाथरडीह थाना के सअनि उदय तिवारी, रोहितास कुमार भी पुलिस के साथ स्थिति पर नजर रखे थे। अपने उच्च अधिकारियों को भी पल-पल की जानकारी दे रहे थे। पुलिस अधिकारियों को सूचना मिली कि गुरुवार की देर शाम पीएमसीएच भेजे गए तीनों अनशनकारियों को चिकित्सकों ने इलाज के बाद छोड़ दिया है। तीनों अनशनकारियों के चासनाला पहुंचते ही पुलिस ने हिरासत में लेना चाहा। परंतु अनशन स्थल पर बैठे दर्जनों मासस समर्थकों ने उन्हें बचाते हुए अनशन स्थल तक ले गये। उन्हें घेर कर बैठ गये।
मौके पर पहुंचे दंडाधिकारी बलियापुर अंचल अधिकारी आशुतोष ओझा ने पहल करते हुए सेल प्रबंधन के साथ जीएम कार्यालय में मंत्रणा की। एक अगस्त को झरिया अंचल अधिकारी कार्यालय में वार्ता करने पर सहमति बनी।
मासस के जिला सचिव निताई महतो ने कहा कि जिला प्रशासन की पहल पर आंदोलन वापस लिया जा रहा है। हमे उम्मीद है कि रैयतों को न्याय मिलेगा। अशोक महतो, दुर्गा ओझा, हरेमुरारी महतो, बिरंची महतो, नागेंद्र ¨सह, प्रदीप हरिजन, जागुनी हांसदा, दासमुनि हांसदा, शीतला बाउरी, फुनी देवी, सुंदरा देवी, सुरजमुनि हांसदा, शकुंतला बाउरी, सरला टुडु आदि थे।