भाजपा नेत्री उत्पीड़न प्रकरण: विधायक ढुलू महतो को मानवाधिकार आयोग में तलब, 6 को सुनवाई Dhanbad News
महिला नेत्री 13 नवंबर 2015 को मोबाइल संख्या 9279702831 से विधायक ढुलू ने कॉल कर रांची चलने को कहा था। इन्कार किया तो विधायक ने छह सात बार कॉल कर दबाव बनाया।
कतरास, जेएनएन। बाघमारा के भाजपा विधायक ढुलू महतो द्वारा भाजपा नेत्री से यौन शोषण का प्रयास के मामले में सुनवाई के लिए झारखंड राज्य मानवाधिकार आयोग ने छह सितंबर की तारीख मुकर्रर की है। कतरास की भाजपा नेत्री ने ढुलू महतो के खिलाफ यौन शोषण का प्रयास करने पर प्राथमिकी दर्ज किए जाने के लिए ऑनलाइन शिकायत की थी। प्राथमिकी दर्ज नहीं हुई तो भाजपा नेत्री ने मानवाधिकार आयोग में दरख्वास्त दी। छह जुलाई को मानवाधिकार आयोग पीडि़ता का पक्ष सुनेगा। इस मसले पर विधायक ढुलू महतो ने कोई प्रतिक्रिया नहीं दी।
बाघमारा विधायक ढुलू महतो पर यौन शोषण का आरोप लगाने वाली पीडि़ता भाजपा की महानगर समिति में पदाधिकारी रह चुकी है। उन्होंने जब आरोप लगाया था तब भी भाजपा की धनबाद जिला मंत्री थीं। उन्होंने ढुलू महतो के खिलाफ ऑनलाइन शिकायत की थी तो एसएसपी किशोर कौशल ने बाघमारा के अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी से जांच कराई। जांच का फलाफल निकला कि विधायक पर भाजपा नेत्री द्वारा लगाए गए आरोपों की पुष्टि नहीं होती है। इसी आधार पर भाजपा नेत्री की ऑनलाइन शिकायत पर प्राथमिकी दर्ज नहीं की गई थी। भाजपा नेत्री को अंदेशा हुआ कि प्राथमिकी दर्ज नहीं होगी तो वे मानवाधिकार आयोग में चली गई। मानवाधिकार आयोग ने धनबाद पुलिस से जवाब तलब किया था। यह आदेश भी दिया कि ढुलू महतो के खिलाफ की गई ऑनलाइन शिकायत की जांच रिपोर्ट पीडि़ता को उपलब्ध कराई जाय। जांच रिपोर्ट में जो बातें कही गई है, अब भाजपा नेत्री उस पर जिरह करेंगी।
ऑनलाइन शिकायत थी कि टुंडो गेस्टहाउस में गलत काम कियाः भाजपा नेत्री ने कतरास थाना में 23 नवंबर 2018 को विधायक ढुलू महतो के खिलाफ ऑनलाइन शिकायत दर्ज कराई थी। शिकायत में कहा गया कि कहा था कि 13 नवंबर 2015 को मोबाइल संख्या 9279702831 से विधायक ढुलू महतो ने कॉल कर रांची चलने को कहा था। समयाभाव बताया तो विधायक ने छह सात बार कॉल कर रांची जाने के लिए दबाव बनाया। बोकारो के मॉल में मार्केटिंग करवाने का प्रलोभन भी दिया। फिर भी उन्होंने बहानेबाजी कर विधायक को टाल दिया। एक सप्ताह के बाद मोबाइल नंबर 7870367320 से फोन कर ढुलू महतो ने उन्हें पार्टी का कार्य होने की बात कह कर ङ्क्षहदुस्तान जिंक लिमिटेड के टुंडो गेस्टहाउस पर बुलाया था। वो गेस्टहाउस गई तो वहां ढुलू महतो के अलावा आनंद शर्मा थे। उनके पहुंचते ही आनंद शर्मा बाहर चले गए। शिकायत के मुताबिक ढुलू महतो ने उनसे कहा था कि वह बहुत अच्छी लग रही है, 18 साल की उमर लग रही है। फिर ढुलू महतो ने उन्हें आलिंगनबद्ध कर लिया। फिर संवेदनशील अंगों को छूने लगे। वह किसी तरह वहां से भाग कर अपने कतरास आवास पर आई। इसके बाद अपनी दुकान पर आई तो आनंद शर्मा आकर मिले। बोले कि विधायक बहुत चाहते हैं। उनकी बात मान जाने पर मालामाल कर देंगे। विधायक की बात नहीं मानने पर बर्बाद हो जाएगी। इसके बाद भी विधायक फोन कर हम बिस्तर होने का दबाव बनाते रहे। नहीं मानने पर अपने लोगों को भेज कर धमकाते रहे हैं। तंग आकर भयवश प्रशासन की शरण में आना पड़ा है।
यह अंदाजा हो गया था कि इस व्यवस्था में ढुलू महतो के मामले में सुनवाई नहीं होगी। इसके बाद वो इंसाफ के लिए उच्च न्यायालय की शरण में गई। यकीन है कि उच्च न्यायालय से उन्हें इंसाफ मिलेगा।
-पीडि़त भाजपा नेत्री
अधिवक्ता राजीव बोले, यह मामला भी उन्नाव कांड की तरहः अधिवक्ता राजीव कुमार की पहचान व्यापक जनहित के मुकदमे से है। ढुलू महतो के खिलाफ पीडि़ता की ओर से उच्च न्यायालय में मुकदमा लड़ रहे हैं। उन्होंने कहा कि यह मामला उत्तर प्रदेश के उन्नाव कांड की तरह है। यह मामला भाजपा विधायक के खिलाफ है। उनके खिलाफ 28 केस हुए हैं। सत्ता के गलियारे में उनकी अच्छी पकड़ है। यही कारण है कि आज तक उनके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज नही हुआ। गवाहं पर दबाव बनाने के लिए उनके खिलाफ झूठा मुकदमा दर्ज करा दिया गया है। दूरभाष पर राजीव कुमार ने कहा कि ललिता कुमारी बनाम यूपी स्टेट के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने आदेश है कि किसी भी संज्ञेय अपराध की शिकायत दी जाती है तो पुलिस को प्राथमिकी दर्ज कर जांच करनी चाहिए। पीडि़ता ने नवंबर 2018 में ऑनलाइन शिकायत दर्ज कराई थी। पुलिस ने केस नहीं किया।